International Womens Day: ये हैं महिलाओं को सशक्त बनाने वाले कानून

Published on: March 8, 2021
नई दिल्ली। महिलाओं के सम्मान में हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Womens Day) मनाया जाता है। मनुस्मृति में महिलाओं का स्थान पशु, शूद्र व निर्जीव ढोल के बराबर बताया गया है लेकिन हमारे संविधान ने महिलाओं को पुरूषों की बराबरी का दर्जा देते हुए उनके अधिकारों को बढ़ाने का काम किया है। आज महिला दिवस पर हम ऐसे ही कानूनों की बात कर  रहे हैं जो महिला को बराबरी देने व उनके उत्पीड़न को रोकने के बारे में हैं। 



महिलाओं के हकों को और मजबूती देने के लिए भारत के संविधान में कई कानून हैं। हालांकि इनकी जानकारी न होने के कारण कई बार महिलाएं अपने अधिकारों पर बात नहीं कर पाती हैं। ये हैं महिलाओं को सशक्त बनाने वाले कानून। 

*कोई व्यक्ति अगर किसी महिला के साथ अभद्र भाषा, अभद्र गाने या आपत्तिजनक इशारे का इस्तेमाल करे तो धारा 294 के तहत आरोपी को 3 महीने की सजा हो सकती है। 

*किसी महिला को जबरन गर्भाधारण या गर्भपात के लिए मजबूर करने वाले व्यक्ति पर धारा 312-315 के तहत कार्रवाई हो सकती है। इसमें 3 से 10 साल तक की जेल है। 

*कोई अगर महिला के गहने, जमीन या सामान वापस नहीं करे तो धारा 406 के तहत आरोपी पर कार्रवाई हो सकती है। इस धारा के अंतर्गत 3 साल तक की सजा है।  

*शादी का वादा कर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना करने पर धारा 493 के तहत कानूनी कार्रवाई हो सकती है। इसके तहत 10 साल की सजा का प्रावधान है। 

*अगर कोई किसी महिला को आत्महत्या के लिए उकसाता है तो धारा 306 के तहत उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। ऐसे अपराध की सजा 10 साल तक हो सकती है। 

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