महिला पत्रकार ने लिखी आपबीतीः एमजे अकबर ने मेरे साथ रेप किया, कपड़े फाड़े

Written by Sabrangindia Staff | Published on: November 2, 2018
सोशल मीडिया पर शुरु हुए मीटू अभियान के तहत पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर एक और महिला रेप का आरोप लगाया है. अमेरिका में भारतीय मूल की पत्रकार पल्लवी गोगोई ने अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट में एक कॉलम लिखकर पूरी आपबीती लिखी है. 



गोगोई ने लिखा, एमजे अकबर, जो कि एशियन एज अखबार के एडिटर इन चीफ थे, ने मुझे अपना शिकार बनाने के लिए पद का इस्तेमाल किया. आज मैं जो शेयर कर रही हूं. दो दशक पहले मैने अपने दो दोस्तों को यह कहानी बताई थी. उसी समय अपने पति से भी इसे शेयर किया था. एमजे अकबर ने मेरे साथ जयपुर में रेप किया था.

उन्होने आगे लिखा, मेरी उम्र उस समय 22 साल थी और मैं एशियन एज में काम करने गई थी. यहां महिलाओं की काफी ज्यादा संख्या थी. ज्यादातर कॉलेज पासआउट थीं. हमें उस समय पत्रकारिता की बेसिक चीजों की भी पूरी तरह समझ नहीं थी. लेकिन एम जे अकबर के अंडर में दिलली में काम करने का मौका मिला. अकबर काफी प्रसिद्ध थे. राजनीति से संबंधित तो किताबों के लेखक थे और एक संपादक भी. उनकी उम्र उस समय करीब चालीस वर्ष थी. वे हमारी कॉपी की जांच करते थे और गलतियों को लाल पेन से घेर देते थे. उसे डस्टबीन में फेंक देते थे. ऐसा शायद ही कोई दिन होता  था जब वे ऊंची आवाज में हमें नहीं बोलते थे. हम कभी-कभार ही उनके द्वारा बताए गए मानकों पर खरा उतरते थे. वे अपशब्दों का भी प्रयोग करते थे लेकिन मैं सोचती थी कि आखिर कुछ तो सीख रही हूं.


गोगोई आगे लिखती हैं, तेईस साल की उम्र में मैं ओपी ईडी पेज की संपादक बन गई. मुझे टॉप कॉलमनिस्ट, बड़े राजनेता, समा के प्रबुद्ध लोगों जैसे जशवंत सिंह, अरुण शौरी, नलिनी सिंह को फोन करना होता था. यह मेरे लिए छोटी सी उम्र में एक बड़ी जिम्मेदारी थी. लेकिन उस नौकरी की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी, जिससे मैं प्यार करती थी. 1994 की बात है. मैं उनके ऑफिस गई. उनका दरवाजा अक्सर बंद रहता था. मैं उन्हें अपना पेज दिखाने गई थी. उन्होने मेरे कार्य की सराहना की और अचानक मुझे किस करने लगे. मैं शर्मिंदगी लाल चेहरे और उलझन के साथ बाहर निकली. मेरी दोस्त आज भी मुझे बताती है कि उस दिन मेरा चेहरा कैसा हो गया था. जब उसने पूछा कि क्या हुआ? मैने तुरंत उससे पूरी बात शेयर की.

वे आगे लिखती हैं, कुछ महीनों बाद दूसरी घटना हुई, जब मुझे मैगजीन के लॉन्च के लिए मुंबई बुलाया गया था. उन्होने ताज होटल के अपने कमरे में मुझे मैगजीन के ले आउट को देखने के लिए बुलाया. जब उन्होने यहा दोबारा मुझे किस करने की कोशिश की तो मैने उन्हें धक्का दे दिया. उन्होने मेरे चेहरे पर खरोंच लगा दी. मै रोते हुए दौड़कर बाहर निकली. उस शाम, मैंने खरोंच के बारे में पूछे जाने पर एक दोस्त को बताया कि होटल में गिर गई थी. जब मैं दिल्ली आयी तो अकबर ने मुझे धमकी दी कि यदि मैने किसी तरह का विरोध किया तो वे नौकरी से निकाल देंगे. लेकिन मैने अखबार नहीं छोड़ा. मै सुबह आठ बजे आती थी. मेरा लक्ष्य ग्यारह बजे तक ओपी-ईडी पेज तैयार करना रहता था. 

