छत्तीसगढ़ में मतगणना के शुरूआती रुझान अगर नतीजों में तब्दील हो जाते हैं तो बहुत उम्मीद के साथ यहां के लिए ये बात कही जा सकती है कि देर से ही सही...जनता को गुस्सा आता है.
छत्तीसगढ़ में पिछले 15 सालों से सत्ता पर आसीन भाजपा, 2018 के चुनावों में मुह के बल गिरती नज़र आ रही है. भाजपा के लिए ये दौर कितना कठिन है इसका अंदाज़ा ऐसे लगाइए कि 15 साल से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह, जिनके गृह ज़िले राजनान्दगाँव की 6 में से 5 सीटों पर भाजपा पीछे चल रही है.
जिस एक सीट से भाजपा बामुश्किल आगे है वो सीट ख़ुद मुख्यमंत्री रमन सिंह की है. पर इस एक सीट पर आगे होने के बावजूद भी भाजपा की किरकिरी ही हो रही है, वो इसलिए कि मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ कांग्रेस ने जो प्रत्याशी उतारा है वो जनता के बीच अप्रचलित रहा है, प्रदेश के मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ करुणा शुक्ला को जब कांग्रेस ने उतरा तो रमनसिंह की जीत ताय मान ली गई थी पर भाजपा की हालत देखिए कि प्रदेश के मुख्यमंत्री एक अप्रचलित चेहरे से मुकाबले में मात्र 145 वोटों से आगे हैं.
पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर evm में गड़बड़ी, सड़क किनारे, होटलों और भाजपा नेताओं के घरों से evm मिलने की कई ख़बरें आईं जो ज़ाहिर हैं कि मेन स्ट्रीम मीडिया में लगभग नहीं दिखाई गईं, खरीद-फ़रोख्त आयर बूथ के अन्दर की सेटिंग्स के आरोपों के पहाड़ के बीच भी अगर जनादेश सत्ता के इस कदर विपरीत है तो समझना मुश्किल नहीं होगा कि बीते 15 सालों से छत्तीसगढ़ की जनता ने कितना कुछ झेला होगा के जिसका असंतोष इस कदर फूट रहा है.
छत्तीसगढ़ में पिछले 15 सालों से सत्ता पर आसीन भाजपा, 2018 के चुनावों में मुह के बल गिरती नज़र आ रही है. भाजपा के लिए ये दौर कितना कठिन है इसका अंदाज़ा ऐसे लगाइए कि 15 साल से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह, जिनके गृह ज़िले राजनान्दगाँव की 6 में से 5 सीटों पर भाजपा पीछे चल रही है.
जिस एक सीट से भाजपा बामुश्किल आगे है वो सीट ख़ुद मुख्यमंत्री रमन सिंह की है. पर इस एक सीट पर आगे होने के बावजूद भी भाजपा की किरकिरी ही हो रही है, वो इसलिए कि मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ कांग्रेस ने जो प्रत्याशी उतारा है वो जनता के बीच अप्रचलित रहा है, प्रदेश के मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ करुणा शुक्ला को जब कांग्रेस ने उतरा तो रमनसिंह की जीत ताय मान ली गई थी पर भाजपा की हालत देखिए कि प्रदेश के मुख्यमंत्री एक अप्रचलित चेहरे से मुकाबले में मात्र 145 वोटों से आगे हैं.
पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर evm में गड़बड़ी, सड़क किनारे, होटलों और भाजपा नेताओं के घरों से evm मिलने की कई ख़बरें आईं जो ज़ाहिर हैं कि मेन स्ट्रीम मीडिया में लगभग नहीं दिखाई गईं, खरीद-फ़रोख्त आयर बूथ के अन्दर की सेटिंग्स के आरोपों के पहाड़ के बीच भी अगर जनादेश सत्ता के इस कदर विपरीत है तो समझना मुश्किल नहीं होगा कि बीते 15 सालों से छत्तीसगढ़ की जनता ने कितना कुछ झेला होगा के जिसका असंतोष इस कदर फूट रहा है.