शिक्षकों की कमी से गुस्साए बच्चे

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: September 1, 2018
छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था इतनी बदहाल हो चुकी है कि अब बच्चे भी नाराज होकर धरना-प्रदर्शन और स्कूलों का बहिष्कार करने लगे हैं।

ताजा मामला रायगढ़ के बरमकेला का है जहां भीखमपुरा मिडिल स्कूल के छात्रों ने स्कूल का ही बहिष्कार कर दिया। छात्रों का कहना था कि जब स्कूल में शिक्षक ही नहीं हैं तो स्कूल जाने से क्या फायदा।

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(courtesy: educationcopy.com)

अभिभावकों ने भी छात्रों के इस बहिष्कार का समर्थन किया। इसके बाद शिक्षा विभाग ने एक शिक्षक को भेजकर बच्चों को मनाने की कोशिश की। हालांकि विभाग ने ये कोई कारगर इंतजाम नहीं किया है, बल्कि प्राइमरी स्कूल के एक शिक्षक से ही कहा है कि वह अपनी हाजिरी तो अपने प्राइमरी स्कूल में लगाए, लेकिन पढ़ाने के लिए मिडिल स्कूल आ जाया करे।

छत्तीसगढ़ की बदहाल शिक्षा की स्थिति तब है जबकि वहां एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत अधिकारी गांव-गांव जाकर स्कूलों की समीक्षा कर रहे हैं।

बरमकेला के भीखमपुरा मिडिल स्कूल में भी शिक्षकों के तीन पद कई सालों से खाली हैं, और छठी, सातवीं तथा आठवीं तक की पढ़ाई केवल 2 शिक्षकों के भरोसे है।

ग्रामीण कई बार शिक्षकों की तैनाती की मांग करते रहे हैं। एक बार तो शिक्षामंत्री तक को ज्ञापन दिया था, लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया। शाला प्रबंधन समिति ने भी कई बार शिक्षकों की कमी का मुद्दा उठाया था लेकिन कुछ नहीं हुआ।

नाराज होकर छात्रों और अभिभावकों ने प्रधान पाठक को पहले तो अल्टीमेटम दिया और उसके बाद भी कुछ न करने पर स्कूल का बहिष्कार कर दिया।
 
 

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