शुक्रवार की देर रात महाराष्ट्र के पुणे में जम्मू-कश्मीर के एक पत्रकार पर कुछ स्थानीय युवकों ने हमला कर दिया. पत्रकार की बीच सड़क में न केवल पिटाई की गई बल्कि उसे बुरी तरह धमकाया गया। लोगों ने उसे कश्मीर वापस भेज देने की धमकी दी। इस हमले में पत्रकार की बाईं और की कलाई टूट गई, जबकि शरीर पर कई जगह घाव भी आए। घटना तिलक रोड़ पर रात साढ़े दस बजे गिरजा होटल के आसपास हुई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़ित की पहचान 23 वर्षीय जिबरान नजीर डार के रूप में की गई, जो कि पत्रकार हैं। वह तकरीबन डेढ़ साल से पुणे में रह रहे हैं।
बता दें एक सप्ताह पहले कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद किए। जिसके बाद से देशभर के कई राज्यों कश्मीरी लोगों के साथ पिटाई के मामले सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और 11 राज्यों सरकारों को कश्मीरी लोंगो की सुरक्षा को लेकर तत्काल कदम उठाने के आदेश दिए हैं।
जिबरान के बयान के मुताबिक, यह संगठित हमला नहीं था। घटना रोड रेज की थी, जो कि बाद में मार-पीट तक आ भड़की।
पीड़ित के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया, मैं तिलक रोड पर अपनी मोटरसाइकिल से आ रहा था। गिरजा होटल के पास लाल बत्ती हुई, तब रुका था। बाइक सवार कुछ लोग मुझे आगे बढ़ने को लेकर लगातार हॉर्न बजा रहे थे। मैंने कहा कि सिग्नल नहीं है, लिहाजा मैं आगे नहीं बढ़ सकता।
जिबरान ने कहा कि, उन लोगों में से एक ने मेरी बाइक की नंबर प्लेट देख कर कहा था- अगर हमसे बहस करोगे, तब तुम्हें हिमाचल प्रदेश भेज देंगे। मैंने कहा कि मैं कश्मीर से हूं, जिस पर वह तुरंत भड़क गए और अपनी बाइक से उतर आए। मैं कुछ समझ पाता, उससे पहले ही वे मुझ पर टूट पड़े।
जिबरान के अनुसार, बाइक सवार उन दो युवकों ने घटना के दौरान कुछ दोस्त भी बुला लिए थे। उन सबने मिलकर उनकी पिटाई की। वे सभी मौके से भागने वाले थे, तभी जिबरान ने उनमें से एक का बाइक का नंबर किसी तरह लिख लिया और फौरन पुलिस स्टेशन पहुंचे।
एक अंग्रेजी अखबार से इंस्पेक्टर अशोक कदम ने इस बारे में कहा था, हमारे पास शिकायत आई है और स्थानीय लोगों के खिलाफ हम मामला दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं। हम उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 279, 337 और 323 के तहत शिकायत दर्ज करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़ित की पहचान 23 वर्षीय जिबरान नजीर डार के रूप में की गई, जो कि पत्रकार हैं। वह तकरीबन डेढ़ साल से पुणे में रह रहे हैं।
बता दें एक सप्ताह पहले कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद किए। जिसके बाद से देशभर के कई राज्यों कश्मीरी लोगों के साथ पिटाई के मामले सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और 11 राज्यों सरकारों को कश्मीरी लोंगो की सुरक्षा को लेकर तत्काल कदम उठाने के आदेश दिए हैं।
जिबरान के बयान के मुताबिक, यह संगठित हमला नहीं था। घटना रोड रेज की थी, जो कि बाद में मार-पीट तक आ भड़की।
पीड़ित के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया, मैं तिलक रोड पर अपनी मोटरसाइकिल से आ रहा था। गिरजा होटल के पास लाल बत्ती हुई, तब रुका था। बाइक सवार कुछ लोग मुझे आगे बढ़ने को लेकर लगातार हॉर्न बजा रहे थे। मैंने कहा कि सिग्नल नहीं है, लिहाजा मैं आगे नहीं बढ़ सकता।
जिबरान ने कहा कि, उन लोगों में से एक ने मेरी बाइक की नंबर प्लेट देख कर कहा था- अगर हमसे बहस करोगे, तब तुम्हें हिमाचल प्रदेश भेज देंगे। मैंने कहा कि मैं कश्मीर से हूं, जिस पर वह तुरंत भड़क गए और अपनी बाइक से उतर आए। मैं कुछ समझ पाता, उससे पहले ही वे मुझ पर टूट पड़े।
जिबरान के अनुसार, बाइक सवार उन दो युवकों ने घटना के दौरान कुछ दोस्त भी बुला लिए थे। उन सबने मिलकर उनकी पिटाई की। वे सभी मौके से भागने वाले थे, तभी जिबरान ने उनमें से एक का बाइक का नंबर किसी तरह लिख लिया और फौरन पुलिस स्टेशन पहुंचे।
एक अंग्रेजी अखबार से इंस्पेक्टर अशोक कदम ने इस बारे में कहा था, हमारे पास शिकायत आई है और स्थानीय लोगों के खिलाफ हम मामला दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं। हम उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 279, 337 और 323 के तहत शिकायत दर्ज करेंगे।