Source: Inkhabar
यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद कट्टर हिंदुत्व की धार लगातार तेज करने की कोशिश हो रही है। अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे को एक बार फिर जोर-शोर से हवा मिलने लगी है। अयोध्या में मंदिर बनाने के लिए पत्थर जमा होने शुरू हो गए हैं। श्री रामजन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास न कहा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए दान में ढाई सौ ट्रक पत्थर आ रहे हैं। करीब 75 हजार घन फुट पत्थर आएंगे। उनका कहना है कि चार साल की बाधाओं के बाद माहौल अनुकूल है। यही वजह है कि पत्थरों को दान में स्वीकार करने की रणनीति को मूर्त रूप दिया जा रहा है। जीएसटी लागू होने से इसमें और आसानी हो गई है।
महंत के मुताबिक अयोध्या में विवादित स्थल पर 265.5 फुट लंबा 140 फुट चौड़ा और 128 फुट ऊंचा मंदिर बनाना है। इसके लिए एक लाख 75 हजार घन फुट पत्थर की जरूरत है। इनमें से एक लाख घन फुट पत्थर आ चुके हैं।
दान की राशि से राजस्थान के बंशी पहाड़ से पत्थरों को खरीदा जा रहा है, लेकिन इसकी खरीद और परिवहन में कुछ सरकारों ने अड़ंगा लगाना शुरू किया तो 2014 में न्यास कार्यकारिणी की बैठक में तय हुआ कि अब नकदी देकर पत्थर खरीदने की जगह दानदाताओं से पत्थर लिए जाएंगे। लेकिन सपा सरकार ने इसकी प्रक्रिया पेचीदा कर दी थी। इसी वजह से सपा सरकार के दौरान पत्थर जमा करने में दिक्कत आई। अब योगी सरकार में पत्थर जमा करने की मुहिम तेज हो गई है।
मंदिर निर्माण के लिए कारीगरों की संख्या बढ़ाने की भी मुहिम तेज हो गई है। मंदिर के लिए निर्माण के लिए 112 खंभों की जरूरत है, जिनमें 106 खंभे बन कर तैयार हैं। अगले कुछ दिनों में मंदिर निर्माण की मुहिम और तेज हो सकती है। योगी सरकार जिस तरह हिंदुत्व की नीति के इर्द-गिर्द अपनी रणनीति बना रही है उससे 2019 के लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही राम मंदिर निर्माण का मुद्दा और गरमाएगा।