वाशिंगटन पोस्ट में पल्लवी ने आगे लिखा, बाम्बे वाली घटना के कुछ दिन बाद एक स्टोरी कवर करने के सिलसिले में मुझे दिल्ली से सैकड़ों किलोमीटर दूर एक गांव में जाना पड़ा. इस असाइनमेंट को जयपुर में करना था. अकबर ने मुझे जयपुर के होटल के एक कमरे में स्टोरी पर चर्चा करने के लिए बुलाया. यहा उन्होने मेरे साथ रेप किया. होटल के कमरे में मैं काफी देर तक उनसे लड़ी, लेकिन वे शारीरिक रुप से मुझसे मजबूत थे. उन्होने मेरे कपड़े फाड़ दिए और मेरे साथ जबरदस्ती की. मैं पुलिस में शिकायत करने की जगह शर्म से भर गई. तब मैने इसके बारे में किसी को नहीं बताया था. क्या उस समय मेरे ऊपर कोई विश्वास करता? मैंने खुद को दोषी ठहराया. मैं उस होटल के कमरे में आखिर क्यों गई? कुछ महीनों तक वह मुझे सेक्सुअली और इमोशनली प्रताड़ित करते रहे. यदि वे मुझे किसी पुरुष सहकर्मी से बात करते हुए देख लेते थे तो डांट देते थे.यह काफी डरावना था.

पल्लवी ने आगे लिखा, मैं अक्सर रिपोर्टिंग असाइनमेंट देखती थी. दिसंबर 1994 में मैने कर्नाटक के एक बड़े नेता का इंटरव्यू लिया था. इसके बाद अकबर ने कहा था कि वो मुझे ईनाम के तौर पर या तो अमेरिका भेजेंगे या इंग्लैंड. मुझे दोनों देश में काम करने का वीजा मिल गया. मैं लंदन गई. मैने सोचा कि अबर यह रुक जाएगा क्योंकि मैं दिल्ली ऑफिस से दूर रहूंगी लेकिन सच्चाई यह थी कि वह मुझे इसलिए दूर भेजना चाहते थे कि मुझे किसी तरह से बचाव का मौका नहीं मिल सके. जब भी वे शहर में आए, मुझे अपना शिकार बना सकें. लंदन ऑफिस में एक बार काम करने के दौरान उन्होने मुझे एक पुलिस सहकर्मी से बात करते देख लिया था और काफी गुस्सा हुएथे. डेस्क से सारी चीजें उठाकर फेंक दी. मेरे ऊपर हाथ उठाया. मैं ऑफिस से भागकर एक पार्क में जाकर छिप गई. अगले दिन मैने अपनी दोस्त को इसकी जानकारी दी. मैं शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक रुप से टूट चुकी थी. मैं जानती थी कि मुझे  लंदन से बाहर जाना पड़ेगा. मैंने अपनी दोस्त को बताया कि मैं इस दुख से भागना चाहती हूं.

उन्होने आगे लिखा, मेरे पास अमेरिका के लिए विदेशी संवाददाता का एक वीजा था. वहां कुछ वरिष्ठ संपादक थे, जिनके साथ मैं काम कर सकती थी. लेकिन अकबर ने तत्काल मुझे मुंबई वापस बुला लिया. तब मैने नौकरी छोड़ दी. यह मेरे लिए अच्छा था. मुझे न्यूयॉर्क में रिपोर्टिंग असिस्टेंट की एक नौकरी मिल गई. 

आपको बता दें कि एमजे अकबर पर कई महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. आरोपों के बाद उन्हें मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था. मीटू कैंपेन के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने अपनी सफाई देने के बाद कानूनी रास्ता अपनाया है.

बाकी ख़बरें