COVID 19 : भारत में लॉकडाउन के लिए क्या केवल तब्लीगी जमात का कार्यक्रम जिम्मेदार है?

Written by sabrang india | Published on: April 19, 2020
नई दिल्ली। भारत में कोरोनोवायरस महामारी ने देश के 14,000 से अधिक लोगों को संक्रमित किया है और मरने वालों की संख्या 450 को पार कर गई है। इकोनॉमिक टाइम्स ने 27 मार्च को रिपोर्ट दी थी कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी राज्य सरकारों से उन अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रियों की निगरानी को मजबूत करने के लिए कहा था  जिन्होंने 18 फरवरी से 23 मार्च के बीच भारत में प्रवेश किया।



गौबा ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा था कि इस तथ्य को देखते हुए कि उनमें कई लोगों का पॉजिटिव टेस्ट किया गया है जिनकी इंटरनेशनल ट्रैवल हिस्ट्री है, अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी में अंतर 'कोविड -19 के प्रसार को रोकने के प्रयासों को गंभीरता से खतरे में डाल सकता है। जैसा कि आप जानते हैं, हमने 18 जनवरी, 2020 से हवाई अड्डों पर अंतर्राष्ट्रीय आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू की गई है। मुझे सूचित किया गया है कि 23 मार्च 2020 तक ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने कोविड-19 की निगरानी के लिए राज्यों / संघ शासित प्रदेशों के साथ आने वाले 15 लाख से अधिक अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों का विवरण साझा किया है।

पत्र में उन्होंने आगे लिखा , 'हालांकि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या के बीच एक अंतर प्रतीत होता है जिन पर राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा निगरानी रखने की आवश्यकता है और यात्रियों की वास्तविक संख्या पर नजर रखी जा रही है।'

अगर ऐसे बहुत से लोग हैं जो संभावित रूप से कोरोनावायरस के प्रसार के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं,  तो वायरस के प्रसार के लिए केवल अल्पसंख्यक समुदाय (खासतौर पर मुस्लिम) को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है? यह इस्लामाफोबिया समुदायों के खिलाफ इस्लामोफोबिया के घृणित चक्र ने एक समुदाय को नफरत के रुप में बदल दिया है।

ऐसे समय में जब तब्लीगी जमात के ऊपर कोरोना वायरस के प्रसार का पूरे देश का ठीकरा फोड़ा गया, जबकि मुख्यधारा का मीडिया इसी तरह की अन्य घटनाओं को बिल्कुल अनदेखा किया गया। आइए कुछ उन अन्य घटनाओं के बारे में जानते हैं जो देश के भीतर कोरोना वायरस के प्रसार का कारण हो सकते हैं-

1. नमस्ते ट्रम्प इवेंट 24 फरवरी को अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में आयोजित किया गया था। यह इवेंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गुजरात यात्रा के दौरान आयोजित किया गया था जिसमें करीब एक लाख लोग शामिल हुए थे। हमें याद रखना चाहिए कि देश के भीतर कोराना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी को पाया गया था। हालांकि गुजरात में पहला मामला मार्च के अंतर में  पता चला था। लेकिन इवेंट के आयोजन से संभावित रुप से यह बड़ी आबादी के लिए घातक हो सकता है। 

2. 25 फरवरी को ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा आयोजित महाशिवरात्रि कार्यक्रम में हजारों लोग शामिल हुए। उन सभी लोगों का भी टेस्ट किया जाना चाहिए।

3. आईबी टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 20 मार्च को मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में एक श्राद्ध समारोह में 800 लोग शामिल हुए, इस सभा में शामिल हुए 12 लोग बाद में कोरोना वायरस पॉजिटिव निकले थे। इनमें से 33 लोगों क्वारंटनी में रखा गया था। हालांकि एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया था कि संक्रमित लोगों की संख्या कहीं अधिक हो सकती है। 

4. गायिका कनिका कपूर जो लंदन से लौटीं थी,  कोरोनोवायरस के लिए टेस्ट में पॉजिटिव निकली थी, उन्हें अपनी ट्रैवल हिस्ट्री को छिपाने के लिए बड़े पैमाने पर आलोचना का सामना करना पड़ा था। लंदन से लौटने के बाद उन्होंने एक भव्य पार्टी की मेजबानी की थी जिसमें राजनेताओं सहित कई लोगों की मौजूदगी देखी गई। पार्टी के दौरान कनिका कपूर ने राजनीतिक हस्तियों समेत कई लोगों से मुलाकात की थी। हालांकि एनडीटीवी के मुताबिक जांच के बाद सभी के निगेटिव परिणाम आए। आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस की पॉजिटिव होने के बावजूद 9 मार्च से 20 मार्च तक कनिका ने सभी लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया।

