झारखंड में हुए तबरेज अंसारी हत्या मामले में उच्च न्यायालय ने छह आरोपियों को जमानत दे दी है। बता दें कि सरायकेला में चोरी के आरोप में भीड़ द्वारा पीट-पीट मारे गए तबरेज अंसारी की हत्या मामले में छह आरोपियों को मंगलवार (10 दिसंबर) को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई।
झारखंड उच्च न्यायालय के जज आर मुखोपाध्याय की पीठ ने भीमसेन मंडल, चामू नायक, महेश महली, सत्यनारायण नायक, मदन नायक, विक्रम मंडल को इस मामले में छह माह बाद जमानत दी है। इससे पहले सभी आरोपियों ने उच्च न्यायालय में जमानत की याचिका दाखिल की थी। बता दें कि आरोपियों के वकील ने तबरेज की हत्या में इन्हें बेगुनाह साबित किया इसलिए इनकी जमानत हुई है।
सुनवाई के दौरान इनके वकील ए.के.साहनी ने पीठ को बताया कि तबरेज अंसारी मामले में इनका नाम प्राथमिकी में नहीं है। इसके साथ साहनी ने यह भी कहा कि नामजद आरोपित पप्पू मंडल ने पुलिस को दिए अपने बयान में इनका नाम नहीं लिया है। इस सब के बावजूद सभी आरोपी लगभग छह माह से जेल में बंद हैं। कोर्ट ने इस तर्क पर सुनवाई करते हुए आरोपियों को जमानत दी है।
आरोपियों के वकील का पक्षः
आरोपियों के वकील द्वारा पीठ को बताया गया कि 18 जून 2019 को चोरी के आरोप में तबरेज अंसारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीजेएम कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया था। 22 जून को उसकी तबीयत खराब हुई और इलाज के दौरान सरायकेला के सदर अस्पताल में तबरेज की मौत हो गई थी। ऐसे में यह हिरासत में हुई मौत का मामला है। इसलिए इनको जमानत मिलनी चाहिए।
बचाव पक्ष ने किया जमानत का विरोधः
इस दौरान बचाव पश्र की ओर से इनकी जमानत का विरोध किया गया और कहा गया कि मारपीट की घटना में सभी लोग शामिल थे। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने छह आरोपियों को जमानत दे दी है। बता दें कि भीड़ हिंसा के इस मामले में तबरेज की पत्नी एस परवीन ने एफआईआर दर्ज कराई जिसमें आरोप है कि तबरेज को भीड़ ने एक खंभे से बांध कर उसकी पिटाई की थी। इसकी वजह से उसकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
झारखंड उच्च न्यायालय के जज आर मुखोपाध्याय की पीठ ने भीमसेन मंडल, चामू नायक, महेश महली, सत्यनारायण नायक, मदन नायक, विक्रम मंडल को इस मामले में छह माह बाद जमानत दी है। इससे पहले सभी आरोपियों ने उच्च न्यायालय में जमानत की याचिका दाखिल की थी। बता दें कि आरोपियों के वकील ने तबरेज की हत्या में इन्हें बेगुनाह साबित किया इसलिए इनकी जमानत हुई है।
सुनवाई के दौरान इनके वकील ए.के.साहनी ने पीठ को बताया कि तबरेज अंसारी मामले में इनका नाम प्राथमिकी में नहीं है। इसके साथ साहनी ने यह भी कहा कि नामजद आरोपित पप्पू मंडल ने पुलिस को दिए अपने बयान में इनका नाम नहीं लिया है। इस सब के बावजूद सभी आरोपी लगभग छह माह से जेल में बंद हैं। कोर्ट ने इस तर्क पर सुनवाई करते हुए आरोपियों को जमानत दी है।
आरोपियों के वकील का पक्षः
आरोपियों के वकील द्वारा पीठ को बताया गया कि 18 जून 2019 को चोरी के आरोप में तबरेज अंसारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीजेएम कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया था। 22 जून को उसकी तबीयत खराब हुई और इलाज के दौरान सरायकेला के सदर अस्पताल में तबरेज की मौत हो गई थी। ऐसे में यह हिरासत में हुई मौत का मामला है। इसलिए इनको जमानत मिलनी चाहिए।
बचाव पक्ष ने किया जमानत का विरोधः
इस दौरान बचाव पश्र की ओर से इनकी जमानत का विरोध किया गया और कहा गया कि मारपीट की घटना में सभी लोग शामिल थे। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने छह आरोपियों को जमानत दे दी है। बता दें कि भीड़ हिंसा के इस मामले में तबरेज की पत्नी एस परवीन ने एफआईआर दर्ज कराई जिसमें आरोप है कि तबरेज को भीड़ ने एक खंभे से बांध कर उसकी पिटाई की थी। इसकी वजह से उसकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया था।