भोपाल. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जनसंगठनों ने भोपाल में पत्रकार वार्ता का आयोजन कर अपनी मांगें सामने रखीं. इस दौरान विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियों के लिये बनाये गये मांगपत्र को सांझा किया गया. इस मांगपत्र में प्रदेश में राज्य परिवहन निगम पुनः शुरू करने, सच्चर कमिटी के सिफारिशों पर अमल करने, शिक्षा और स्वास्थ्य के निजीकरण पर रोक लागने, अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने के संबंध में कोर्ट के फैसले का सख्ती से पालन करने, मीसाबंदियों को मिलने वाली पेंशन समाप्त करने, स्मार्ट सिटी के नाम पर पेड़ काटने पर प्रतिबंध लगाने और पत्रकारों के लिए वेतन-भत्ते और पेंशन की एक निश्चित व्यवस्था करने जैसी मांगें शामिल हैं.
पत्रकारवार्ता के दौरान बताया गया कि पिछले महीने जनसंगठनों द्वारा मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन देकर मांग की गयी थी कि चूंकि संघ का हस्तेक्षप राजनीतिक रूप से भी है और भाजपा को उसका अनुषांगिक संगठन बताया जाता है इसलिये चुनाव की निष्पक्षता को ध्यान में रखते हुये संघ से जुड़े किसी भी सरकारी कर्मचारी को विधानसभा चुनाव से सम्बंधित जिम्मेदारी न दी जाये और मतदान केन्द्रों में तैनात किये जाने वाले प्रत्येक शासकीय सेवक से इस आशय का का शपथपत्र लिया जाये कि उसका आरएसएस से किसी भी प्रकार का सम्बन्ध नहीं है.
इस दौरान जनसंगठनों द्वारा केरल के मुख्यमंत्री को लिखे गये पत्र को भी पढ़ कर सुनाया गया जिसमें केरल सरकार द्वारा सबरीमाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दृढ़ता से पालन करने को लेकर बधाई दी गयी है.
चुनावी प्रक्रिया के दौरान बच्चों के इस्तेमाल की घटनाओं को रोकने के सम्बन्ध में संगठनों द्वारा मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गये ज्ञापन पर आयोग द्वारा इस सम्बन्ध में प्रदेश के सभी कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारियों को भेजे गये पत्र को लेकर भी आयोग को आभार जताया गया है.
पत्रकार वार्ता को आल इंडिया सेकुलर फोरम के लज्जाशंकर हरदेनिया और मध्यप्रदेश भारत ज्ञान विज्ञान समिति की सुश्री आशा मिश्रा द्वारा संबोधित किया गया. इस दौरान वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र कोठारी, नीलेश दुबे, जनवादी लेखक संघ के मनोज कुलकर्णी और नागरिक अधिकार मंच के जावेद अनीस उपस्थित थे.
पत्रकारवार्ता के दौरान बताया गया कि पिछले महीने जनसंगठनों द्वारा मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन देकर मांग की गयी थी कि चूंकि संघ का हस्तेक्षप राजनीतिक रूप से भी है और भाजपा को उसका अनुषांगिक संगठन बताया जाता है इसलिये चुनाव की निष्पक्षता को ध्यान में रखते हुये संघ से जुड़े किसी भी सरकारी कर्मचारी को विधानसभा चुनाव से सम्बंधित जिम्मेदारी न दी जाये और मतदान केन्द्रों में तैनात किये जाने वाले प्रत्येक शासकीय सेवक से इस आशय का का शपथपत्र लिया जाये कि उसका आरएसएस से किसी भी प्रकार का सम्बन्ध नहीं है.
इस दौरान जनसंगठनों द्वारा केरल के मुख्यमंत्री को लिखे गये पत्र को भी पढ़ कर सुनाया गया जिसमें केरल सरकार द्वारा सबरीमाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दृढ़ता से पालन करने को लेकर बधाई दी गयी है.
चुनावी प्रक्रिया के दौरान बच्चों के इस्तेमाल की घटनाओं को रोकने के सम्बन्ध में संगठनों द्वारा मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गये ज्ञापन पर आयोग द्वारा इस सम्बन्ध में प्रदेश के सभी कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारियों को भेजे गये पत्र को लेकर भी आयोग को आभार जताया गया है.
पत्रकार वार्ता को आल इंडिया सेकुलर फोरम के लज्जाशंकर हरदेनिया और मध्यप्रदेश भारत ज्ञान विज्ञान समिति की सुश्री आशा मिश्रा द्वारा संबोधित किया गया. इस दौरान वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र कोठारी, नीलेश दुबे, जनवादी लेखक संघ के मनोज कुलकर्णी और नागरिक अधिकार मंच के जावेद अनीस उपस्थित थे.