राजस्थान सरकार ने माध्यमिक शिक्षा के सिलेबस की किताबों मे बदलाव कर दिया है। नई किताबों में सावरकर के चैप्टर में बदलाव किया गया है, जिसमें उन्हें वीर और क्रांतिकारी के स्थान पर अंग्रेजों से दया मांगने वाला बताया गया है। उनका कहना है कि मौजूदा संस्करण में पिछली भाजपा सरकार और आरएसएस के राजनीतिक हितों को साधने की कोशिश की गई थी।
राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने कहा कि छात्रों को सही तरीके से इतिहास पढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम को संशोधित किया जाएगा। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस विषय के लिए गठित समिति की ओर से शिक्षा विभाग को बदलाव प्रस्तावित किए गए थे।
उन्होंने कहा कि सावरकर की छवि को चमकाकर आरएसएस के राजनीतिक हितों को साधा गया है। गोविंद डोटासरा ने कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने शिक्षा विभाग को प्रयोगशाला बना दिया और इसने आरएसएस के राजनीतिक हितों के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किए।
उन्होंने कहा तत्कालीन सरकार ने वीर सावरकर की जीवनी बनाई थी। इस विषय के तथ्यों को हमारी सरकार ने एक समीक्षा समिति को संशोधित कराने के लिए भेजा गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि सावरकर की छवि को राजनीतिक हितों के लिए अधिक बड़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया गया था।
राजस्थान शिक्षा मंत्री ने कहा कि अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को उचित महत्व नहीं दिया गया। उनका कहना है कि कांग्रेस का मानना है कि बच्चों को एक ईमानदारी और सही तरीके से इतिहास पढ़ाया जाना चाहिए। यही कारण है कि शिक्षा विभाग मामले को गंभीरता से ले रहा है और सही तरीके से पाठ्यक्रम को बदलने पर अडिग भी है।
बता दें कि इससे पहले सत्ता में आने पर भाजपा ने सिलेबस में बदलाव किया था और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का चैप्टर हटा दिया था। इसके साथ ही सावरकर को सिलेबस में शामिल करते हुए उन्हें महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता संग्राम का योद्धा बताया था।
राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने कहा कि छात्रों को सही तरीके से इतिहास पढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम को संशोधित किया जाएगा। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस विषय के लिए गठित समिति की ओर से शिक्षा विभाग को बदलाव प्रस्तावित किए गए थे।
उन्होंने कहा कि सावरकर की छवि को चमकाकर आरएसएस के राजनीतिक हितों को साधा गया है। गोविंद डोटासरा ने कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने शिक्षा विभाग को प्रयोगशाला बना दिया और इसने आरएसएस के राजनीतिक हितों के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किए।
उन्होंने कहा तत्कालीन सरकार ने वीर सावरकर की जीवनी बनाई थी। इस विषय के तथ्यों को हमारी सरकार ने एक समीक्षा समिति को संशोधित कराने के लिए भेजा गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि सावरकर की छवि को राजनीतिक हितों के लिए अधिक बड़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया गया था।
राजस्थान शिक्षा मंत्री ने कहा कि अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को उचित महत्व नहीं दिया गया। उनका कहना है कि कांग्रेस का मानना है कि बच्चों को एक ईमानदारी और सही तरीके से इतिहास पढ़ाया जाना चाहिए। यही कारण है कि शिक्षा विभाग मामले को गंभीरता से ले रहा है और सही तरीके से पाठ्यक्रम को बदलने पर अडिग भी है।
बता दें कि इससे पहले सत्ता में आने पर भाजपा ने सिलेबस में बदलाव किया था और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का चैप्टर हटा दिया था। इसके साथ ही सावरकर को सिलेबस में शामिल करते हुए उन्हें महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता संग्राम का योद्धा बताया था।