5. जब भारत में कोरोनोवायरस महामारी बढ़ रही थी, बिजनेस इनसाइडर ने बताया कि कुल 61,652 तीर्थयात्रियों ने तिरुमाला मंदिर का दौरा किया। हालांकि सभी चौकियों पर कोरोनोवायरस रोकथाम शिविर लगाए गए थे, लेकिन सरकार द्वारा टेस्ट किए गए लोगों की संख्या अज्ञात है।

6. द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के बावजूद कर्नाटक और तमिलनाडु के लगभग 1.5 लाख लोगों ने मार्च में आंध्र प्रदेश के कादिरी शहर में मंदिर उत्सव 'रत्नोत्सवम' में भाग लिया। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि कोरोनावायरस के लिए कितने टेस्ट किए गए हैं।

7. द इंडियन एक्सप्रेस ने 1 अप्रैल को बताया कि माता वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन के लिए गए लगभग 400 तीर्थयात्री जम्मू में फंसे थे, जो कोरोनोवायरस के डर से ट्रेन सेवाओं को रद्द होने के कारण फंसे थे। हालांकि धर्मस्थल बोर्ड और प्रेस सूचना ब्यूरो ने इस जानकारी से इनकार करते हुए कहा कि 18 मार्च को आगंतुकों के लिए मंदिर बंद कर दिया गया था।

8. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद अयोध्या में एक धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन किया था। हालांकि राज्य के अधिकारियों ने बताया कि समारोह से पहले उचित सावधानी बरती गई थीं। यह समारोह एक टेंपररी स्ट्रक्चर के रुप में राम लला की मूर्ति को राम जन्मभूमि परिसर के अंदर  शिफ्ट करने के लिए आयोजित किया गया था।

9. एएनआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि तेलंगाना जो कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से एक है, वहां के कानून, वन और पर्यावरण मंत्री अल्लोला इंद्राकरन रेड्डी और परिवहन मंत्री पुव्वदा अजय कुमार ने रामनवमी के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। 

10. भाजपा विधायक मसाला जयराम ने लॉकडाउन मानदंडों का उल्लंघन किया और कर्नाटक के तुमकुरु जिले के तुरुवेकेरा में बच्चों और गांव के 200 से अधिक लोगों के साथ अपना जन्मदिन मनाया।

11. वर्धा से भाजपा विधायक दादाराव केछे भी पीछे नहीं रहे उन्होंने लॉकडाउन के बीच अपना जन्मदिन मनाया। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि बाद में उन्होंने खुद के निर्दोष होने की बात करते हुए कहा था कि उन्होंने तो केवल 21 मजदूरों को पार्टी में आमंत्रित किया था  और आरोप लगाया था कि उनके राजनीतिक विरोधियों ने इस स्थिति का फायदा उठाया और पार्टी के बारे में जानकारी का प्रसार किया जिसके परिणामस्वरुप 200 लोग इसमें शामिल हुए थे। 

12. तेलंगाना के बीजेपी विधायक टी. राजा सिंह को लॉकडाउन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पाया गया था। पीएम मोदी की अपील पर 9 बजकर 9 मिनट पर जब पूरा देश दिया जला रहा था, तभी टी राजा सिंह ने फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियम को दरकिनार कर 70 से अधिक लोगों को इकट्ठा कर मशाल जुलूस निकाला। 

13. आईएएस अधिकारी पल्लवी जैन गोविल पर कोविड -19 टेस्ट को चकमा देने और पॉजिटिव टेस्ट होने के बावजूद बैठकें आयोजित करने का आरोप लगाया गया था। हालाँकि, सरकार ने यह कहते हुए इन आरोपों का खंडन किया था कि उसने और उसके परिवार ने सभी क्वारंटीन मानदंडों का पालन किया था। इसका खुलासा प्रजातंत्र समाचार पत्र ने किया था। 

14. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने रविवार को बेलगावी में एक शादी समारोह में भाग लिया, जहां सैकड़ों लोग इकट्ठे हुए थे। जो कि यह दिखाता है कि वह अपनी ही सरकार के द्वारा दिए गए निर्देष (शादी या सार्वजनकि कार्यक्रम में सौ से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध) को लेकर कितने चिंतित हैं। 

15. कलबुर्गी के चित्तपुर के उस गांव में सिद्धलिंगेश्वर रथ समारोह आयोजित कर लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन किया गया जिसे कोविड-19 के लिए एक हॉटस्पॉट माना जाता है। इस समारोह में सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए ते। कलबुर्गी से ही देश में पहली कोविड-19 मौत की सूचना आई थी। जिले में कोरोना वायरस के 18 एक्टिव मामले हैं जबकि तीन लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन मीडिया में इसको प्रमुखता से प्रकाशित नहीं किया गया। 

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