RBI से 1.76 लाख करोड़ रुपये लेगी मोदी सरकार, राहुल बोले- चोरी काम नहीं आएगी

Written by sabrang india | Published on: August 27, 2019
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक अपने सरप्लस रिजर्व में से 1.76 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार को देगा। आरबीआई के 84 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है। इस फैसले को सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में तेजी लाने में मददगार माना जा रहा है। इस फैसले को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी और वित्तमंत्री पर निशाना साधा है। 



राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी और वित्त मंत्री को खुद से पैदा किए गए आर्थिक संकट का समाधान नहीं सूझ रहा है। इसको लेक उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'प्रधानमंत्री तथा वित्तमंत्री खुद के पैदा किए हुए आर्थिक संकट को हल करने के बारे में कुछ समझ नहीं पा रहे हैं। RBI से चोरी करना काम नहीं आएगा - यह बिल्कुल वैसा ही है, जैसे गोली लगने से हुए घाव पर लगाने के लिए डिस्पेंसरी से बैंड-एड चुराई जाए।" 

बता दें, रिजर्व बैंक ने विमल जालान समिति की सिफारिशों को अमल में लाते हुये सोमवार को रिकार्ड 1.76 लाख करोड़ रुपये का लाभांश और अधिशेष आरक्षित कोष सरकार को हस्तांतरित करने का फैसला किया है। इससे नरेंद्र मोदी सरकार को राजकोषीय घाटा बढ़ाये बिना सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद मिलेगी।

वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा केंद्र सरकार को लाभांश और अधिशेष कोष के मद से 1.76 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के निर्णय को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि आरबीआई से ''प्रोत्साहन पैकेज'' लेना इस बात का सबूत है कि अर्थव्यवस्था की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। 

पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी कहा कि सरकार ने यह नहीं बताया कि इस पैसे का इस्तेमाल कहां होगा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''सरकार द्वारा खुद को प्रोत्साहन पैकेज देना इस बात का सबूत है कि अर्थव्यवस्था संकट में है। सरकार अपनी खुद की एक इकाई यानि आरबीआई से मिलने वाले घरेलू अनुदान पर निर्भर है।'' 

साथ ही सिंघवी ने कहा, ''इस पैसे के उपयोग को लेकर किसी योजना का खुलासा नहीं किया गया। अगर यह बिना प्राथमिकता वाले क्षेत्र या फिर प्रशासनिक खर्च के लिए इस्तेमाल होता है तो फिर हम सब परेशानी में होंगे।'' उन्होंने तंज कसते हुए कहा, '' जब यह सरकार खुद आरबीआई से प्रोत्साहन पैकेज ले रही है तो भला ऑटो, निर्माण, छोटे एवं लघु उद्योग जैसे खराब हालत वाले क्षेत्रों को प्रोत्साहन पैकेज क्या देगी।'' 

केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल ने 1,76,051 करोड़ रुपये सरकार को हस्तांतरित करने का निर्णय किया है। इसमें 2018-19 के लिये 1,23,414 करोड़ रुपये का अधिशेष और 52,637 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्रावधान के रूप में चिन्हित किया गया है। अतिरिक्त प्रावधान की यह राशि आरबीआई की आर्थिक पूंजी से संबंधित संशोधित नियमों (ईसीएफ) के आधार पर निकाली गयी है।

रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल ने बिमल जालान की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद यह कदम उठाया है। समिति को यह तय करने को कहा गया था कि केंद्रीय बैंक के पास कितनी आरक्षित राशि होनी चाहिए। सरकार की तरफ से वित्त सचिव राजीव कुमार इस समिति में शामिल थे। समिति ने 14 अगस्त को अपनी रपट को अंतिम रूप दिया था।

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