बीजेपी नेताओं को जुबान पर लगाम लगाने की जरूरत, अनाप-शनाप बयानों से लगा रहे हैं आग

Written by सबरंगइंडिया स्टाफ | Published on: November 23, 2017

Image courtesy: Pulse.ng

सत्ता में आते ही बीजेपी नेताओं की जुबान कड़वी हो गई है. गुरूर सिर चढ़ कर बोल रहा है. पार्टी के नेता लगातार अशिष्ट भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. मर्यादाओं की सीमा लांघ कर अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं। तीन दिन पहले बिहार बीजेपी के चीफ नित्यानंद राय ने कहा था जो अंगुली नरेंद्र मोदी की ओर उठेगी वो अंगुली और हाथ काट दिया जाएगा.

अब असम के स्वास्थ, शिक्षा और वित्त मंत्री हेमंत विश्वशर्मा ने बयान दिया है कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी लोगों के पूर्व जन्म के पापों का फल है. यह ईश्वरीय न्याय है.

बुधवार को गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने आरक्षण के मुद्दे पर हार्दिक और कांग्रेस के बीच समझौते पर कहा कि मूर्खों का फॉर्मूला है और मूर्खों ने स्वीकार किया है. उन्होंने हार्दिक को काला सितारा करार दिया और कहा कि पाटीदार समुदाय जल्द ही उनसे बदला लेगा. हार्दिक जैसे बहुत नेता आते हैं, चले जाते हैं.

पिछले सप्ताह हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल वीज ने कहा था कि महात्मा गांधी पर बना गाना ‘साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल’ इस देश के अन्य शहीदों का अपमान है.

 इससे पहले भी साक्षी महाराज, साध्वी निरंजन और खुद सीएम आदित्यनाथ भड़काने, किसी समुदाय के लिए अपमानजनक, सांप्रदायिक और अहंकार भरे बयान दे चुके हैं. केंद्र के मंत्रियों के बयान भड़काने वाले रहे हैं.

चिंताजनक बात यह है कि अब बीजेपी के नेता सीधे हिंसा करने की बात करते हैं. जुबान और हाथ काटने की धमकी देते हैं. नेताओं की यह भाषा बीजेपी की उस राजनीतिक संस्कृति से निकली है, जिसमें संघ और उससे जुड़े संगठन अक्सर हिंसा की बात करते हैं. जाहिर है हिंसा और नफरत की राजनीति का यह अक्स बीजेपी नेताओं के बयानों पर पड़ रहा है. अगर अमित शाह और पीएम मोदी अपने नेताओं को इस तरह के उग्र और लोगों को अपमानित करने वाले बयान देने से नहीं रोकते हैं तो ये उनके लिए ही भस्मासुर साबित होंगे.हालांकि यह राजनीति में बयानबाजी को बेहद निचले दर्जे पर खींच ले जाएंगे.  
 

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