देश में आर्थिक मंदी से हर सेक्टर का बुरा हाल है। अर्थिक मंदी से सबसे ज्यादा ऑटो सेक्टर प्रभावित हुआ है। कई बड़ी कंपनियां कई दिनों के लिए प्रॉडक्शन पर रोक लगा चुकी हैं और इस क्षेत्र से जुड़े लाखों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं और कई नौकरियां जाने की कतार में हैं। इसके बाद भी मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के बजाए सिर्फ ठीकरा फोड़ने में जुटी है। चेन्नई में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का जो हाल है उसके पीछे लोगों का ओला-उबर से ज्यादा सफर और बीएस-6 भी कारण है।
सीतारमण ने कहा कि आजकल लोग गाड़ी खरीदकर ईएमआई भरने से ज्यादा मेट्रो में सफर करना या ओला-ऊबर का उपयोग करना पसंद करते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि इस सेक्टर में गिरावट एक गंभीर समस्या है और इसका हल निकाला जाना चाहिए।
निर्मला सीतारमण के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस ने ट्वीट करके पूछ, “वित्तमंत्री जी ये बताइए कि बस और ट्रक की बिक्री क्या इसलिए कम हो गई है कि क्योंकि इसे भी लोगों ने खरीदना बंद कर दिया है। यह सही नहीं है वित्तमंत्री जी।”
मारुति के चेयरमैन आरसी भार्गव ने इस बात से इनकार किया था कि ओला, ऊबर की वजह से कारों की बिक्री पर प्रभाव पड़ा है। उन्होंने इसके लिए सरकार की नीतियों को भी जिम्मेदार ठहराया। भार्गव ने बताया कि पेट्रोल-डीजल की ऊंची टैक्स दर और रोड टैक्स की वजह से भी लोग कार खरीदने से कतराने लगे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि जीएसटी की कटौती से इसमें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। वहीं इंडस्ट्री इस सुस्ती से निपटने के लिए जीएसटी कट की मांग कर रही है।
बता दें कि हाल ही में सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने अगस्त बिक्री के आंकड़े जारी किए। अगस्त 2019 में, अगस्त 2018 के मुकाबले यात्री कार की बिक्री में 41.1 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1.15 लाख यूनिट्स की गिरावट दर्ज की गई, टू-व्हीलर की बिक्री 22.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ अगस्त 2018 के मुकाबले 15.1 लाख यूनिट कम रही। अगस्त 2018 के मुकाबले वाणिज्यिक वाहन की बिक्री 38.7 प्रतिशत घटकर 51,897 इकाई हो गई है। यात्री वाहन की बिक्री 2018 के मुकाबले 1.96 लाख इकाई पर 31.6% घट गई है।
गौरतलब है कि ऑटो सेक्टर की बड़ी कंपनियां काम बंद करने को मजबूर हैं। हाल ही में मारुति सुजुकी के बाद ऑटो सेक्टर की बड़ी कंपनी अशोक लेलैंड ने काम बंद करने की आधिकारी घोषणा कर दी है। कंपनी ने पांच प्लाट में काम बंद करने की घोषणा कर चुकी है। एन्नोर में 16 दिन, होसुर में 5 दिन, अलवर में 10 दिन, भंडारा में 10 दिन और पंतनगर में 18 दिन तक अशोक लेलैंड के प्लांट बंद रहेंगे। कंपनी ने यह फैसला व्यावसायिक वाहनों की मांग में कमी को देखते हुए लिया है। अशोक लेलैंड की कुल बिक्री अगस्त में 70 फीसदी घटकर 3,336 ट्रक रह गई थी। पिछले साल इसी महीने में कंपनी ने 11,135 ट्रक बेचे थे।
सीतारमण ने कहा कि आजकल लोग गाड़ी खरीदकर ईएमआई भरने से ज्यादा मेट्रो में सफर करना या ओला-ऊबर का उपयोग करना पसंद करते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि इस सेक्टर में गिरावट एक गंभीर समस्या है और इसका हल निकाला जाना चाहिए।
निर्मला सीतारमण के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस ने ट्वीट करके पूछ, “वित्तमंत्री जी ये बताइए कि बस और ट्रक की बिक्री क्या इसलिए कम हो गई है कि क्योंकि इसे भी लोगों ने खरीदना बंद कर दिया है। यह सही नहीं है वित्तमंत्री जी।”
मारुति के चेयरमैन आरसी भार्गव ने इस बात से इनकार किया था कि ओला, ऊबर की वजह से कारों की बिक्री पर प्रभाव पड़ा है। उन्होंने इसके लिए सरकार की नीतियों को भी जिम्मेदार ठहराया। भार्गव ने बताया कि पेट्रोल-डीजल की ऊंची टैक्स दर और रोड टैक्स की वजह से भी लोग कार खरीदने से कतराने लगे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि जीएसटी की कटौती से इसमें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। वहीं इंडस्ट्री इस सुस्ती से निपटने के लिए जीएसटी कट की मांग कर रही है।
बता दें कि हाल ही में सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने अगस्त बिक्री के आंकड़े जारी किए। अगस्त 2019 में, अगस्त 2018 के मुकाबले यात्री कार की बिक्री में 41.1 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1.15 लाख यूनिट्स की गिरावट दर्ज की गई, टू-व्हीलर की बिक्री 22.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ अगस्त 2018 के मुकाबले 15.1 लाख यूनिट कम रही। अगस्त 2018 के मुकाबले वाणिज्यिक वाहन की बिक्री 38.7 प्रतिशत घटकर 51,897 इकाई हो गई है। यात्री वाहन की बिक्री 2018 के मुकाबले 1.96 लाख इकाई पर 31.6% घट गई है।
गौरतलब है कि ऑटो सेक्टर की बड़ी कंपनियां काम बंद करने को मजबूर हैं। हाल ही में मारुति सुजुकी के बाद ऑटो सेक्टर की बड़ी कंपनी अशोक लेलैंड ने काम बंद करने की आधिकारी घोषणा कर दी है। कंपनी ने पांच प्लाट में काम बंद करने की घोषणा कर चुकी है। एन्नोर में 16 दिन, होसुर में 5 दिन, अलवर में 10 दिन, भंडारा में 10 दिन और पंतनगर में 18 दिन तक अशोक लेलैंड के प्लांट बंद रहेंगे। कंपनी ने यह फैसला व्यावसायिक वाहनों की मांग में कमी को देखते हुए लिया है। अशोक लेलैंड की कुल बिक्री अगस्त में 70 फीसदी घटकर 3,336 ट्रक रह गई थी। पिछले साल इसी महीने में कंपनी ने 11,135 ट्रक बेचे थे।