13 प्वाइंट रोस्टर के तहत आई पहली वैकेंसी, SC-ST-OBC के लिए कोई सीट नहीं, देशभर में विरोध

Published on: January 28, 2019
नई दिल्ली। देश भर के विश्वविद्यालयों में भर्ती के लिए जारी किए गए ‘13 पॉइंट रोस्टर’ को लेकर बवाल मचा है। देशभर में युवा इसका विरोध कर रहे हैं।  इस रोस्टर के खिलाफ तर्क दिया जा रहा है कि इससे दलित-पिछड़े समाज को नौकरी पाने में बहुत मुश्किल होगी। देशभर के छात्र और शिक्षक संगठन के साथ ही दलित-पिछड़े चिंतक और नेता इस 13 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम को लेकर विरोध कर रहे हैं। इसी क्रम में राजस्थान यूनिवर्सिटी में रोस्टर सिस्टम लागू होने के बाद पहली वैकेंसी निकली है, जिसपर अभी से ही विवाद शुरू हो गया है। इस विज्ञापन में दलित-पिछड़े और ओबीसी वर्ग के लिए एक भी सीट रिजर्व नहीं है।

सेंट्रल यूनिवर्सिटी, राजस्थान द्वारा विभिन्न विभागों के लिए निकाले गए इस वैकेंसी का नोटिफिकेशन सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। दलित-पिछड़े एक्टिविस्ट के बीच इसे शेयर किया जा रहा है और आशंका जताई जा रही है कि केंद्र की मोदी सरकार इसी तरह दलितों-पिछड़ों का रिजर्वेशन धीरे-धीरे खत्म करने जा रही है।

रोस्टर मामले में लालू यादव का ट्वीट
इस मामले में बिहार के नेता भी मुखर हो गए हैं। आज राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर इसपर प्रतिक्रिया दी है। लालू यादव ने ट्वीट किया है, उच्च शिक्षा में SC, ST, OBC रिजर्वेशन खत्म होने और 13 प्वायंट रोस्टर लागू होने के बाद नौकरियों का पहला विज्ञापन आ गया है। इसमें एक भी पद SC, ST, OBC के लिए नहीं है। मनुवादियों ने चोर दरवाज़े से आरक्षण समाप्त कर दिया। क्या अब साढ़े तीन लाख खाली पद इसी तरीके से भरे जाएंगे?


लालू प्रसाद की बेटी व राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने लिखा – विश्वविद्यालयों SC, ST, OBC आरक्षण खत्म करनेवाले 13 पॉइंट रोस्टर लागू होने के बाद राजस्थान सेंट्रल यूनिवर्सिटी का 33 शिक्षकों का विज्ञापन!! इसमें SC-ST-OBC के लिए एक भी पद नहीं!! अब बहुजन समाज BJP व NDA के अपने सांसदों से पूछें कि अपनी राजनीति के लिए बहुजनों का हक़ क्यों बेच आए?

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कई दिन पहले ही इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हैं। उन्होंने कई ट्वीट कर कहा कि लंबे संघर्ष के बाद उच्च शिक्षा में हासिल संवैधानिक आरक्षण को मनुवादी मोदी सरकार ने लगभग खत्म कर दिया गया है।


क्या है 13 पॉइंट रोस्टर ?
अभी तक यूनिवर्सिटी या कॉलेज की नौकरियों के लिए यूनिवर्सिटी या कॉलेज को ही एक इकाई माना जाता था। साथ ही इन भर्तियों के लिए 200 पॉइंट रोस्टर सिस्टम की व्यवस्था थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि रिज़र्वेशन अब डिपार्टमेंट के आधार पर लागू किया जाए। इसके लिए 13 प्वाइंट का रोस्टर बनाया गया है।

इस रोस्टर के तहत जो वेकेंसी निकलेंगी उसके तहत शुरूआती तीन पद अनारक्षित, चौथा ओबीसी को फिर 5वां और 6ठा अनारक्षित, 7वां पद अनुसूचित जनजाति को, 8वां फिर से ओबीसी को और 9वां, 10वां, 11वां अनारक्षित, 12वां ओबीसी और 13वां फिर से अनारक्षित जबकि 14वां पद अनुसूचित जनजाति को दिया जाएगा। जानकारों का कहना है कि इस तरह से रिजर्वेशन लागू किया गया तो हद से हद 30% तक ही रिजर्वेशन का फायदा मिल पाएगा जबकि केंद्र सरकार की नौकरियों में एससी-एसटी-ओबीसी के लिए 49.5% रिज़र्वेशन का प्रावधान है।

13 प्वाइंट रोस्टर का विरोध कर रहे छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के विज्ञापन के बाद विरोध और तेज कर दिया है। सामाजिक चिंतकों का कहना है कि जब तक हर यूनिवर्सिटी और कॉलेज में संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक SC, ST, OBC की रिजर्व सीटें भर न जाएं, तब तक अनरिजर्व सीटों की नियुक्तियां रोकी जाएं।

 

बाकी ख़बरें