ट्विटर के पूर्व सुरक्षा प्रमुख पीटर ज़ैटको ने एक शिकायत में आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने ट्विटर को ऐसे विशिष्ट व्यक्तियों को नियुक्त करने के लिए मजबूर किया जो सरकार के एजेंट थे और जिनकी ट्विटर के वृहद संवेदनशील डेटा तक पहुंच थी।
नई दिल्ली: ट्विटर के पूर्व सुरक्षा प्रमुख पीटर ज़ैटको द्वारा दायर एक ह्विसिलब्लोअर शिकायत में आरोप लगाया गया है कि भारत सरकार ने सोशल मीडिया कंपनी को एक ऐसे व्यक्ति को काम पर रखने के लिए मजबूर किया जो एक सरकारी एजेंट था और संभवत: उपयोगकर्ताओं के संवेदनशील डेटा तक उसकी पहुंच थी, यही उसका काम था।
रिपोर्ट के अनुसार, 84 पृष्ठीय शिकायत प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग को भेजी गई थी और मंगलवार दोपहर द वॉशिंगटन पोस्ट द्वारा उसे सार्वजनिक कर दिया गया। शिकायत बताती है कि ज़ैटको के वकील द्वारा अमेरिकी न्याय विभाग के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाग और खुफिया जानकारी संबंधी अमेरिकी चयन समिति को इन आरोपों के समर्थन में और इन्हें प्रमाणित करने वाली जानकारी भेजी गई है।
हैकर के रूप में व्यापक तौर पर प्रशंसा पा चुके ज़ैटको अपने सहकर्मियों के बीच ‘मुज’ के नाम से जाने जाते हैं, उन्होंने अपनी शिकायत में ट्विटर की तस्वीर एक अराजक कंपनी के तौर पर प्रस्तुत की है, जो अपने 238 मिलियन (23।80 करोड़) दैनिक उपोगकर्ताओं को उचित सुरक्षा प्रदान करने में असमर्थ है।
‘लोकतंत्र में विदेशी इंटेलिजेंस और खतरों द्वारा सेंध (पेनेट्रैशन बाय फॉरेन इंटेलिजेंस एंड थ्रेट्स टू डेमोक्रेसी)’ नामक खंड में कहा गया है कि ज़ैटको को ऐसे कई प्रसंगों के बारे में पता लगा जिनमें ट्विटर लोकतांत्रिक शासन के लिए खतरा पैदा करने में शामिल था।
शिकायत में कहा गया है, ‘भारत सरकार ने ट्विटर को ऐसे विशिष्ट व्यक्तियों को नियुक्त करने के लिए मजबूर किया जो सरकार के एजेंट थे, जिनके पास ट्विटर के वृहद संवेदनशील डेटा तक (ट्विटर की खामियों के कारण) पहुंच होती।’
शिकायत में आगे कहा गया है, ‘जानबूझकर भारत सरकार के एक एजेंट को कंपनी के सिस्टम और उपयोगकर्ताओं के डेटा तक बिना किसी निगरानी के सीधी पहुंच की अनुमति देकर ट्विटर के अधिकारियों ने अपने यूजर्स के लिए कंपनी की प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन किया।’
अपनी रिपोर्ट में द वॉशिंगटन पोस्ट ने ‘मामले से परिचित एक व्यक्ति’ का हवाला दिया है जो ज़ैटको के आरोपों से सहमति रखते हैं और बताते हैं कि नियुक्त कर्मचारी ‘संभवत: एक एजेंट’ था।
पूर्व ट्विटर सुरक्षा प्रमुख ने एक अन्य खंड में आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने ट्विटर पर स्थानीय पूर्णकालिक कर्मचारियों को नौकरी पर रखने के लिए ट्विटर पर दबाव बनाया ताकि ‘उनका इस्तेमाल किया’ जा सके।
शिकायत में कहा गया है, ‘ट्विटर कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाने का खतरा ट्विटर को विदेशी सरकार के उन अनुरोधों का पालन करने को बाध्य करने के लिए पर्याप्त था, जिनका ट्विटर किसी और मौके पर मौलिक तौर पर विरोध करता।
