सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 को बेअसर करने के फैसले को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को संविधान पीठ को भेज दिया है। इनमें कश्मीर में पत्रकारों के आवागमन पर लगाए गए कथित प्रतिबंधों का मामला उठाने वाली और घाटी में नाबालिगों की कथित अवैध हिरासत का दावा करने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
खबरों के मुताबिक न्यायमूर्ति एनवी रमण की अगुवाई वाली संविधान पीठ इन पर मंगलवार से सुनवाई करेगी। एनडीटीवी के मुताबिक प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि आज अयोध्या मामले के चलते इस मुद्दे पर सुनवाई का समय नहीं मिल पाएगा।
आज ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसभा सदस्य वाइको की उस याचिका पर आगे सुनवाई करने से इनकार कर दिया जिसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को उसके समक्ष पेश करने की मांग की गई है। न्यायालय ने कहा कि एमडीएमके नेता वाइको जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत के आदेश को सक्षम प्राधिकरण के सामने चुनौती दे सकते हैं।
16 सितंबर को शीर्ष अदालत में होने वाली सुनवाई से ऐन पहले ही फारुक अब्दुल्ला को जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में ले लिया गया था। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को हटा दिया था। उसके बाद से ही राज्य में कई तरह की पाबंदियां जारी हैं।
खबरों के मुताबिक न्यायमूर्ति एनवी रमण की अगुवाई वाली संविधान पीठ इन पर मंगलवार से सुनवाई करेगी। एनडीटीवी के मुताबिक प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि आज अयोध्या मामले के चलते इस मुद्दे पर सुनवाई का समय नहीं मिल पाएगा।
आज ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसभा सदस्य वाइको की उस याचिका पर आगे सुनवाई करने से इनकार कर दिया जिसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को उसके समक्ष पेश करने की मांग की गई है। न्यायालय ने कहा कि एमडीएमके नेता वाइको जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत के आदेश को सक्षम प्राधिकरण के सामने चुनौती दे सकते हैं।
16 सितंबर को शीर्ष अदालत में होने वाली सुनवाई से ऐन पहले ही फारुक अब्दुल्ला को जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में ले लिया गया था। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को हटा दिया था। उसके बाद से ही राज्य में कई तरह की पाबंदियां जारी हैं।