अमित शाह पर तबलीगी जमात के जरिए कोरोना वायरस फैलाने का आरोप

Written by Sanjay Kumar Singh | Published on: April 10, 2020
देश भर में कोरोना के प्रसार के लिए जब तबलीगी जमात और निजामुद्दीन में आयोजित मरकज को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है तब महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पूछा है कि कोरोना वायरस के प्रसार के लिए क्या अमित शाह के नेतृत्व वाले केंद्रीय गृहमंत्रालय को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। आप जानते हैं कि दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में गए महीने यह धार्मिक आयोजन हुआ था और केंद्रीय गृहमंत्रालय इसे रोकने में नाकाम रहा। अब केंद्र ने ही आरोप लगाया है कि तीन दिन के इस आयोजदन के कारण ही देश में कोरोना वायरस के मामले अचानक बढ़ गए। एक बयान में देशमुख ने पूछा है, मरकज में बहुत सारे लोगों ने हिस्सा लिया और इनकी वजह से ही कोरोना वायरस राज्यों में फैला है। क्या इसके लिए गृहमंत्रालय जिम्मेदार नहीं है।



महाराष्ट्र के मंत्री ने कहा है कि कोरोना वायरस फैलने का पता चलने के बाद राज्य सरकार ने मुंबई के पास वसई में 15 व 16 मार्च को तब्लीगी जमात के 50 हजार लोगों को इकट्ठा होने की इजाजत नहीं दी। उन्होंने पूछा है कि केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने निजामुद्दीन, दिल्ली के तब्लीगी मरकज में इज्तेमा के आयोजन की इजाजत कैसे दे दी? उनका एक सवाल यह भी है कि दिल्ली में तब्लीगी मरकज के बिल्कुल नजदीक निजामुद्दीन थाना है। इसके बावजूद उन्होंने इसे क्यों नहीं रोका। क्या इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय जिम्मेदार नहीं है? दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अधीन है।

देशमुख ने यह आरोप भी लगाया है कि जमात प्रमुख मौलाना मोहम्मद साद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच गुप्त वाता हुई है। यह बातचीत 29 मार्च को तड़के हुई है। उन्होंने पूछा है अजीत डोभाल को रात दो बजे निजामुद्दीन मरकज किसने भेजा था और क्यों? क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का काम था या फिर दिल्ली के पुलिस कमिश्नर का। उन्होंने यह भी पूछा है कि डोभाल के वहां जाने के बाद साद लापता कैसे हो गया? और एनएसए तथा दिल्ली पुलिस आयुक्त अब इस मसले पर चुप क्यों हैं? देशमुख ने यह भी जानना चाहा है कि अजीत डोभाल एवं तब्लीग के मुखिया मौलाना साद रात को दो बजे मरकज में कौन सी गुप्त मंत्रणा कर रहे थे?

देशमुख पूछते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एवं दिल्ली के पुलिस आयुक्त की तरफ से इस संबंध में अभी तक कोई बयान क्यों नहीं दिया गया है? इसके बाद वह किसके तब्लीगियों के साथ क्या संबंध हैं? देशमुख ने केंद्र पर तबलीगी जमात से संबंध होने का आरोप लगाते हुए पूछा कि उनके उठाए गए सवालों का जवाब कौन देगा। अनिल देशमुख का पत्र मीडिया में जारी होने के बाद कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता सचिन सावंत ने भी इस मामले में केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि उसकी लापरवाही से आज महाराष्ट्र मुश्किल में है। सावंत ने कहा कि केंद्र कि मोदी सरकार ने दिल्ली में तबलीगी जमात का कार्यक्रम आयोजित करने की इजाजत देकर बहुत बड़ी लापरवाही की है और उसका खामियाजा महाराष्ट्र समेत कई राज्यों को भुगतना पड़ रहा है।

सावंत ने कहा कि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को लेकर जो सवाल उठाए हैं, उनका जवाब केंद्र सरकार और भाजपा को देना चाहिए। सावंत ने कहा कि पहले तो केंद्र सरकार ने तबलीगी जमात को कोरोना वायरस के काल में कार्यक्रम करने की इजाजत दी और अब उसी तबलीगी जमात का इस्तेमाल करके देश में जातीय तनाव फैलाने की कोशिश की जा रही है। केंद्र सरकार के इस रवैया को देखकर यह शक होता है कि तबलीगी जमात को कार्यक्रम की अनुमति देने में बरती गई लापरवाही जानबूझकर तो नहीं की गई?

(यह पोस्ट टेलीग्राफ की खबर के कुछ ही हिस्से का अनुवाद है बाकी हिन्दी में इस विषय पर इधर-उधर से ली गई खबरों का लगभग असंपादित संकलन है)

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