म्यांमार में हिंसा के शिकार हिंदू शरणार्थियों को भारत से उम्मीदः रॉयटर्स

Written by सबरंगइंडिया | Published on: September 20, 2017


रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ म्यांमार में हुई हिंसा के बाद देश छोड़कर भागने वालों में सैंकड़ों हिंदू परिवार भी हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रॉयटर्स के मुताबिक ये लोग भी म्यांमार से भागकर बांग्लादेश में शरण लिए हुए हैं। अब ये लोग भारत में शरण पाने की उम्मीद कर रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार से बांग्लादेश आए करीब 500 हिंदू समुदाय की बस्ती में शरण लिए हुए हैं। ये बस्ती दक्षिण पूर्वी बांग्लादेश क्षेत्र में हैं और रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी जिन क्षेत्रों में रह रहे उससे महज कुछ ही मील की दूरी पर स्थित है। गत 25 अगस्त से जारी हुई हिंसा के बाद करीब सवा 4 लाख रोहिंग्या मुस्लिम म्यांमार छोड़कर बांग्लादेश आ चुके हैं। यहां वे अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार हिंदू शरणार्थी कहते हैं कि वे बौद्ध बहुल्य म्यांमार के रखाइन राज्य के अपने गांव में वापस जाने से डरे हुए हैं। साथ ही वे मुस्लिम बहुल्य बांग्लादेश में रहने को लेकर भी चिंतित हैं।

हिंदू शरणार्थी निरंजन रुद्र ने कहा कि भारत हिंदुस्तान के रूप में भी जाना जाता है जो हिंदू की भूमि है। निरंजन ने आगे कहा कि हम भारत में सिर्फ शांतिपूर्ण तरीके से जीना चाहते हैं, इससे ज्यादा कुछ नहीं। हम म्यांमार वापस नहीं जाना चाहते और न ही यहां रहना चाहते। वहां पर मौजूद दूसरे शरणार्थी ने भी निरंजन की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि हम मीडिया के जरिए इस संदेश को भारत सरकार को पहुंचाना चाहते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक हिंदू शरणार्थियों की उम्मीदों पर टिप्पणी करने से भारत सरकार ने इनकार किया है। सरकारी श्रोतों के मुताबिक वह 40 हजार मुस्लिमों को देश वापस भेजने वाली गृह मंत्रालय की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई का इंतजार कर रही है।

रॉयटर्स रिपोर्ट के मुताबिक विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ सदस्य अचिंत्या बिश्वास ने कहा कि भारत म्यांमार से भाग रहे हिंदुओं के लिए प्राकृतिक गंतव्य था। बिश्वास ने फोन पर बात करते हुए कहा कि हिंदू परिवारों को सरकार द्वारा भारत में आने की अनुमति अवश्य दी जानी चाहिए। आखिर वे कहां जाएंगे, ये उनका मूल स्थान है।


बिश्वास ने आगे कहा कि विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस भारत में शरण की तलाश करने वाले म्यांमार और बांग्लादेश के हिंदू शरणार्थी परिवारों को अनुमति देने वाली नई नीतियों की मांग गृह मंत्रालय से करेगी।


रिपोर्ट के मुताबिक गृह मंत्रालय के प्रवक्ता केएस धतवालिया ने इस टिप्पणी को खारिज किया है।
 

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