गुजरात में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय, मॉबलिंचिंग के लिए कठोर कानून बने, 18 को सम्मेलन

Written by sabrang india | Published on: July 4, 2019
नई दिल्ली। गुजरात सरकार अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय बनाए। अल्पसंख्यक आयोग मॉबलिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर क़ानून, The Minorities (Prevention Of Atrocities) Act बनाए। साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय के लिए बजट में ठोस आवंटन किया जाए। इन मांगों के साथ 18 जुलाई को गांधीनगर में एक राज्य स्तरीय सम्मेलन होगा।  

माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी (MCC) काफ़ी समय से राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के विकास एवं रक्षण के लिए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय, बजट में ठोस आवंटन, राज्य अल्पसंख्यक आयोग, अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में क्लास 12 तक के स्कूल खोलने जैसी मांगें उठा रही है। लेकिन गुजरात सरकार लगातार राज्य की 11.5% आबादी के साथ अन्याय कर रही है।

माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि मंगलवार को गुजरात सरकार द्वारा राज्य का बजट विधानसभा में पेश किया गया। बजट भाषण में वित्त मंत्री द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय को अपनी सरकार की प्राथमिकता में शामिल नहीं किये जाने से साफ़ हुआ है कि राज्य सरकार इनके लिए भेदभावपूर्ण रवैया रखेगी।

एमसीसी का कहना है कि गुजरात में अल्पसंख्यक समाज डर में जी रहा है। अब तो भैंस ले जाते हुए भी तथाकथित गौरक्षक जानलेवा हमले कर लूट कर रहे हैं। यह सरकार बेटी पढाओ, बेटी बचाओ का फर्जी नारा देती है लेकिन गुजरात में मुस्लिम समाज की लड़कियां पहली से पांचवीं क्लास में आते ही 10.58% ड्राप आउट हो रही हैं फिर भी सरकार इस पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रही है। गुजरात में अल्पसंख्यक समाज की शिकायतें सुनने के लिए कोई भी आयोग नहीं हैं जबकि देश में अल्पसंख्यक आयोग है तो गुजरात में क्यों नहीं है? ये भेदभाव का स्पष्ट उदाहरण है। गुजरात में अल्पसंख्यक समुदाय को वो अधिकार भी प्राप्त नहीं हैं जो दूसरे राज्यों में प्राप्त हैं।

सरकार व विपक्ष को अपनी मांगें बताने व उन मांगों पर विधानसभा में चर्चा करने के लिए आगामी 18 जुलाई 2019 को आंबेडकर हाल सेक्टर 12 गांधीनगर में अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन आयोजित किया जायेगा, जिसमें सभी राजनीतिक दलों के साथ ही विधानसभा में सत्ता दल के नेता को भी आमंत्रित किया जायेगा ताकि वे कमेटी प्रश्नों पर विधानसभा सत्र के दौरान चर्चा कर 11.5% आबादी को उनके मूलभत अधिकार दिलवाएं।

ये होंगी प्रमुख मांगें.....

1- राज्य में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की स्थापना की जाये।

2- राज्य के बजट में अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए ठोस आवंटन किया जाये।

3- राज्य में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया जाये व इसको संवैधानिक मजबूती का विधेयक विधानसभा में पास किया जाए।

4- राज्य के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में कक्षा 12 तक के सरकारी स्कूल खोले जाएं।

5- मदरसा डिग्री को गुजरात बोर्ड के समकक्ष मान्यता दी जाए।

6- अल्पसंख्यक समुदाय के उत्थान के लिए विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाये।

7- सांप्रदायिक हिंसा से विस्थापित हुए लोगों के पुनर्स्थापन के लिए सरकार नीति बनाये।

8-  प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्रीय कार्यक्रम का सम्पूर्ण रूप से अमलीकरण किया जाये।

9- The Minorities (Prevention Of Atrocities) Act बनाया जाये।

10- मॉबलिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर क़ानून बनाया जाये।

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