महिलाओं के साथ अत्याचार और बलात्कार की घटनाओं में मध्यप्रदेश को टक्कर दे रहे छत्तीसगढ़ में दो साध्वियों के साथ बलात्कार का मामला सामने आया है।
2 मार्च को हुई इस वारदात के बाद पश्चिम बंगाल में रह रहीं साध्वियों ने पत्र के जरिए शिकायत करने की हिम्मत जुटाई तब जाकर कहीं अब मामला दर्ज हो सका।
ये दोनों साध्वियां पेंड्रा के सतलोग आश्रम की की रहने वाली है। आरोपी दिलचंद पटेल और उसके दोस्त ने रास्ते में इन साध्वियों को लिफ्ट देने के बहाने कार में बैठा लिया और फिर अपहरण करके कोरबा की तरफ ले जाने लगे।
एनडीटीवी की खबर के अनुसार साध्वियों ने आरोप लगाया है कि कार में आरोपियों ने उनकी कनपटी पर बंदूक लगा दी और उन्हें बिलासपुर के पेंड्रा ले गए। पेंड्रा में सोन नदी के पास सुनसान स्थान पर इनके दो और दोस्त मिल गए और चारों ने इन दोनों के साथ सामूहिक बलात्कार किया।
बलात्कार के बाद चारों आरोपियों ने दोनों साध्वियों को दूसरी गाड़ी में कुछ अन्य लोगों के हवाले करते हुए इन्हें जान से मारने को कहा, लेकिन दोनों साध्वियों ने किसी तरह से बदमाशों को यकीन दिलाया कि वे छत्तीसगढ़ छोड़कर चली जाएंगी, तब बदमाशों ने इन्हें जिंदा छोड़ा।
वारदात के बाद साध्वियां अपने आश्रम की कोटमी शाखा में रहने लगी थीं।
ज़ी न्यूज़ के मुताबिक पीड़ित साध्वियों ने इन आरोपियों के नाम दिलचंद पटेल, कल्पनाथ चौधरी, गिरजाशंकर चौधरी और श्यामानंद चौधरी उर्फ तपस्यानंद बताए हैं। साध्वियों की शिकायत के आधार पर चारों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। तीन आरोपी उत्तरप्रदेश के और एक छत्तीसगढ़ का बताया जा रहा है।
आईबीसी24 के मुताबिक, छत्तीसगढ़ वैसे तो अपराधों के मामले में देश में आठवें स्थान पर है, लेकिन बलात्कारों के मामले में ये देश में दूसरे नंबर पर पहुंच चुका है।
राज्य में प्रति लाख आबादी पर औसतन 12.2 महिलाओं के साथ दुराचार के मामले दर्ज हो रहे हैं। चिंता की बात ये है कि साल दर साल ये मामले बढ़ते चले जा रहे हैं।
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 2012 में बलात्कार के 1034. 2013 में 1380, 2014 में 1436, 2015 में 1560, 2016 में 1700 और 2017 में 1777 मामले दर्ज किए गए हैं।
2 मार्च को हुई इस वारदात के बाद पश्चिम बंगाल में रह रहीं साध्वियों ने पत्र के जरिए शिकायत करने की हिम्मत जुटाई तब जाकर कहीं अब मामला दर्ज हो सका।
ये दोनों साध्वियां पेंड्रा के सतलोग आश्रम की की रहने वाली है। आरोपी दिलचंद पटेल और उसके दोस्त ने रास्ते में इन साध्वियों को लिफ्ट देने के बहाने कार में बैठा लिया और फिर अपहरण करके कोरबा की तरफ ले जाने लगे।
एनडीटीवी की खबर के अनुसार साध्वियों ने आरोप लगाया है कि कार में आरोपियों ने उनकी कनपटी पर बंदूक लगा दी और उन्हें बिलासपुर के पेंड्रा ले गए। पेंड्रा में सोन नदी के पास सुनसान स्थान पर इनके दो और दोस्त मिल गए और चारों ने इन दोनों के साथ सामूहिक बलात्कार किया।
बलात्कार के बाद चारों आरोपियों ने दोनों साध्वियों को दूसरी गाड़ी में कुछ अन्य लोगों के हवाले करते हुए इन्हें जान से मारने को कहा, लेकिन दोनों साध्वियों ने किसी तरह से बदमाशों को यकीन दिलाया कि वे छत्तीसगढ़ छोड़कर चली जाएंगी, तब बदमाशों ने इन्हें जिंदा छोड़ा।
वारदात के बाद साध्वियां अपने आश्रम की कोटमी शाखा में रहने लगी थीं।
ज़ी न्यूज़ के मुताबिक पीड़ित साध्वियों ने इन आरोपियों के नाम दिलचंद पटेल, कल्पनाथ चौधरी, गिरजाशंकर चौधरी और श्यामानंद चौधरी उर्फ तपस्यानंद बताए हैं। साध्वियों की शिकायत के आधार पर चारों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। तीन आरोपी उत्तरप्रदेश के और एक छत्तीसगढ़ का बताया जा रहा है।
आईबीसी24 के मुताबिक, छत्तीसगढ़ वैसे तो अपराधों के मामले में देश में आठवें स्थान पर है, लेकिन बलात्कारों के मामले में ये देश में दूसरे नंबर पर पहुंच चुका है।
राज्य में प्रति लाख आबादी पर औसतन 12.2 महिलाओं के साथ दुराचार के मामले दर्ज हो रहे हैं। चिंता की बात ये है कि साल दर साल ये मामले बढ़ते चले जा रहे हैं।
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 2012 में बलात्कार के 1034. 2013 में 1380, 2014 में 1436, 2015 में 1560, 2016 में 1700 और 2017 में 1777 मामले दर्ज किए गए हैं।