माल्या का भारत में रखा पैसा जब्त क्यों नहीं कर रही है मोदी सरकार

Written by दिलीप मंडल | Published on: April 19, 2017

विजय माल्या अब भारत आते हैं या नहीं, यह लंदन में चल रही कानूनी कार्यवाही पर निर्भर करेगा. लेकिन भारत सरकार अब भी बहुत कुछ कर सकती है  


Vijay Mallya

विजय माल्या भारतीय बैंकों का 9,000 करोड़ रुपए लेकर लंदन भाग गए हैं. मोदी सरकार चाहती तो उसे भागने से रोक सकती थी. बहरहाल जो हुआ सो हुआ. अब वह लंदन में है और सरकार कह रही है कि उसे लाने की कोशिश की जा रही है. इसका मामला लंदन की अदालत में शुरू हुआ है और निकट भविष्य में उसे भारत लाने के मामले में किसी चमत्कार की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए.
 
भारत सरकार दो आधारों पर उसे लंदन से भारत वापस लाने का मुकदमा लड़ रही है. पहला मामला आईडीबीआई बैंक से गलत तरीके से 950 करोड़ रुपए का लोन लेने का है और दूसरा मामला गैरकानूनी तरीके से 3200 करोड़ रुपए विदेश भेजने का का है.  आईडीबीआई बैंक ने किंगफिशर एयरलाइंस की ब्रांड वैल्यू 3400 करोड़ रुपए आंकी और लोन दे दिया. जबकि उस समय किंगफिशर डूबता हुआ ब्रांड था.
 
विजय माल्या ने कुर्ग में 264 एकड़ जमीन भी बेची है और वह पैसा भी विदेश भेज दिया. उस पर आरोप है कि उसने बैंकों से लोन जिस मकसद से लिया, उसके लिए रकम को खर्च नहीं किया.
 
विदेश भागने से एक हफ्ते पहले माल्या ने डियेगो कंपनी से 4 करोड़ डॉलर की रकम ली और उसे अपने तीनों बच्चों के ट्रस्टों में उपहार में दे दी. तीनों बच्चे अमेरिकी नागरिक हैं.  
 
बहरहाल, यह सब तो हो चुका है. यह लंदन की कोर्ट पर है कि माल्या को भारत भेजा जाएगा या नहीं.
 
तो भारत सरकार क्या करे?
 
अगर सरकार चाहे तो बहुत कुछ कर सकती है. सिर्फ नीयत होनी चाहिए. विजय माल्या अब भी कई भारतीय कंपनियों में हिस्सेदार है. मिसाल के तौर पर, सिर्फ यूनाइटेड ब्रूअरीज को लें तो यह 19,600 करोड़ रुपए की कंपनी है. इसमें विजय माल्या के लगभग 8 परसेंट शेयर हैं. यानी यहां विजय माल्या के 1567 करोड़ रुपए हैं. इसी तरह यूनाइटेड स्पीरिट्स में भी विजय माल्या के शेयर हैं. ये सारे रुपए जब्त करके सरकार यह संकेत दे सकती है कि वह लोन हड़पने वालों को माफ नहीं करेगी.
 
सवाल उठता है कि क्या नरेंद्र मोदी की सरकार ऐसा करेगी? मोदी सरकार को कॉरपोरेट जगत का पूर्ण समर्थन प्राप्त है. सवाल यह भी है कि अगर मोदी माल्या को लेकर सख्ती बरतते हैं, तो उसे कारपोरेट जगत किस रूप में लेगा?
 

बाकी ख़बरें