जब बत्तख मिया ने गांधी को बचाया

Published on: July 25, 2017
( सन 1917 मे जब गांधी जी पहली बार मोतीहारी गए और चंपारण सत्याग्रह आंदोलन के समय मोतीहारी मे रुके तो कोठी वाला (ब्रिटिशर ) ने उन्हे मारने कि कोशिश की | सौ साल बाद जब मै 7 जुलाई 2017 को अपनी मित्र के साथ  गांधी के चंपारण आंदोलन को समझने व उसके प्रभाव को देखने मोतीहारी, भीतिहरवा, बोकाने कलाँ बेतिया, नरकटिया गंज आदि जगहो पर गई और लोगो से मिली तो इस दौरान एक वयोवृद्ध गांधीवादी नारायण मुनि से भेट हुई | लंबी बातचीत के बाद उन्होने गांधी की चंपारण आंदोलन की फोटो व संग्राहलय दिखाया | नारायण मुनि जी एक फोटो जो बत्तख मिया की थी उसके आगे रुक गए और गांधी जी व बत्तख मिया के साथ हुई सच्ची घटना के बारे मे बताने लगे | नारायण मुनि जी  का विडियो संलग्न है )        


Narayan Muni with Battakh Mia at Champaran

बत्तख मिया मोतीहारी (बिहार) के निकट अजगरी गाव है वही का रहना वाला था और मोतीहारी मे जो  महराम साहब कोठी वाला (ब्रिटिशर ) था  उनका  खानसामा था उसके सेवा मे लगा रहता था और गाय पोछा  करता था| अपना दूध वो गांधी जी को देता था पीने के लिए, गांधी जी उस समय मोतीहारी मे ओल्ल फार्म के  घर मे रहते थे | गांधी जी को बत्तख मिया दूध रोज़ पहुचाता था |

कोठी वाला को मालूम हो गया कि बत्तख मिया रोज़ गांधी को दूध देता है तो कोठी वाला ने पूछा  कि तुम दूध देते हो गांधी को, तो बत्तख मिया ने बताया कि हाँ, तो कोठी वाला ने कहा कि  गांधी को जहर दूध मे मिला कर दे दो, जिससे गांधी मर जाय | अगर नहीं मारा तो तुम्हारा  सब घर बार खतम कर देगे | सुबह मे जब बत्तख मिया  दूध ले गया तो जहर डाल दिया | गांधी जी दूध पीने के लिए उठे , उसके कटोरे से दूध लेकर अपने कटोरे मै डाला और जब कटोरा मुह तक ले गए तो बत्तख मिया ने हाथ मार कर कटोरा गिरा दिया, दूध नीचे गिर गया  तो गांधी ने पूछा क्यू दूध गिरा दिया तो  बत्तख मिया ने कहा कि  इसमे जहर है आप पीते तो मर जाते तो गांधी ने पूछा कि जहर क्यू मिलाया था तो  कहा कि कोठी वाला ने कहा था अगर नहीं मिलाता  तो वो हमारा घर बार तबाह कर देता, वो आप को मारना चाहता है | गांधी ने कहा तो अब तुम्हारा घर बार बर्बाद करेगा तो बत्तख मिया ने कहा कि आप तो बच गए अब जो उसको जो करना होगा करेगा | गांधी खुश हो गए |  

शाम को फिर उसी दिन  गांधी कोठी वाला के घर गए, कोठी वाला घबरा गया | गांधी ने कहा कि तुम हमे मरवाना चाहते हो तो मै यहा अकेले आया हू तुम मुझे मार दो | कोठी वाला घबरा गया, पसीना पसीना हो गया और गांधी जी का पैर पकड़ लिया |
 

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