यूपी: बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई EWS कोटे से असिस्टेंट प्रोफेसर बने, विपक्ष ने उठाए सवाल

Written by Sabrangindia Staff | Published on: May 24, 2021
लखनऊ। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश द्विवेदी के भाई डॉ.अरुण कुमार द्विवेदी को सिद्धार्थनगर जिले में स्थित सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु में मनोविज्ञान विभाग में आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) सामान्य वर्ग में असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त किया गया है। उन्होंने पिछले शुक्रवार को विश्वविद्यालय में अपना पदभार भी ग्रहण कर लिया है।



बेसिक शिक्षा मंत्री इसी जिले के इटवा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। ईडब्ल्यूएस कोटे से नियुक्ति होने पर सवाल उठने पर मंत्री के भाई डॉ। अरुण कुमार द्विवेदी ने अपने फेसबुक एकाउंट से सभी पोस्ट हटा दिए हैं और अपनी प्रोफाइल लॉक कर दी है। उनके फेसबुक एकाउंट पर मंत्री का भाई बताते हुए कई तस्वीरें थीं जो अब नहीं दिख रही हैं। मंत्री के भाई की नियुक्ति पर काफी सवाल उठ रहे हैं और सोशल मीडिया में इसकी कड़ी आलोचना हो रही है।

विपक्षी दलों ने भी इसको मुद्दा बनाया है लेकिन भाजपा के मंत्री व नेता चुप्पी साधे हुए हैं। कांग्रेस ने द्विवेदी के भाई की आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग कोटे से सहायक प्रोफेसर पद पर ही हुई नियुक्ति की जांच की मांग करते हुए कहा कि इस मामले में बेसिक शिक्षा मंत्री की संलिप्तता की भी जांच कराई जाए।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा, ‘मंत्री के भाई आर्थिक रूप से कमजोर कैसे हो सकते हैं? उन्होंने किसकी सिफारिश पर जिला प्रशासन से निर्धन आय वर्ग का प्रमाण पत्र हासिल किया, इसकी भी जांच जरूरी हो गई है।’ उन्होंने इस नियुक्ति को तत्काल रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि बेसिक शिक्षा मंत्री की इस पूरे प्रकरण में गंभीर संलिप्तता है और वह सवालों से बच रहे हैं। इस मामले में उनकी भूमिका की जांच की जानी चाहिए। उन्हें सामने आकर बताना चाहिए कि उनके भाई गरीब कैसे हो गए और उन्हें निर्धन आय वर्ग का प्रमाण पत्र किसकी सिफारिश पर मिला।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस नियुक्ति पर सवाल उठाया है और कहा है कि ‘संकटकाल में यूपी सरकार के मंत्रीगण आम लोगों की मदद करने से तो नदारद दिख रहे हैं लेकिन आपदा में अवसर हड़पने में पीछे नहीं हैं।’


भाई की नियुक्ति को लेकर हुए विवाद के बीच बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा है कि ‘आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग’ कोटे से सहायक प्रोफेसर के पद पर उनके भाई की नियुक्ति को लेकर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं और वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। द्विवेदी ने सोनभद्र में इस बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा कि उनकी तथा उनके भाई की आमदनी में अंतर है और नियुक्ति को लेकर लगाए जा रहे आरोपों का कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को चयन के लिए जो प्रक्रिया अपनानी थी, उसमें किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है, फिर भी अगर किसी को कुछ गलत लगता है तो वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।

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