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नई दिल्ली: ट्विटर के पूर्व सुरक्षा प्रमुख पीटर ज़ैटको द्वारा दायर एक ह्विसिलब्लोअर शिकायत में आरोप लगाया गया है कि भारत सरकार ने सोशल मीडिया कंपनी को एक ऐसे व्यक्ति को काम पर रखने के लिए मजबूर किया जो एक सरकारी एजेंट था और संभवत: उपयोगकर्ताओं के संवेदनशील डेटा तक उसकी पहुंच थी, यही उसका काम था।
रिपोर्ट के अनुसार, 84 पृष्ठीय शिकायत प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग को भेजी गई थी और मंगलवार दोपहर द वॉशिंगटन पोस्ट द्वारा उसे सार्वजनिक कर दिया गया। शिकायत बताती है कि ज़ैटको के वकील द्वारा अमेरिकी न्याय विभाग के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाग और खुफिया जानकारी संबंधी अमेरिकी चयन समिति को इन आरोपों के समर्थन में और इन्हें प्रमाणित करने वाली जानकारी भेजी गई है।
हैकर के रूप में व्यापक तौर पर प्रशंसा पा चुके ज़ैटको अपने सहकर्मियों के बीच ‘मुज’ के नाम से जाने जाते हैं, उन्होंने अपनी शिकायत में ट्विटर की तस्वीर एक अराजक कंपनी के तौर पर प्रस्तुत की है, जो अपने 238 मिलियन (23।80 करोड़) दैनिक उपोगकर्ताओं को उचित सुरक्षा प्रदान करने में असमर्थ है।
‘लोकतंत्र में विदेशी इंटेलिजेंस और खतरों द्वारा सेंध (पेनेट्रैशन बाय फॉरेन इंटेलिजेंस एंड थ्रेट्स टू डेमोक्रेसी)’ नामक खंड में कहा गया है कि ज़ैटको को ऐसे कई प्रसंगों के बारे में पता लगा जिनमें ट्विटर लोकतांत्रिक शासन के लिए खतरा पैदा करने में शामिल था।
शिकायत में कहा गया है, ‘भारत सरकार ने ट्विटर को ऐसे विशिष्ट व्यक्तियों को नियुक्त करने के लिए मजबूर किया जो सरकार के एजेंट थे, जिनके पास ट्विटर के वृहद संवेदनशील डेटा तक (ट्विटर की खामियों के कारण) पहुंच होती।’
शिकायत में आगे कहा गया है, ‘जानबूझकर भारत सरकार के एक एजेंट को कंपनी के सिस्टम और उपयोगकर्ताओं के डेटा तक बिना किसी निगरानी के सीधी पहुंच की अनुमति देकर ट्विटर के अधिकारियों ने अपने यूजर्स के लिए कंपनी की प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन किया।’
अपनी रिपोर्ट में द वॉशिंगटन पोस्ट ने ‘मामले से परिचित एक व्यक्ति’ का हवाला दिया है जो ज़ैटको के आरोपों से सहमति रखते हैं और बताते हैं कि नियुक्त कर्मचारी ‘संभवत: एक एजेंट’ था।
पूर्व ट्विटर सुरक्षा प्रमुख ने एक अन्य खंड में आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने ट्विटर पर स्थानीय पूर्णकालिक कर्मचारियों को नौकरी पर रखने के लिए ट्विटर पर दबाव बनाया ताकि ‘उनका इस्तेमाल किया’ जा सके।
शिकायत में कहा गया है, ‘ट्विटर कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाने का खतरा ट्विटर को विदेशी सरकार के उन अनुरोधों का पालन करने को बाध्य करने के लिए पर्याप्त था, जिनका ट्विटर किसी और मौके पर मौलिक तौर पर विरोध करता।
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