मंदी की मार: मारूती सुजूकी के 3000 अस्थाई कर्मचारियों की नौकरी गई

Written by sabrang india | Published on: August 17, 2019
नई दिल्लीः ऑटो क्षेत्र में जारी मंदी की वजह से देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया में तीन हजार से अधिक अस्थाई कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा, ‘वाहन उद्योग में नरमी को देखते हुए अस्थायी कर्मचारियों के अनुबंध को नहीं बढ़ाया गया, जबकि स्थायी कर्मचारियों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा है।’

भार्गव ने कहा कि यह कारोबार का हिस्सा है, जब मांग बढ़ती है तो अनुबंध पर ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती की जाती है और जब मांग घटती है तो उनकी संख्या कम की जाती है। उन्होंने कहा, ‘मारुति सुजुकी से जुड़े करीब 3000 अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी चली गई है।’

वाहन क्षेत्र अर्थव्यवस्था में बिक्री, सेवा, बीमा, लाइसेंस, वित्तपोषण, चालक, पेट्रोल पंप, परिवहन से जुड़ी नौकरियां सृजित करता है। उन्होंने कहा कि वाहन बिक्री में थोड़ी सी गिरावट से नौकरियों पर बड़े पैमाने पर असर पड़ेगा।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह पूछे जाने पर कि क्या बिक्री के मामले में तीसरी और चौथी तिमाही में स्थितियां सुधरने की उम्मीद है? इस पर उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि वित्त वर्ष 2021 में क्षेत्र काफी मजबूती से उभरेगा, तब तक बीएस-छह एमिशन नॉर्म्स लागू हो जाएगा। उन्होंने त्योहारों के मौसम में बिक्री बढ़ने के सवाल पर कहा, ‘अच्छे मॉनसून की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में बिक्री बढ़ सकती है।’

भार्गव ने कहा कि सरकार को सकारात्मक कदम उठाने चाहिए, जिससे स्थिति में सुधार में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी में छूट देने और कारगर कदम उठाने को लेकर सरकार को फैसला करना है। उन्होंने कहा, ‘निजी तौर पर हम देखते हैं कि जीएसटी से ईको फ्रेंडली कारों को फायदा होता है। सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों पर जीएसटी में कटौती की है लेकिन हाइब्रिड वाहनों को भी जीएसटी से छूट दी जानी चाहिए। सीएनजी वाहनों पर भी टैक्स में कटौती की जानी चाहिए।’

इसके अलावा टीवीएस समूह के लिए गाड़ियों के कलपुर्जे बनाने वाली कंपनी सुंदरम-क्लेटन लिमिटेड (एससीएल) ने ऑटो क्षेत्र में मंदी को देखते हुए कामकाज दो दिन के लिए बंद करने का फैसला किया है। कंपनी ने जारी बयान में कहा था कि वाहन क्षेत्र में सुस्ती की वजह से 16 अगस्त और 17 अगस्त को कामकाज बंद रहेगा। इससे पहले देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने भी चार दिन के लिए मैन्युफैक्चरिंग यूनिट बंद करने की जानकारी दी थी। हीरो मोटोकॉर्प ने 15 से 18 अगस्त तक कंपनी के विनिर्माण संयंत्र बंद रहने का ऐलान किया था।

गौरतलब है कि इससे पहले जुलाई महीने में वाहन बिक्री में 19 साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। भारतीय वाहन विनिर्माताओं के संगठन ‘सियाम’ की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में कुल वाहन बिक्री जुलाई में 18।71 प्रतिशत गिरकर 18,25,148 वाहन रही जो जुलाई 2018 में 22,45,223 वाहन थी। यह दिसंबर 2000 के बाद वाहन बिक्री में आयी सबसे बड़ी गिरावट है। उस दौरान वाहन बाजार में 21।81 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी।

 

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