लखनऊ। नागरिकता कानून यानि सीएए और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन करने पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्षक शाहनवाज आलम को गिरफ्तार किया गया है। शाहनवाज आलम को पिछले साल दिसंबर में लखनऊ में हुए हिंसक प्रदर्शन में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
कांग्रेस ने इसे राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई करार दिया और गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन की चेतावनी दी है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट करके घटना की निंदा की है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आलम को पिछले साल 19 दिसंबर को राजधानी लखनऊ में सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शन के मामले में सोमवार देर रात हजरतगंज इलाके में गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि ऐसा पता चला है कि इस हिंसक प्रदर्शन के दौरान आलम घटनास्थल के पास ही मौजूद थे।
आलम को गिरफ्तार किए जाने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और पार्टी विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा समेत कई नेता मंगलवार को हजरतगंज कोतवाली पहुंचे और अधिकारियों से बात की।
लल्लू ने कहा कि पार्टी आलम की गिरफ्तारी के खिलाफ आंदोलन छेड़ेगी। अगर अलोकतांत्रिक कदमों के खिलाफ आवाज उठाना गलत है, तो कांग्रेस ऐसा हजार बार करेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जिस तरह से बिना कोई नोटिस दिए आलम को अचानक उनके घर से गिरफ्तार किया, वह अत्यंत निंदनीय है।
इसी दौरान बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने कोतवाली परिसर में एकत्र होकर नारेबाजी की। उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठियां चलाईं।
इसमें पार्टी युवा शाखा के महासचिव शिवम त्रिपाठी समेत कई कार्यकर्ताओं को चोटें आईं। इसके बाद लल्लू और आराधना मिश्रा समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पार्टी मुख्यालय के बाहर हिरासत में ले लिया।
कांग्रेस के प्रदेश मीडिया समन्वयक ललन कुमार ने बताया कि आलम की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन करने जा रहे बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और नेताओं को पुलिस ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय के गेट के पास से हिरासत में लिया और सभी को इको गार्डन ले जाया गया है।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार की पुलिस कायरता का परिचय दे रही है। पुलिस ने जिस तरह से आलम को गिरफ्तार किया और अब उसका विरोध करने जा रहे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधानमंडल दल की नेता समेत कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है, वह उसकी हताशा को दर्शाता है।
कुमार ने कहा कि पुलिस की इन हरकतों से कांग्रेस के लोग डरने वाले नहीं हैं और न ही वे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती की तरह घर में बैठने वालों में से हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस की इस हरकत के खिलाफ कांग्रेस जेल भरो आंदोलन शुरू करेगी। इस बीच, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पुलिस की कार्रवाई को दमनकारी और अलोकतांत्रिक बताया है।
उन्होंने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘देखिए किस तरह उत्तर प्रदेश पुलिस ने हमारे अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष को रात के अंधेरे में उठाया। पहले फर्जी आरोपों को लेकर हमारे प्रदेश अध्यक्ष को चार हफ़्ते के लिए जेल में रखा। ये पुलिसिया कार्रवाई दमनकारी और आलोकतांत्रिक है।’
कांग्रेस महासचिव ने कहा ‘कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जनता के मुद्दों पर आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश पुलिस को दमन का औज़ार बनाकर दूसरी पार्टियों को आवाज उठाने से रोक सकती है, हमारी पार्टी को नहीं। कांग्रेस के सिपाही पुलिस की लाठियों और फर्जी मुकदमों से नहीं डरने वाले।’
कांग्रेस ने इसे राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई करार दिया और गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन की चेतावनी दी है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट करके घटना की निंदा की है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आलम को पिछले साल 19 दिसंबर को राजधानी लखनऊ में सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शन के मामले में सोमवार देर रात हजरतगंज इलाके में गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि ऐसा पता चला है कि इस हिंसक प्रदर्शन के दौरान आलम घटनास्थल के पास ही मौजूद थे।
आलम को गिरफ्तार किए जाने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और पार्टी विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा समेत कई नेता मंगलवार को हजरतगंज कोतवाली पहुंचे और अधिकारियों से बात की।
लल्लू ने कहा कि पार्टी आलम की गिरफ्तारी के खिलाफ आंदोलन छेड़ेगी। अगर अलोकतांत्रिक कदमों के खिलाफ आवाज उठाना गलत है, तो कांग्रेस ऐसा हजार बार करेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जिस तरह से बिना कोई नोटिस दिए आलम को अचानक उनके घर से गिरफ्तार किया, वह अत्यंत निंदनीय है।
इसी दौरान बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने कोतवाली परिसर में एकत्र होकर नारेबाजी की। उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठियां चलाईं।
इसमें पार्टी युवा शाखा के महासचिव शिवम त्रिपाठी समेत कई कार्यकर्ताओं को चोटें आईं। इसके बाद लल्लू और आराधना मिश्रा समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पार्टी मुख्यालय के बाहर हिरासत में ले लिया।
कांग्रेस के प्रदेश मीडिया समन्वयक ललन कुमार ने बताया कि आलम की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन करने जा रहे बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और नेताओं को पुलिस ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय के गेट के पास से हिरासत में लिया और सभी को इको गार्डन ले जाया गया है।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार की पुलिस कायरता का परिचय दे रही है। पुलिस ने जिस तरह से आलम को गिरफ्तार किया और अब उसका विरोध करने जा रहे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधानमंडल दल की नेता समेत कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है, वह उसकी हताशा को दर्शाता है।
कुमार ने कहा कि पुलिस की इन हरकतों से कांग्रेस के लोग डरने वाले नहीं हैं और न ही वे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती की तरह घर में बैठने वालों में से हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस की इस हरकत के खिलाफ कांग्रेस जेल भरो आंदोलन शुरू करेगी। इस बीच, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पुलिस की कार्रवाई को दमनकारी और अलोकतांत्रिक बताया है।
उन्होंने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘देखिए किस तरह उत्तर प्रदेश पुलिस ने हमारे अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष को रात के अंधेरे में उठाया। पहले फर्जी आरोपों को लेकर हमारे प्रदेश अध्यक्ष को चार हफ़्ते के लिए जेल में रखा। ये पुलिसिया कार्रवाई दमनकारी और आलोकतांत्रिक है।’
कांग्रेस महासचिव ने कहा ‘कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जनता के मुद्दों पर आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश पुलिस को दमन का औज़ार बनाकर दूसरी पार्टियों को आवाज उठाने से रोक सकती है, हमारी पार्टी को नहीं। कांग्रेस के सिपाही पुलिस की लाठियों और फर्जी मुकदमों से नहीं डरने वाले।’