छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों का गुस्सा इस समय चरम पर है।
रमन सरकार के इस कार्यकाल में तकरीबन साढ़े 4 साल तो कर्मचारी सरकार से डरे रहे, लेकिन अब चुनाव का समय आया तो इनको लगने लगा है कि सरकार को दबाव में लिया जा सकता है।
( courtesy: ibc24.in)
देशबंधु की खबर के अनुसार, इस समय राजधानी रायपुर के धरनास्थल ईदगाह भाठा मैदान में हर तरफ हड़ताली कर्मचारी ही दिखाई देते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस समय सरकार के करीब 54 विभागों के एक लाख 71 हजार कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और बहुत सारे हड़ताल पर बैठे हैं।
अधिकतर कर्मचारियों की मांग नियमित किए जाने और वेतन विसंगतियां दूर करने की है, जिसकी रमन सिंह सरकार हमेशा अनदेखी करती रही है। कर्मचारियों को उम्मीद है कि शायद चुनाव के वक्त सरकार उनकी कुछ सुध ले सकती है।
पंचायत विभाग के 8 साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षाकर्मियों को नियमित किए जाने के फैसले के बाद अन्य विभागों के कर्मचारी भी उत्साहित हो गए हैं। कई विभागों के कर्मचारी तो 2 माह से भी ज्यादा समय से धरने पर बैठे हुए हैं।
ईदगाहभाठा मैदान पर छत्तीसगढ़ प्रगतिशील कर्मचारी संगठन इन आंदोलनकारी कर्मचारियों को एकजुट करने में लगा हुआ है। इस संगठन के बैनर तले 23 दिनों से अनशन भी जारी है, जिसमें कई विभागों के प्रथम श्रेणी से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक के कर्मचारी शामिल हैं।
हालांकि रमन सिंह सरकार चुनाव सिर पर होने के बावजूद इनकी मांगों को लगातार नामंजूर करती आ रही है, जिस कारण कर्मचारियों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
Source-http://www.ibc24.in/newsreader/newsdetail/index/40633/Strike-In-Chhattis...
रमन सरकार के इस कार्यकाल में तकरीबन साढ़े 4 साल तो कर्मचारी सरकार से डरे रहे, लेकिन अब चुनाव का समय आया तो इनको लगने लगा है कि सरकार को दबाव में लिया जा सकता है।
( courtesy: ibc24.in)
देशबंधु की खबर के अनुसार, इस समय राजधानी रायपुर के धरनास्थल ईदगाह भाठा मैदान में हर तरफ हड़ताली कर्मचारी ही दिखाई देते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस समय सरकार के करीब 54 विभागों के एक लाख 71 हजार कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और बहुत सारे हड़ताल पर बैठे हैं।
अधिकतर कर्मचारियों की मांग नियमित किए जाने और वेतन विसंगतियां दूर करने की है, जिसकी रमन सिंह सरकार हमेशा अनदेखी करती रही है। कर्मचारियों को उम्मीद है कि शायद चुनाव के वक्त सरकार उनकी कुछ सुध ले सकती है।
पंचायत विभाग के 8 साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षाकर्मियों को नियमित किए जाने के फैसले के बाद अन्य विभागों के कर्मचारी भी उत्साहित हो गए हैं। कई विभागों के कर्मचारी तो 2 माह से भी ज्यादा समय से धरने पर बैठे हुए हैं।
ईदगाहभाठा मैदान पर छत्तीसगढ़ प्रगतिशील कर्मचारी संगठन इन आंदोलनकारी कर्मचारियों को एकजुट करने में लगा हुआ है। इस संगठन के बैनर तले 23 दिनों से अनशन भी जारी है, जिसमें कई विभागों के प्रथम श्रेणी से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक के कर्मचारी शामिल हैं।
हालांकि रमन सिंह सरकार चुनाव सिर पर होने के बावजूद इनकी मांगों को लगातार नामंजूर करती आ रही है, जिस कारण कर्मचारियों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
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