योगीराज में बीजेपी के ग़ैरक़ानूवी हरकतों और पुलिस की मतभेद से सांप्रदायिक हिंसा की रंग देने की कोशिश:साहरनपुर

Published on: April 20, 2017
योगीराज में बीजेपी के ग़ैरक़ानूवी हरकतों और पुलिस की मतभेद से सांप्रदायिक हिंसा की रंग देने की कोशिश: साहरनपुर

sabrangindia ने आज़ाद जानकारी लेने के बाद यह पता चला है यह घटना को साम्प्रदाइक रंग देने की कोशिश की गयी है. अल्पसंख्यकों के घर और दुकानों भी भीड़ ने जलाया।  मामला एक जुलुस निकालने पर, जिसके लिए प्रशासन से permission
नहीं लिया गया था।


Saharanpur Communal Violence

लखनऊ। यूपी के सहारनपुर से सटे सड़क दूधली गांव में बीजेपी की ओर से गुरुवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती शोभायात्रा के विरोध में दूसरे संप्रदाय के लोग उतर आए। दोनों पक्षों में टकराव होने पर जबरदस्त पथराव हुआ। बीजेपी का आरोप है कि दूसरे पक्ष ने फायरिंग भी की। सूचना मिलने पर कमिश्नर, डीएम, एसएसपी, बीजेपी सांसद और देवबंद से बीजेपी विधायक मौके पर पहुंचे। पथराव में कमिश्नर की गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई। उपद्रवियों ने कई दुकानों में आग लगा दी।

खबर के अनुसार, पथराव के बाद मौके पर पहुंचे भाजपा कार्यकर्ताओं और हिन्दू संगठनों के लोगों ने जमकर तोडफ़ोड़ और आगजनी की। हद तो तब हो गई जब भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने अधिकारियों और पत्रकारों को भी बख्शा नहीं। कई पत्रकारों के कैमरे और मोबाईल भी लूट लिए गए। पुलिस हालात को काबू करने की बजाए मूक दर्शक बनी रही। घटना में अभी तक 4 पुलिसकर्मियों और सांसद समेत एक दर्जन लोग घायल हुए हैं।

 


सहारनपुर के थाना जनकपुरी के गांव सड़क दूधली में अंबेडकर जयंती पर शोभायात्रा निकालने का विवाद पुराना है। आज फिर जब शोभायात्रा निकालने की तैयारी की जा रही थी तो दूसरे पक्ष के लोगों ने इसका विरोध करना शुरु कर दिया। मौके पर सहारनपुर से बीजेपी सांसद राघव लखनपाल पहुंचे और यात्रा निकालने पर अड़ गए। शोभायात्रा शुरु होने के बाद दूसरे पक्ष ने पथराव शुरु कर दिया जिसमें सांसद घायल हो गए। 

 


इसके बाद मौके पर बीजेपी कार्यकर्ता और हिन्दू संगठनों से जुड़े लोग बेकाबू हो गए। दुकानों और मकानों पर पथराव करते हुए लोगों ने तोडफ़ोड़ शुरु कर दी। पुलिस अधिकारियों और मौके पर कवरेज कर रहे पत्रकारों की भी पीटा गया। यही नहीं पत्रकारों के मोबाइल और कैमरे भी छीन लिए गए। एसएसपी लव कुमार के साथ हाथापाई की गई और उन्हें मारा पीटा भी गया। एमपी अग्रवाल की गाड़ी में भी तोडफ़ोड़ की गई।

 


(संपादन- भवेंद्र प्रकाश)

Courtesy: National Dastak

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