बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर सोमवार को कथित गोकशी की शिकायत के बाद उबल पड़ा। जिस बुलंदशहर जिले में शुक्रवार से लाखों की संख्या में मुस्लिम धार्मिक कार्यक्रम इज्तिमा में शरीक होने आए थे उसी जिले में उनके जाते वक्त खून खराबा देखने को मिला। यह खूनखराबा इज्तिमा के कार्यक्रम स्थल से करीब 50 किमी दूर हुआ लेकिन कई लोगों ने इसके जरिए मुस्लिमों को बदनाम करने की कोशिश की लेकिन बुलंदशहर पुलिस की सूझबूझ से वे नाकामयाब रहे।
ऐसे वक्त में जब कुछ ताकतें नफरत पैदा करने की कोशिशों में जुटी हैं, यूपी में बुलंदशहर जिले के जैनपुर गांव के लोगों ने मंदिर में नमाज पढ़वाकर हिंदू-मुस्लिम भाई-चारे की नई मिसाल पेश की। दरअसल, बुलंदशहर में शनिवार से तबलीगी इज्तेमा शुरू हुआ था। तीन दिन तक चले इस धार्मिक आयोजन में शिरकत करने के लिए देश-विदेश से लाखों मुसलमान दरियापुर गांव पहुंचे।
रविवार को कुछ मुस्लिम जब जैनपुर गांव में शिव मंदिर के करीब पहुंचे तो जोहर (दोपहर) की नमाज का वक्त हो गया, लेकिन इज्तेमा में जाने वालों की इतनी भीड़ थी कि आगे तक जाम लगा हुआ था। वे लोग चाहकर भी इज्तेमा वाली जगह जाकर नमाज नहीं पढ़ सकते थे। तब उन लोगों ने गांव के हिंदुओं से मंदिर परिसर में नमाज पढ़ने की इजाजत मांगी।
गांव के प्रधान गंगा प्रसाद के मुताबिक, मुसलमान भाइयों की परेशानी को समझते हुए हम लोगों ने मंदिर में नमाज पढ़वाने का फैसला किया। फौरन ही वुजू (नमाज पढ़ने से पहले किया जाता है) के लिए पानी का इंतजाम कराया गया। मंदिर के पुजारी अमर सिंह वैद्य ने बताया कि जितने भी लोग थे, सभी ने वहां नमाज पढ़ी। उन्होंने कहा कि देश में भाईचारे का संदेश जाना चाहिए।।। मंदिर सब के लिए है। मंदिर कमिटी के सदस्य चौधरी सहाब सिंह ने कहा कि धर्म के नाम पर मंदिर में किसी को आने और प्रार्थना करने से नहीं रोका जाना चाहिए, इसीलिए हमने यह निर्णय लिया।
जौनपुर गांव के लोगों का यह कारनामा मिसाल बनकर उभरा लेकिन तबलीगी इज्तेमा के अंतिम दिन सोमवार को बुलंदशहर जिले के ही स्याना में कथित गोकशी के नाम पर हिंदुवादी संगठनों ने बवाल कर दिया। इस बवाल में एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक स्थानीय नागरिक की मौत हो गई।
ऐसे वक्त में जब कुछ ताकतें नफरत पैदा करने की कोशिशों में जुटी हैं, यूपी में बुलंदशहर जिले के जैनपुर गांव के लोगों ने मंदिर में नमाज पढ़वाकर हिंदू-मुस्लिम भाई-चारे की नई मिसाल पेश की। दरअसल, बुलंदशहर में शनिवार से तबलीगी इज्तेमा शुरू हुआ था। तीन दिन तक चले इस धार्मिक आयोजन में शिरकत करने के लिए देश-विदेश से लाखों मुसलमान दरियापुर गांव पहुंचे।
रविवार को कुछ मुस्लिम जब जैनपुर गांव में शिव मंदिर के करीब पहुंचे तो जोहर (दोपहर) की नमाज का वक्त हो गया, लेकिन इज्तेमा में जाने वालों की इतनी भीड़ थी कि आगे तक जाम लगा हुआ था। वे लोग चाहकर भी इज्तेमा वाली जगह जाकर नमाज नहीं पढ़ सकते थे। तब उन लोगों ने गांव के हिंदुओं से मंदिर परिसर में नमाज पढ़ने की इजाजत मांगी।
गांव के प्रधान गंगा प्रसाद के मुताबिक, मुसलमान भाइयों की परेशानी को समझते हुए हम लोगों ने मंदिर में नमाज पढ़वाने का फैसला किया। फौरन ही वुजू (नमाज पढ़ने से पहले किया जाता है) के लिए पानी का इंतजाम कराया गया। मंदिर के पुजारी अमर सिंह वैद्य ने बताया कि जितने भी लोग थे, सभी ने वहां नमाज पढ़ी। उन्होंने कहा कि देश में भाईचारे का संदेश जाना चाहिए।।। मंदिर सब के लिए है। मंदिर कमिटी के सदस्य चौधरी सहाब सिंह ने कहा कि धर्म के नाम पर मंदिर में किसी को आने और प्रार्थना करने से नहीं रोका जाना चाहिए, इसीलिए हमने यह निर्णय लिया।
जौनपुर गांव के लोगों का यह कारनामा मिसाल बनकर उभरा लेकिन तबलीगी इज्तेमा के अंतिम दिन सोमवार को बुलंदशहर जिले के ही स्याना में कथित गोकशी के नाम पर हिंदुवादी संगठनों ने बवाल कर दिया। इस बवाल में एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक स्थानीय नागरिक की मौत हो गई।