नई दिल्ली। शिवसेना सांसद संजय राउत ने संसद में किसान आंदोलन का दमन करने वाली मोदी सरकार से अहम सवाल पूछा है। उन्होंने कहा कि आपने 200 किसानों को तिहाड़ जेल में देशद्रोह के आरोप में बंद कर दिया है। 100 से ज्यादा युवा लापता हैं, क्या पुलिस ने इनका एनकाउंटर कर दिया? कुछ पता नहीं चल रहा है? क्या ये सभी सब देशद्रोही हैं? आज किसान अपने हक के लिए लड़ रहा तो वह खालिस्तानी हो गया, देशद्रोही हो गया, यह कौन सा न्याय है? बहुमत अहंकार से नहीं चलता है।
उन्होंने कहा, “पिछले दो महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के बॉर्डर पर किसान जमे हैं। उनकी बात आप नहीं सुनते। उन्हें गद्दार कहते हैं। जो कील, लोहे की दीवार, यहां बॉर्डर पर लगा रहे हैं, यदि वह लद्दाख में चीन के बॉर्डर पर लगाते तो चीन इतना सीमा के अंदर नहीं घुस पाता।”
वहीं इससे पहले 3 फरवरी को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में 26 जनवरी को हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार करके राजधानी की अलग-अलग जेलों में रखे गए 115 लोगों की लिस्ट जारी करते हुए कहा था कि दिल्ली सरकार गायब किसानों को उनके परिवारों से मिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी। दिल्ली सरकार कई प्रदर्शन स्थलों से गायब किसानों का पता लगाने के लिए रह संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वो दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और केंद्र सरकार से मदद के लिए आग्रह करेंगे।
बता दें कि 31 जनवरी रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया था कि गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड हिंसा के बाद 100 से अधिक किसान लापता हो गए हैं। यूनियन ने इस मामले को देखने के लिए एक छह सदस्यों की कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का काम गायब किसानों की जानकारी एकत्र करना है। कमेटी ने मोबाइल नंबर 8198022033 जारी किया है, जिसमें गायब किसानों की जानकारी देने का आग्रह किया गया है।
इसके बाद 1 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने ट्वीट करके मामले में सफाई पेश की थी। दिल्ली पुलिस के PRO ईश सिंघल ने कहा था कि दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन से जुड़ी कुल 44 एफआईआर की हैं, जबकि 122 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा किसी को भी पकड़ा नहीं गया है और न ही हिरासत में लिया गया है।
एक दूसरे ट्वीट में दिल्ली पुलिस ने कहा था, “26 जनवरी की हिंसा के बाद कई किसानों को अवैध रूप से हिरासत में लिए जाने और गायब होने की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। दिल्ली पुलिस ने अब तक 44 मामले दर्ज किए हैं और 122 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनका ब्योरा दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर है। किसी को भी पुलिस ने अवैध रूप से हिरासत में नहीं लिया है।”
उन्होंने कहा, “पिछले दो महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के बॉर्डर पर किसान जमे हैं। उनकी बात आप नहीं सुनते। उन्हें गद्दार कहते हैं। जो कील, लोहे की दीवार, यहां बॉर्डर पर लगा रहे हैं, यदि वह लद्दाख में चीन के बॉर्डर पर लगाते तो चीन इतना सीमा के अंदर नहीं घुस पाता।”
वहीं इससे पहले 3 फरवरी को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में 26 जनवरी को हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार करके राजधानी की अलग-अलग जेलों में रखे गए 115 लोगों की लिस्ट जारी करते हुए कहा था कि दिल्ली सरकार गायब किसानों को उनके परिवारों से मिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी। दिल्ली सरकार कई प्रदर्शन स्थलों से गायब किसानों का पता लगाने के लिए रह संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वो दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और केंद्र सरकार से मदद के लिए आग्रह करेंगे।
बता दें कि 31 जनवरी रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया था कि गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड हिंसा के बाद 100 से अधिक किसान लापता हो गए हैं। यूनियन ने इस मामले को देखने के लिए एक छह सदस्यों की कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का काम गायब किसानों की जानकारी एकत्र करना है। कमेटी ने मोबाइल नंबर 8198022033 जारी किया है, जिसमें गायब किसानों की जानकारी देने का आग्रह किया गया है।
इसके बाद 1 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने ट्वीट करके मामले में सफाई पेश की थी। दिल्ली पुलिस के PRO ईश सिंघल ने कहा था कि दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन से जुड़ी कुल 44 एफआईआर की हैं, जबकि 122 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा किसी को भी पकड़ा नहीं गया है और न ही हिरासत में लिया गया है।
एक दूसरे ट्वीट में दिल्ली पुलिस ने कहा था, “26 जनवरी की हिंसा के बाद कई किसानों को अवैध रूप से हिरासत में लिए जाने और गायब होने की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। दिल्ली पुलिस ने अब तक 44 मामले दर्ज किए हैं और 122 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनका ब्योरा दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर है। किसी को भी पुलिस ने अवैध रूप से हिरासत में नहीं लिया है।”