अहमदाबाद। 13 प्वाइंट रोस्टर का विरोध देशभर में विरोध हो रहा है। ऐसे में नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात के छात्र और शिक्षक भी पीछे नहीं हैं।
गुजरात की एकमात्र सेंट्रल यूनिवर्सिटी 'गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय' के छात्र इस नये रोस्टर सिस्टम के खिलाफ पिछले एक हफ्ते से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
छात्रों का कहना है कि ये सरकार सुप्रीम कोर्ट के रास्ते उच्च शिक्षा में दलित-पिछड़ी जातियों के शिक्षकों की भर्ती खत्म कर देना चाहती है। इसीलिए वह जानबूझकर 200 प्वाइंट वाले पुराने रोस्टर पर अध्यादेश लाने में घालमेल कर रही है।
ज्ञात हो कि 13 प्वाइंट रोस्टर के विरोध में बहुत सारे छात्र-संगठन और शिक्षक-संघ दिल्ली में लगातार प्रर्दशन कर रहे हैं। यहां तक कि संसद में भी सपा, बसपा और राजद के सांसदों ने इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन किया है। छात्रों और शिक्षकों में सबसे ज्यादा गुस्सा वर्तमान मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के खिलाफ है। चूंकि प्रकाश जावड़ेकर ने संसद के मौजूदा सत्र में आश्वासन दिया था कि MHRD विश्वविद्यालयों में 13 प्वाइंट रोस्टर के हिसाब से हो रही नियुक्तियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा देगी और सुप्रीम कोर्ट में सरकार की तरफ से यह निर्णय बदलने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। लेकिन उनके इस आश्वासन के बावजूद UGC ने विश्वविद्यालयों की नियुक्तियों में 13 प्वाइंट वाले सर्कुलर को वापस नहीं लिया है।
प्रकाश जावड़ेकर के इस दोहरे रवैये से SC-ST और OBC छात्र एवं शिक्षकों में काफी रोष है। जिसका साफ उदाहरण गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय में भी देखने को मिला है जहां छात्रों ने प्रकाश जावड़ेकर का पुतला दहन करके अपना विरोध जताया है। इन छात्रों का कहना है कि जब तक यह सरकार पुराने 200 प्वाइंट वाले रोस्टर को बहाल करने के लिए अध्यादेश नहीं लाती तब तक इस दलित-पिछड़ा, आदिवासी विरोधी सरकार का विरोध संसद से लेकर सड़क तक जारी रहेगा।
गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय में मोदी सरकार के खिलाफ हो रहे इस छात्र आंदोलन को वहां कार्यरत शिक्षकों ने भी अपना समर्थन दिया है। यह लड़ाई तब तक चलने वाली है जब तक 200 पॉइन्ट को पुनः लागू नहीं किया जाता है।
गुजरात की एकमात्र सेंट्रल यूनिवर्सिटी 'गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय' के छात्र इस नये रोस्टर सिस्टम के खिलाफ पिछले एक हफ्ते से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
छात्रों का कहना है कि ये सरकार सुप्रीम कोर्ट के रास्ते उच्च शिक्षा में दलित-पिछड़ी जातियों के शिक्षकों की भर्ती खत्म कर देना चाहती है। इसीलिए वह जानबूझकर 200 प्वाइंट वाले पुराने रोस्टर पर अध्यादेश लाने में घालमेल कर रही है।
ज्ञात हो कि 13 प्वाइंट रोस्टर के विरोध में बहुत सारे छात्र-संगठन और शिक्षक-संघ दिल्ली में लगातार प्रर्दशन कर रहे हैं। यहां तक कि संसद में भी सपा, बसपा और राजद के सांसदों ने इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन किया है। छात्रों और शिक्षकों में सबसे ज्यादा गुस्सा वर्तमान मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के खिलाफ है। चूंकि प्रकाश जावड़ेकर ने संसद के मौजूदा सत्र में आश्वासन दिया था कि MHRD विश्वविद्यालयों में 13 प्वाइंट रोस्टर के हिसाब से हो रही नियुक्तियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा देगी और सुप्रीम कोर्ट में सरकार की तरफ से यह निर्णय बदलने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। लेकिन उनके इस आश्वासन के बावजूद UGC ने विश्वविद्यालयों की नियुक्तियों में 13 प्वाइंट वाले सर्कुलर को वापस नहीं लिया है।
प्रकाश जावड़ेकर के इस दोहरे रवैये से SC-ST और OBC छात्र एवं शिक्षकों में काफी रोष है। जिसका साफ उदाहरण गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय में भी देखने को मिला है जहां छात्रों ने प्रकाश जावड़ेकर का पुतला दहन करके अपना विरोध जताया है। इन छात्रों का कहना है कि जब तक यह सरकार पुराने 200 प्वाइंट वाले रोस्टर को बहाल करने के लिए अध्यादेश नहीं लाती तब तक इस दलित-पिछड़ा, आदिवासी विरोधी सरकार का विरोध संसद से लेकर सड़क तक जारी रहेगा।
गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय में मोदी सरकार के खिलाफ हो रहे इस छात्र आंदोलन को वहां कार्यरत शिक्षकों ने भी अपना समर्थन दिया है। यह लड़ाई तब तक चलने वाली है जब तक 200 पॉइन्ट को पुनः लागू नहीं किया जाता है।