नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले को मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस का कहना है कि आरक्षण तो ठीक है लेकिन नौकरी कहां हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से ही माना जा रहा था कि सरकार आरक्षण की समीक्षा कर सकती है। लेकिन समीक्षा के बजाय मोदी सरकार ने सवर्णों को 10 प्रतिशत आऱक्षण की व्यवस्था कर दी है।
पीएम मोदी खुद इस बात के पक्षधर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने 50 प्रतिशत आरक्षण पर कैप लगाई हुई है। ऐसे में किसी को आरक्षण नहीं दिया जा सकता। हालांकि राज्य सरकारें आरक्षण का दायरा बढ़ा सकती हैं। तमिलनाडु इसका उदाहरण है जहां 69 प्रतिशत आरक्षण है। पीएम मोदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वे खुद कहते नजर आ रहे हैं कि 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण अगर कोई देने का वादा करता है तो वह कहीं ना कहीं से चोरी का रास्ता अपनाएगा। .
यह वीडियो संभवतया बिहार विधानसभा चुनाव का हो सकता है जहां महागठबंधन ने बीजेपी को भारी शिकस्त दी थी। उस वक्त नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ थे। वायरल वीडियो में पीएम मोदी संभवतया नीतीश कुमार के बयान का खंडन करते नजर आ रहे हैं। पीएम मोदी के इस वीडियो के आधार पर सवाल उठ रहा है कि मोदी सरकार ने सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए कौन सा चोरी का रास्ता अपनाया है।
पीएम मोदी खुद इस बात के पक्षधर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने 50 प्रतिशत आरक्षण पर कैप लगाई हुई है। ऐसे में किसी को आरक्षण नहीं दिया जा सकता। हालांकि राज्य सरकारें आरक्षण का दायरा बढ़ा सकती हैं। तमिलनाडु इसका उदाहरण है जहां 69 प्रतिशत आरक्षण है। पीएम मोदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वे खुद कहते नजर आ रहे हैं कि 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण अगर कोई देने का वादा करता है तो वह कहीं ना कहीं से चोरी का रास्ता अपनाएगा। .
यह वीडियो संभवतया बिहार विधानसभा चुनाव का हो सकता है जहां महागठबंधन ने बीजेपी को भारी शिकस्त दी थी। उस वक्त नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ थे। वायरल वीडियो में पीएम मोदी संभवतया नीतीश कुमार के बयान का खंडन करते नजर आ रहे हैं। पीएम मोदी के इस वीडियो के आधार पर सवाल उठ रहा है कि मोदी सरकार ने सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए कौन सा चोरी का रास्ता अपनाया है।