विवादास्पद भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने धमकी दी है कि मुस्लिम नेता अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि प्लॉट पर अपना दावा छोड़ दें। अगर उन्होंने यह दावा बरकरार रखा तो केंद्र सरकार कानून के जरिये अयोध्या में राम मंदिर बनवा लेगी।
स्वामी का कहना है कि अगले साल राज्यसभा में बहुमत हासिल होते ही केंद्र सरकार कानून के जरिये अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कर देगी। हाल में एक ट्वीट में स्वामी ने यह धमकी दी। इसके बाद स्वामी ने एक और ट्वीट कर कांग्रेस की उस मांग का जवाब दिया, जिसमें कहा गया था कि स्वामी के खिलाफ अदालत की अवमानना के लिए मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
पिछले साल सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट मे लंबित रामजन्मभूमि के मामले में हस्तक्षेप किया था। उनका कहना था कि 2011 से ही लंबित चले आ रहे इस मामले में जल्द फैसला होना चाहिए। मंगलवार को स्वामी की याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बेहतर हो कि रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े पक्ष आपस में मिल कर इस संवेदनशील और भावनात्मक मामले का कोर्ट के बाहर हल निकाल लें। सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस जे एस खेहड़ की बेंच ने कहा था कि अगर संबंधित पक्ष चाहें तो सुप्रीम कोर्ट की ओर से मध्यस्थ तय किया जा सकता है। स्वामी को इसकी संभावना तलाश कर 31 मार्च तक विवाद से जुड़े पक्षों को इसकी सूचना देनी है।
स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट की राय पर दोनों पक्षों में बातचीत का समर्थन किया है। लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है कि राम मंदिर मामले से कोई समझौता नहीं होगा। अयोध्या में मंदिर जरूर बनेगा।
स्वामी का कहना है कि अगले साल राज्यसभा में बहुमत हासिल होते ही केंद्र सरकार कानून के जरिये अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कर देगी। हाल में एक ट्वीट में स्वामी ने यह धमकी दी। इसके बाद स्वामी ने एक और ट्वीट कर कांग्रेस की उस मांग का जवाब दिया, जिसमें कहा गया था कि स्वामी के खिलाफ अदालत की अवमानना के लिए मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
पिछले साल सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट मे लंबित रामजन्मभूमि के मामले में हस्तक्षेप किया था। उनका कहना था कि 2011 से ही लंबित चले आ रहे इस मामले में जल्द फैसला होना चाहिए। मंगलवार को स्वामी की याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बेहतर हो कि रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े पक्ष आपस में मिल कर इस संवेदनशील और भावनात्मक मामले का कोर्ट के बाहर हल निकाल लें। सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस जे एस खेहड़ की बेंच ने कहा था कि अगर संबंधित पक्ष चाहें तो सुप्रीम कोर्ट की ओर से मध्यस्थ तय किया जा सकता है। स्वामी को इसकी संभावना तलाश कर 31 मार्च तक विवाद से जुड़े पक्षों को इसकी सूचना देनी है।
स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट की राय पर दोनों पक्षों में बातचीत का समर्थन किया है। लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है कि राम मंदिर मामले से कोई समझौता नहीं होगा। अयोध्या में मंदिर जरूर बनेगा।