पटना में लेफ्ट की भाजपा हराओ- देश बचाओ रैली चल रही है. लाल झंडे के तले बडी संख्या में लोग और समर्थक यहां पहंचे हैं. इस मौके पर जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद पहुंचेंगे। वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की जगह रैली में राजद की तरफ से रामचंद्र पूर्वे और तनवीर हसन शामिल होंगे।
रैली से पहले कन्हैया कुमार ने कई ट्वीट किए हैं। एक ट्वीट में उन्होने लिखा, ''आज दिन में 12 बजे से पटना के गाँधी मैदान में सीपीआई की रैली होगी। इसमें देश के ऐसे तमाम दलों और विचारधाराओं के लोग शामिल होंगे जिन्होंने भाजपा सरकार के रूप में संविधान और लोकतंत्र पर छाए संकट को देखकर चुप नहीं रहने का फ़ैसला किया है।हर ज़ोर-ज़ुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है।''
वहीं दूसरे ट्वीट में उन्होने लिखा, ''तस्वीर साफ़ बता रही है कि जनता संविधान और लोकतंत्र के दुश्मनों का सामना करने के लिए कमर कस चुकी है। शिक्षा, खेती-किसानी आदि को बचाने का जज़्बा लेकर पटना के गाँधी मैदान को लाल झंडों से पाट देने वाले सभी साथियों का स्वागत है।''
एक अन्य ट्वीट में पूर्व जेएन छात्रसंघ अध्यक्ष ने लिख, ''आज पटना के गाँधी मैदान में जनता साफ़ शब्दों में बताने वाली है कि हमारा देश संविधान से चलेगा न कि मुट्ठी भर अमीरों और उनके दलालों के लालच के हिसाब से। जिन्होंने शिक्षा और रोज़गार जैसे मसलों को जुमलों और दंगों में दबा दिया, उन्हें सत्ता से बाहर करना ज़रूरी है।''
रैली से पहले कन्हैया कुमार ने कई ट्वीट किए हैं। एक ट्वीट में उन्होने लिखा, ''आज दिन में 12 बजे से पटना के गाँधी मैदान में सीपीआई की रैली होगी। इसमें देश के ऐसे तमाम दलों और विचारधाराओं के लोग शामिल होंगे जिन्होंने भाजपा सरकार के रूप में संविधान और लोकतंत्र पर छाए संकट को देखकर चुप नहीं रहने का फ़ैसला किया है।हर ज़ोर-ज़ुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है।''
वहीं दूसरे ट्वीट में उन्होने लिखा, ''तस्वीर साफ़ बता रही है कि जनता संविधान और लोकतंत्र के दुश्मनों का सामना करने के लिए कमर कस चुकी है। शिक्षा, खेती-किसानी आदि को बचाने का जज़्बा लेकर पटना के गाँधी मैदान को लाल झंडों से पाट देने वाले सभी साथियों का स्वागत है।''
एक अन्य ट्वीट में पूर्व जेएन छात्रसंघ अध्यक्ष ने लिख, ''आज पटना के गाँधी मैदान में जनता साफ़ शब्दों में बताने वाली है कि हमारा देश संविधान से चलेगा न कि मुट्ठी भर अमीरों और उनके दलालों के लालच के हिसाब से। जिन्होंने शिक्षा और रोज़गार जैसे मसलों को जुमलों और दंगों में दबा दिया, उन्हें सत्ता से बाहर करना ज़रूरी है।''