लखनऊ। अयोध्या के ऐतिहासिक बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसला सुनाने वाले सीबीआई की विशेष अदालत के रिटायर्ड जज एस के यादव को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश का नया उपलोकायुक्त बनाया है। सोमवार को लोकायुक्त जस्टिस संजय मिश्रा ने सुरेंद्र यादव को लखनऊ में लोकायुक्त भवन में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
विशेष सीबीआई अदालत के सेवानिवृत्त जज एसके यादव ने ही अयोध्या में हुए 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले की सुनवाई की थी और उसके बाद अपना फैसला सुनाते हुए इस केस के सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया था। इन 32 आरोपियों में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, पूर्व सीएम कल्याण सिंह, बीजेपी नेता विनय कटियार जैसे नाम शामिल थे।
जज एस के यादव ने अपने रिटायरमेंट से ठीक पहले मामले में फैसला सुनाते हुए इन सभी आरोपियों को बरी किया था। एस के यादव ने अपने फैसले में कहा था कि घटना के फोटो, वीडियो और फोटोकॉपी में जो सबूत दिए गए हैं, उनसे कुछ भी साबित नहीं होता है। इसके साथ ही उन्होंने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।
एसके यादव 30 सितंबर 2019 को लखनऊ के डिस्ट्रिक्ट जज के पद से रियाटर हुए थे। बाबारी मस्जिद केस की वजह से वह 30 सितंबर 2020 तक पद पर बने रहे। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पद पर बने रहने का आदेश दिया था। एसके यादव यूपी के जौनपुर के रहने वाले हैं। अयोध्या के अपर मुंसिफ मजिस्ट्रेट पद से उन्हेंने अपने करियर की शुरुआत की थी। बाद में वह कई बड़े पदों पर रहे। अब वह यूपी के उपलोकायुक्त बनाए गए हैं।
बाबरी विध्वंस मामले में लाल पूर्व उप प्रधानमंत्री कृष्ण आडवानी, केंद्रीय मंत्री मुली मनोहर जोशी, मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती, यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह, बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनय कटियार समेत 32 लोग आरोपी थे। कोर्ट ने सभी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।
विशेष सीबीआई अदालत के सेवानिवृत्त जज एसके यादव ने ही अयोध्या में हुए 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले की सुनवाई की थी और उसके बाद अपना फैसला सुनाते हुए इस केस के सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया था। इन 32 आरोपियों में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, पूर्व सीएम कल्याण सिंह, बीजेपी नेता विनय कटियार जैसे नाम शामिल थे।
जज एस के यादव ने अपने रिटायरमेंट से ठीक पहले मामले में फैसला सुनाते हुए इन सभी आरोपियों को बरी किया था। एस के यादव ने अपने फैसले में कहा था कि घटना के फोटो, वीडियो और फोटोकॉपी में जो सबूत दिए गए हैं, उनसे कुछ भी साबित नहीं होता है। इसके साथ ही उन्होंने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।
एसके यादव 30 सितंबर 2019 को लखनऊ के डिस्ट्रिक्ट जज के पद से रियाटर हुए थे। बाबारी मस्जिद केस की वजह से वह 30 सितंबर 2020 तक पद पर बने रहे। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पद पर बने रहने का आदेश दिया था। एसके यादव यूपी के जौनपुर के रहने वाले हैं। अयोध्या के अपर मुंसिफ मजिस्ट्रेट पद से उन्हेंने अपने करियर की शुरुआत की थी। बाद में वह कई बड़े पदों पर रहे। अब वह यूपी के उपलोकायुक्त बनाए गए हैं।
बाबरी विध्वंस मामले में लाल पूर्व उप प्रधानमंत्री कृष्ण आडवानी, केंद्रीय मंत्री मुली मनोहर जोशी, मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती, यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह, बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनय कटियार समेत 32 लोग आरोपी थे। कोर्ट ने सभी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।