भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन अभी समाप्त नहीं हुआ है, 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। टिकैत ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘सरकार का ध्यान किसानों की जमीन पर है इससे सचेत रहने की जरूरत है। उन्होंने कृषि कानूनों के बाद एमएसपी पर कमेटी बनाए जाने पर तेजी दिखाने को कहा। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को तिरंगे संग ‘ट्रैक्टर मार्च’ निकाला जाएगा।
टिकैत ने कहा कि किसान चाहते हैं कि वे 26 जनवरी को अपने गांव की सड़कों पर ट्रैक्टर पर तिरंगा लगाकर मार्च करें। इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। टिकैत ने कहा कि दिल्ली के बॉर्डर पर 13 महीने तक चला आंदोलन तो किसानों की ट्रेनिंग थी। हमें पता चल गया है कि सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो कैसे आंदोलन करना है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन की बदौलत ही जमीन और गांव को बचाया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार हर विभाग का निजीकरण करके बेरोजगारों की फौज खड़ी कर रही है। संयुक्त किसान मोर्चा हर मुद्दे को लेकर गंभीर है और अब पीछे हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अभी तो किसानों पर दर्ज केस भी पूरी तरह वापस नहीं हुए हैं। इसलिए लड़ाई अभी बाकी है। हमारी जमीनें बिक सकती हैं इसलिए सचेत रहने की जरुरत है। हर 26 जनवरी को देश की सड़कों पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।
रविवार को हरियाणा के चरखी दादरी में टिकैत ने कहा कि सरकार का ध्यान किसानों की जमीन पर है इससे सचेत रहने की जरूरत है। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भी कर्ज देकर जमीन हड़पना चाहते हैं। सरकार का अगला वार उन भूमिहीन किसानों पर है जो पशु पालकर, दूध बेचकर गुजर-बसर करते हैं।
टिकैत ने कहा कि खाप समाज का आईना हैं। इनका गौरवशाली इतिहास रहा है। किसान आंदोलन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा ने जब-जब कहा खापों ने मजबूती से साथ दिया। टिकैत वहां एक सर्व खाप महापंचायत में बोल रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है। अभी पूरी तरह मुकदमे वापिस नहीं हुए हैं। 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आंदोलन की बदौलत ही जमीन और गांव को बचाया जा सकता है। चरखी दादरी की एक सौ से ज्यादा खापों की महापंचायत में सामाजिक बुराइयां, कुरीतियां दूर करने पर जोर दिया गया है। खाप नेताओं ने लड़कियों के विवाह की कानूनी उम्र 18 की बजाय 21 साल करने के कदम का विरोध किया। वक्ताओं ने यह भी कहा कि विवाह माता-पिता की सहमति पर हों।
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टिकैत ने कहा कि किसान चाहते हैं कि वे 26 जनवरी को अपने गांव की सड़कों पर ट्रैक्टर पर तिरंगा लगाकर मार्च करें। इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। टिकैत ने कहा कि दिल्ली के बॉर्डर पर 13 महीने तक चला आंदोलन तो किसानों की ट्रेनिंग थी। हमें पता चल गया है कि सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो कैसे आंदोलन करना है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन की बदौलत ही जमीन और गांव को बचाया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार हर विभाग का निजीकरण करके बेरोजगारों की फौज खड़ी कर रही है। संयुक्त किसान मोर्चा हर मुद्दे को लेकर गंभीर है और अब पीछे हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अभी तो किसानों पर दर्ज केस भी पूरी तरह वापस नहीं हुए हैं। इसलिए लड़ाई अभी बाकी है। हमारी जमीनें बिक सकती हैं इसलिए सचेत रहने की जरुरत है। हर 26 जनवरी को देश की सड़कों पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।
रविवार को हरियाणा के चरखी दादरी में टिकैत ने कहा कि सरकार का ध्यान किसानों की जमीन पर है इससे सचेत रहने की जरूरत है। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भी कर्ज देकर जमीन हड़पना चाहते हैं। सरकार का अगला वार उन भूमिहीन किसानों पर है जो पशु पालकर, दूध बेचकर गुजर-बसर करते हैं।
टिकैत ने कहा कि खाप समाज का आईना हैं। इनका गौरवशाली इतिहास रहा है। किसान आंदोलन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा ने जब-जब कहा खापों ने मजबूती से साथ दिया। टिकैत वहां एक सर्व खाप महापंचायत में बोल रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है। अभी पूरी तरह मुकदमे वापिस नहीं हुए हैं। 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आंदोलन की बदौलत ही जमीन और गांव को बचाया जा सकता है। चरखी दादरी की एक सौ से ज्यादा खापों की महापंचायत में सामाजिक बुराइयां, कुरीतियां दूर करने पर जोर दिया गया है। खाप नेताओं ने लड़कियों के विवाह की कानूनी उम्र 18 की बजाय 21 साल करने के कदम का विरोध किया। वक्ताओं ने यह भी कहा कि विवाह माता-पिता की सहमति पर हों।
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