मेरठ। तीन तलाक (Tripal Talaq) के खिलाफ आवाज उठाने वाली सहारनपुर की आतिया साबरी को प्रतिमाह 21 हजार रुपये गुजारा भत्ता दिया दिया जाए। परिवार न्यायालय ने अतिया के पति को यह आदेश देते हुए कहा है कि जिस दिन आतिया ने प्रार्थना पत्र दिया था उसी दिन से यह भत्ता लागू होगा। यानी आतिया के पति को पहले एकमुश्त करीब 13 लाख रुपये की राशि देनी होगी। इसके बाद हर महीने 21 हजार रुपये देने होंगे।
खास है कि सहारनपुर की रहने वाली आतिया साबरी का निकाह 2012 में हरिद्वार के लक्सर थाना क्षेत्र के रहने वाले वाजिद अली पुत्र सईद अहमद के साथ हुआ था। शादी के बाद आतिया ने दो बेटियों को जन्म दिया। 2015 में उसे तीन तलाक दे दिया गया। आरोप है कि लड़कियां पैदा होने पर तीन तलाक दिया गया। खैर, तीन तलाक के बाद अतिया न्यायालय गई और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाई। इसी बीच उन्होंने परिवार न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए पति से गुजारा भत्ता दिलवाए जाने की भी मांग की।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दो नवंबर 2015 में वाजिद ने आतिया को तीन तलाक दिया था। तब से ही वह दोनों बेटियों के साथ अपने पिता के साथ रह रही हैं। 24 नवंबर 2015 को परिवार न्यायालय में एक प्रार्थनापत्र दाखिल कर गुजारा भत्ते की मांग की थी। आतिया ने खुद के लिए 25 हजार और दोनों बेटियों के लिए 10-10 हजार रुपये कुल 45 हजार रुपये की मांग की थी। परिवार न्यायालय ने प्रार्थनापत्र को स्वीकार कर मामले की सुनवाई की। न्यायालय ने आतिया और उसकी दोनों बेटियां के लिए प्रतिमाह सात-सात हजार रुपये का गुजारा भत्ता तय किया है।
प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय नरेंद्र कुमार ने आदेश दिया है कि आतिया को प्रतिमाह 21 हजार रुपये गुजारा भत्ता दिया जाएगा। माह की 10 तारीख तक गुजारा भत्ते की रकम अदा करनी होगी। अदालत ने गुजारा भत्ता नवंबर 2015 से ही तय किया है। जिस कारण अदालत के आदेशानुसार अब आतिया को एक साथ करीब 13 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। अदालत के आदेश के बाद आतिया ने इसे परिवार की जीत बताया है।
न्यायालय का यह फैसला अपने पक्ष में आने के बाद आतिया साबरी ने कहा है कि उसकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। उनका पूरा जीवन ही संघर्ष भरा है। वह अपनी दोनों बेटियों का पालन पोषण कर रही है और उन्हें अच्छी शिक्षा देकर कामयाब बनाना चाहती है। आतिया लंबे समय से अपने भाई के घर पर ही रह रही हैं। आतिया के भाई रिजवान का कहना है कि वह अपनी बहन की इस लड़ाई में मदद कर रहे हैं। अपनी भांजियों के पालन पोषण में भी मदद कर रहे हैं। आतिया 2017 में तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी और सुप्रीम कोर्ट में आतिया ने तीन तलाक़ के खिलाफ याचिका दाखिल की थी जिसके बाद तीन तलाक के खिलाफ कई महिलाओं ने न्यायालय में जाकर और दूसरे माध्यमों से तीन तलाक का विरोध किया था।
आतिया साबरी सहारनुर के मंडी क्षेत्र में पिता के साथ रहती हैं। आतिया को उसके पति ने वर्ष 2 नवंबर 2015 में तीन तलाक दे दिया था। जिसके बाद आतिया साबरी ने सबसे तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाई थी। आतिया साबरी ने जनवरी 2017 में तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसके बाद तीन तलाक के खिलाफ कई महिलाओं ने आवाज बुलंद की थी।
आतिया साबरी का कहना है कि पति ने उन्हें इसलिए तलाक दिया था कि दो बेटियां पैदा हो गई थीं, जिसके बाद एक बार को वह पूरी तरह से टूट गई थी। लेकिन, परिवार ने हिम्मत बांधी तो बेटियों को हक दिलाने की लड़ाई शुरू की। आतिया ने बताया कि दोनों बेटियों को देखकर औरत के अंदर की ताकत जागी, खुद ही लड़ाई लड़ने की ठानी थी। यही कारण था कि सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के खिलाफ याचिका दाखिल की। इसके साथ ही गुजारा भत्ते के लिए परिवार न्यायालय में भी प्रार्थनापत्र दाखिल किया था। आतिया का कहना है कि वह अपनी दोनों बेटियों को शिक्षित और कामयाब बनाना चाहती है।
