भारत में चल रहे 'मी टू अभियान' पर एक सवाल का जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष मारिया फर्नाडा एस्पिनोसा ने पत्रकारों के यौन उत्पीड़न पर चिंता व्यक्त की. एस्पिनोसा की प्रवक्ता मोनिका ग्रेले ने कहा कि पत्रकारों के यौन उत्पीड़न को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
![](/sites/default/files/un-president.jpg?414)
उन्होंने कहा, "एस्पिनोसा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और यौन हिंसा के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जानी चाहिए।"
यह पूछे जाने पर कि क्या एस्पिनोसा भारतीय महिला पत्रकारों के साथ एकजुटता दिखाना चाहते हैं, जिन महिलाओं ने भारत के विदेश राज्यमंत्री एम.जे.अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
इस पर ग्रेले कहती हैं, "जब आप यौन हिंसा, यौन उत्पीड़न या किसी भी तरह के उत्पीड़न के खिलाफ रुख अपनाते हैं फिर चाहे वह प्रेस से जुड़ी महिलाएं हों, तो आप किसी एक चुनिंदा क्षेत्र की महिलाओं की बात नहीं रकते। यह सार्वभैमिक संदर्भ में होता है। इसलिए जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जानी चाहिए।"
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उन्होंने कहा, "एस्पिनोसा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और यौन हिंसा के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जानी चाहिए।"
यह पूछे जाने पर कि क्या एस्पिनोसा भारतीय महिला पत्रकारों के साथ एकजुटता दिखाना चाहते हैं, जिन महिलाओं ने भारत के विदेश राज्यमंत्री एम.जे.अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
इस पर ग्रेले कहती हैं, "जब आप यौन हिंसा, यौन उत्पीड़न या किसी भी तरह के उत्पीड़न के खिलाफ रुख अपनाते हैं फिर चाहे वह प्रेस से जुड़ी महिलाएं हों, तो आप किसी एक चुनिंदा क्षेत्र की महिलाओं की बात नहीं रकते। यह सार्वभैमिक संदर्भ में होता है। इसलिए जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जानी चाहिए।"