नई दिल्ली। तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के उस ऑडियो क्लिप के साथ छेड़छाड़ की बात सामने आई है जिसमें दावा किया जा रहा था कि वे लोगों से कथित तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने की सलाह दे रहे थे। पुलिस को जांच में पता चला है कि उस ऑडियो क्लिप के साथ छेड़छाड़ हुई है और अन्य ऑडियो क्लिप को जोड़कर उसे तैयार किया गया है। हालांकि पुलिस ने उस ऑडियो क्लिप के साथ कई अन्य ऑडियो क्लिप को जांच के लिए फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री के लिए भेज दिया है।
बता दें कि आलमी मरकज बंगलेवाली मस्जिद, जो कि तब्लीगी जमात का मुख्यालय भी है, उसके मुखिया मौलाना साद और उनके 6 अन्य सहयोगियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि मार्च के अंत में निजामुद्दीन पश्चिमी इलाके में स्थित मस्जिद में प्रशासन की चेतावनी के बावजूद 2000 के करीब लोगों को इकट्ठा किया गया। जिसके बाद देश में कई जगह कोरोना संक्रमण फैलने में तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों का नाम सामने आया था।
द इंडियन एक्सप्रेस को सूत्रों के हवाले से पता चला है कि पुलिस को मरकज सदस्यों के पास से एक लैपटॉप मिला है, जिसमें कई ऑडियो क्लिप मिली हैं। पुलिस ने इन ऑडियो क्लिप की जांच की है, जिसमें पता चला है कि इनमें मरकज के इवेंट की ऑडियो क्लिप, जमात के समर्थकों को भेजी गई ऑडियो क्लिप और और जमात के यूट्यूब चैनल पर अपलोड की गई है ऑडियो क्लिप शामिल हैं।
इंस्पेक्टर सतीश कुमार की अगुवाई वाली जांच टीम वायरल हुई ऑडियो क्लिप का पता लगाने की कोशिश कर रही है। लेकिन लैपटॉप से ऐसी कोई क्लिप बरामद नहीं हुई है, जिसके चलते मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जांच में पता चला है कि वायरल ऑडियो क्लिप में धर्म और पुलिस को लेकर जो बयान दिया गया है, वो अलग अलग आयोजन में और किसी और संदर्भ में दिया गया था, जिसे ऑडियो में जोड़ दिया गया है
जांच टीम ने नोटिस किया है कि वायरल ऑडियो कई अन्य क्लिप को जोड़कर बनायी गई है। फिलहाल वायरल ऑडियो को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया गया है।</p>
बता दें कि हजरत निजामुद्दीन थाने के एसएचओ मुकेश वालिया की शिकायत के आधार पर एक मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें कथित तौर पर मौलाना साद की एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर सर्कुलेट होने की शिकायत की गई थी। इस ऑडियो क्लिप में मौलाना साद अपने समर्थकों, अनुायियों से कथित तौर पर लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने और धार्मिक सम्मेलनों में शामिल होने की बात कह रहे हैं।