खास है कि सहारनपुर की रहने वाली आतिया साबरी का निकाह 2012 में हरिद्वार के लक्सर थाना क्षेत्र के रहने वाले वाजिद अली पुत्र सईद अहमद के साथ हुआ था। शादी के बाद आतिया ने दो बेटियों को जन्म दिया। 2015 में उसे तीन तलाक दे दिया गया। आरोप है कि लड़कियां पैदा होने पर तीन तलाक दिया गया। खैर, तीन तलाक के बाद अतिया न्यायालय गई और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाई। इसी बीच उन्होंने परिवार न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए पति से गुजारा भत्ता दिलवाए जाने की भी मांग की।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दो नवंबर 2015 में वाजिद ने आतिया को तीन तलाक दिया था। तब से ही वह दोनों बेटियों के साथ अपने पिता के साथ रह रही हैं। 24 नवंबर 2015 को परिवार न्यायालय में एक प्रार्थनापत्र दाखिल कर गुजारा भत्ते की मांग की थी। आतिया ने खुद के लिए 25 हजार और दोनों बेटियों के लिए 10-10 हजार रुपये कुल 45 हजार रुपये की मांग की थी। परिवार न्यायालय ने प्रार्थनापत्र को स्वीकार कर मामले की सुनवाई की। न्यायालय ने आतिया और उसकी दोनों बेटियां के लिए प्रतिमाह सात-सात हजार रुपये का गुजारा भत्ता तय किया है।
प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय नरेंद्र कुमार ने आदेश दिया है कि आतिया को प्रतिमाह 21 हजार रुपये गुजारा भत्ता दिया जाएगा। माह की 10 तारीख तक गुजारा भत्ते की रकम अदा करनी होगी। अदालत ने गुजारा भत्ता नवंबर 2015 से ही तय किया है। जिस कारण अदालत के आदेशानुसार अब आतिया को एक साथ करीब 13 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। अदालत के आदेश के बाद आतिया ने इसे परिवार की जीत बताया है।
न्यायालय का यह फैसला अपने पक्ष में आने के बाद आतिया साबरी ने कहा है कि उसकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। उनका पूरा जीवन ही संघर्ष भरा है। वह अपनी दोनों बेटियों का पालन पोषण कर रही है और उन्हें अच्छी शिक्षा देकर कामयाब बनाना चाहती है। आतिया लंबे समय से अपने भाई के घर पर ही रह रही हैं। आतिया के भाई रिजवान का कहना है कि वह अपनी बहन की इस लड़ाई में मदद कर रहे हैं। अपनी भांजियों के पालन पोषण में भी मदद कर रहे हैं। आतिया 2017 में तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी और सुप्रीम कोर्ट में आतिया ने तीन तलाक़ के खिलाफ याचिका दाखिल की थी जिसके बाद तीन तलाक के खिलाफ कई महिलाओं ने न्यायालय में जाकर और दूसरे माध्यमों से तीन तलाक का विरोध किया था।
आतिया साबरी सहारनुर के मंडी क्षेत्र में पिता के साथ रहती हैं। आतिया को उसके पति ने वर्ष 2 नवंबर 2015 में तीन तलाक दे दिया था। जिसके बाद आतिया साबरी ने सबसे तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाई थी। आतिया साबरी ने जनवरी 2017 में तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसके बाद तीन तलाक के खिलाफ कई महिलाओं ने आवाज बुलंद की थी।
आतिया साबरी का कहना है कि पति ने उन्हें इसलिए तलाक दिया था कि दो बेटियां पैदा हो गई थीं, जिसके बाद एक बार को वह पूरी तरह से टूट गई थी। लेकिन, परिवार ने हिम्मत बांधी तो बेटियों को हक दिलाने की लड़ाई शुरू की। आतिया ने बताया कि दोनों बेटियों को देखकर औरत के अंदर की ताकत जागी, खुद ही लड़ाई लड़ने की ठानी थी। यही कारण था कि सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के खिलाफ याचिका दाखिल की। इसके साथ ही गुजारा भत्ते के लिए परिवार न्यायालय में भी प्रार्थनापत्र दाखिल किया था। आतिया का कहना है कि वह अपनी दोनों बेटियों को शिक्षित और कामयाब बनाना चाहती है।