SC/ST/OBC के भारत बंद का व्यापक असर, बैकफुट पर मोदी सरकार, 13 प्वाइंट रोस्टर पर अध्यादेश लाने को तैयार

Written by sabrang india | Published on: March 5, 2019
नई दिल्ली। 13 प्वाइंट रोस्टर पर मचे घमासान और एससी/एसटी/ओबीसी संगठनों द्वारा बुलाए बंद पर मोदी सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है। विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों में आरक्षण खत्म करने की साजिश वाला 13 प्वाइंट रोस्टर को अध्यादेश लाकर बदलने के लिए केंद्र सरकार तैयार हो गई है। 


इस बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार 200 पॉइंट रोस्टर के पक्ष में है और हम इसे जरूर देंगे। जावड़ेकर ने कहा कि आखिरी कैबिनेट मीटिंग और दो दिन का इंतजार कीजिए, विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों को न्याय जरूर मिलेगा। शिक्षा मंत्री ने कहा, 200 पॉइंट रोस्टर सिस्टम के तहत यूनिवर्सिटी को एक यूनिट माना जाता है।

लेकिन हाई कोर्ट ने इसके खिलाफ फैसला देकर विभाग को एक यूनिट माना। हम इसके खिलाफ हैं, लिहाजा हमने रिव्यू पीटिशन फाइल की है, ताकि यह खारिज हो जाए। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी समुदाय को न्याय जरूर मिलेगा क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार सामाजिक न्याय के साथ खड़ी है।  
बताया जा रहा है कि मोदी सरकार की अंतिम कैबिनेट बैठक में सात तारीख़ को इस पर फैसला हो सकता है। इसके तहत एससी, एसटी और ओबीसी को विश्वविद्यालयों में फ़ैकल्टी में भर्ती के लिए आरक्षण डिपार्टमेंट के बजाए यूनिवर्सिटी के आधार पर दिया जाएगा। 

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2017 के फ़ैसले को बहाल रखा था, जिसमें आरक्षित पदों को भरने के लिए डिपार्टमेंट को यूनिट माना गया था न कि यूनीवर्सिटी को। इस मामले में सरकार की रिव्यू पीटिशन को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।  

पिछले दिनों मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने संसद में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका मंज़ूर नहीं हुई तो सरकार ऑर्डिनेंस लाएगी। उन्होंने कहा था कि,‘सरकार हमेशा सामाजिक न्याय के पक्ष में है, पुनर्विचार याचिका खारिज होने की स्थिति में हमने अध्यादेश या विधेयक लाने का फैसला किया है'। 

जावड़ेकर ने इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया पूरा होने तक उच्च शिक्षण संस्थाओं में नियुक्ति या भर्ती प्रक्रिया बंद रहने का भी भरोसा दिलाया था। गौरतलब है कि इस बारे में बिल कैबिनेट के सामने लंबित है। इसी मुद्दे पर आज दलित और आदिवासी संगठनों ने भारत बंद बुलाया है। विपक्षी पार्टियां भी मांग कर रही हैं कि अध्यादेश लाया जाए। 

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