कोलकाता। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में किसान मोर्चा भाजपा से दो-दो हाथ करने की तैयारी में नजर आ रहा है। केंद्रीय किसान बिलों को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले कई महीनों से दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत बुधवार को पश्चिम बंगाल पहुंचे। उन्होंने किसानों की समस्याओँ को लेकर मुलाकात की बात कही लेकिन माना जा रहा है कि यूपी चुनाव को लेकर भी मंत्रणा हुई।
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यहां उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन के लिए समर्थन मांगा। साथ ही लोकल किसानों की समस्याओं के बारे में भी उन्हें बताया। इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने किसान नेताओं को कृषि बिल पर अपनी चिंताओं को तर्क के साथ रखने के लिए कहा।
बीकेयू के महासचिव युद्धवीर सिंह ने बताया, ‘हम चुनावी जीत के लिए ममता बनर्जी को धन्यवाद देने के साथ किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित एमएसपी दिलाने के कदम के लिए उनका समर्थन चाहते हैं।’ सिंह ने कहा कि वह बनर्जी से पश्चिम बंगाल में फलों, सब्जियों और दुग्ध उत्पादों के लिए एमएसपी तय करने की मांग करना चाहते है क्योंकि यह बाकी जगहों पर ‘एक मॉडल की तरह काम करेगा।’
वहीं, राकेश टिकैत ने कहा कि अगर केंद्र सरकार हमसे बात करना चाहती है तो भी उनसे बात करने को तैयार हैं। उन्होंने आगामी यूपी चुनावों को लेकर कहा कि हम यूपी चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाले हैं क्योंकि किसानों के लिए नए कृषि कानून काले कानून हैं। इसे खत्म करने के लिए हम केंद्र सरकार पर दबाव बनाएंगे।
ममता बनर्जी के राष्ट्रीय राजनीति के संबंध में सवाल पूछे जाने पर टिकैत ने कहा कि हम केवल किसान समस्या के मामलों में समर्थन कर सकते हैं, राजनीति में हम नहीं है। टिकैत और अन्य किसान नेता पिछले एक साल से संसद से पारित तीन कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका मानना है कि इन कानूनों से खेतीबाड़ी का बाजारीकरण हो जाएगा और छोटे किसानों को बड़ी खुदरा कंपनियों के शोषण से पर्याप्त सुरक्षा भी नहीं मिलेगी।
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यहां उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन के लिए समर्थन मांगा। साथ ही लोकल किसानों की समस्याओं के बारे में भी उन्हें बताया। इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने किसान नेताओं को कृषि बिल पर अपनी चिंताओं को तर्क के साथ रखने के लिए कहा।
बीकेयू के महासचिव युद्धवीर सिंह ने बताया, ‘हम चुनावी जीत के लिए ममता बनर्जी को धन्यवाद देने के साथ किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित एमएसपी दिलाने के कदम के लिए उनका समर्थन चाहते हैं।’ सिंह ने कहा कि वह बनर्जी से पश्चिम बंगाल में फलों, सब्जियों और दुग्ध उत्पादों के लिए एमएसपी तय करने की मांग करना चाहते है क्योंकि यह बाकी जगहों पर ‘एक मॉडल की तरह काम करेगा।’
वहीं, राकेश टिकैत ने कहा कि अगर केंद्र सरकार हमसे बात करना चाहती है तो भी उनसे बात करने को तैयार हैं। उन्होंने आगामी यूपी चुनावों को लेकर कहा कि हम यूपी चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाले हैं क्योंकि किसानों के लिए नए कृषि कानून काले कानून हैं। इसे खत्म करने के लिए हम केंद्र सरकार पर दबाव बनाएंगे।
ममता बनर्जी के राष्ट्रीय राजनीति के संबंध में सवाल पूछे जाने पर टिकैत ने कहा कि हम केवल किसान समस्या के मामलों में समर्थन कर सकते हैं, राजनीति में हम नहीं है। टिकैत और अन्य किसान नेता पिछले एक साल से संसद से पारित तीन कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका मानना है कि इन कानूनों से खेतीबाड़ी का बाजारीकरण हो जाएगा और छोटे किसानों को बड़ी खुदरा कंपनियों के शोषण से पर्याप्त सुरक्षा भी नहीं मिलेगी।