लखनऊ। सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन की मदद मांगने की अपील करने वालों पर कार्रवाई रोकने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इस जनहित याचिका को एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने दायर किया है। याचिका में कोर्ट से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई रोकने की मांग की गई है जो सोशल मीडिया पर कोरोना संकट के समय मदद की अपील कर रहे हैं।
याचिका में एक शख्स पर अपने नाना के लिए ट्विटर पर ऑक्सीजन की गुहार लगाने पर एफआईआर दर्ज करने के मुद्दे पर कोर्ट का ध्यान दिलाया गया है। अमेठी जिले में एक शशांक यादव नाम के शख्स ने ट्विटर पर अपील की थी जिसमें कहा गया था कि उनके नाना का ऑक्सीजन लेवल गिर रहा है। इस ट्वीट को लेकर अमेठी से सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी शेयर किया था। अमेठी पुलिस ने बाद इस ट्वीट को अफवाह बताते हुए शख्स पर एफआईआर दर्ज की थी।
याचिका में कहा गया है कि "सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन का मांग करने वाले गंभीर रोगियों के परिवारों पर कार्रवाई राज्य की शक्तियों का दुरुपयोग है। यह कार्रवाई कोविड-19 महामारी में सरकार के निपटने की नाकामी को लेकर हो रही आलोचना से बचाने के लिए किया जा रहा है।" गोखले ने याचिका में कहा यूपी में एक युवक पर ऑक्सीजन की मदद के लिए गुहार लगाने पर एफआईआर दर्ज की गई है। जबकि हकीकत यह है कि युवक अपने परिजन के लिए ऑक्सीजन की मदद मांग रहा था।
बता दें कि शशांक ने 26 अप्रैल की रात ट्विटर पर ऑक्सीजन सिलिंडर की मदद मांगी थी। हालांकि, उसने ये नहीं लिखा किसके लिए मदद मांग रहा है। अपने ट्वीट में शशांक ने सोनू सूद, कई पत्रकारों और अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी को टैग किया। स्मृति ईरानी ने कुछ ही देर बाद जवाब दिया कि शशांक यादव की मदद करने के लिए फोन किया गया लेकिन वो फोन नहीं उठा रहे हैं। सांसद ने इसी के साथ स्थानीय अधिकारी और पुलिस को भी मदद के निर्देश दिए।
याचिका में एक शख्स पर अपने नाना के लिए ट्विटर पर ऑक्सीजन की गुहार लगाने पर एफआईआर दर्ज करने के मुद्दे पर कोर्ट का ध्यान दिलाया गया है। अमेठी जिले में एक शशांक यादव नाम के शख्स ने ट्विटर पर अपील की थी जिसमें कहा गया था कि उनके नाना का ऑक्सीजन लेवल गिर रहा है। इस ट्वीट को लेकर अमेठी से सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी शेयर किया था। अमेठी पुलिस ने बाद इस ट्वीट को अफवाह बताते हुए शख्स पर एफआईआर दर्ज की थी।
याचिका में कहा गया है कि "सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन का मांग करने वाले गंभीर रोगियों के परिवारों पर कार्रवाई राज्य की शक्तियों का दुरुपयोग है। यह कार्रवाई कोविड-19 महामारी में सरकार के निपटने की नाकामी को लेकर हो रही आलोचना से बचाने के लिए किया जा रहा है।" गोखले ने याचिका में कहा यूपी में एक युवक पर ऑक्सीजन की मदद के लिए गुहार लगाने पर एफआईआर दर्ज की गई है। जबकि हकीकत यह है कि युवक अपने परिजन के लिए ऑक्सीजन की मदद मांग रहा था।
बता दें कि शशांक ने 26 अप्रैल की रात ट्विटर पर ऑक्सीजन सिलिंडर की मदद मांगी थी। हालांकि, उसने ये नहीं लिखा किसके लिए मदद मांग रहा है। अपने ट्वीट में शशांक ने सोनू सूद, कई पत्रकारों और अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी को टैग किया। स्मृति ईरानी ने कुछ ही देर बाद जवाब दिया कि शशांक यादव की मदद करने के लिए फोन किया गया लेकिन वो फोन नहीं उठा रहे हैं। सांसद ने इसी के साथ स्थानीय अधिकारी और पुलिस को भी मदद के निर्देश दिए।