मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा का पेड न्यूज़ का मामला शांत नहीं हो रहा है। पेड न्यूज के मामले में चुनाव आयोग ने नरोत्तम मिश्रा का चुनाव रद्द कर दिया था, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने आयोग का फैसला पलट दिया था। अब निर्वाचन आयोग ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
इस मामले को दतिया से कांग्रेस प्रत्याशी रहे राजेंद्र भारती ने उठाया था, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने जब नरोत्तम मिश्रा को क्लीन चिट दी तो राजेंद्र भारती ने सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं की, जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने खुद ही सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया।
(स्त्रोत: पत्रिका)
पत्रिका की खबर के अनुसार जल संसाधन, संसदीय कार्य एवं जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर आरोप है कि 2008 में उन्होंने दतिया से विधानसभा चुनाव लड़ने के दौरान पेड न्यूज़ छपवाई थी, और इसका खर्चा उन्होंने अपने चुनाव व्यय में शामिल नहीं किया था। पेड न्यूज का हिसाब चुनाव खर्च में नहीं देने पर उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी। इसके बाद आयोग ने 23 जून 2017 को नरोत्तम मिश्र को दोषी माना था और आयोग ने उन्हें तीन साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया था। नरोत्तम मिश्रा इस कारण राष्ट्रपति चुनाव में अपना वोट नहीं डाल पाए थे।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस लगातार मांग कर रही है कि अयोग्य घोषित हो जाने के बाद नरोत्तम मिश्रा को मंत्रिपद से हटा दिया जाना चाहिए, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज ने नरोत्तम को लगातार मंत्री बनाए रखा है।
इस मामले को दतिया से कांग्रेस प्रत्याशी रहे राजेंद्र भारती ने उठाया था, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने जब नरोत्तम मिश्रा को क्लीन चिट दी तो राजेंद्र भारती ने सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं की, जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने खुद ही सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया।
(स्त्रोत: पत्रिका)
पत्रिका की खबर के अनुसार जल संसाधन, संसदीय कार्य एवं जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर आरोप है कि 2008 में उन्होंने दतिया से विधानसभा चुनाव लड़ने के दौरान पेड न्यूज़ छपवाई थी, और इसका खर्चा उन्होंने अपने चुनाव व्यय में शामिल नहीं किया था। पेड न्यूज का हिसाब चुनाव खर्च में नहीं देने पर उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी। इसके बाद आयोग ने 23 जून 2017 को नरोत्तम मिश्र को दोषी माना था और आयोग ने उन्हें तीन साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया था। नरोत्तम मिश्रा इस कारण राष्ट्रपति चुनाव में अपना वोट नहीं डाल पाए थे।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस लगातार मांग कर रही है कि अयोग्य घोषित हो जाने के बाद नरोत्तम मिश्रा को मंत्रिपद से हटा दिया जाना चाहिए, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज ने नरोत्तम को लगातार मंत्री बनाए रखा है।