चुनावी सीजन में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पर सेना का राजनीतिकरण करने और आर्मी के कारनामों का श्रेय लगने के आरोप लग रहे हैं। पीएम ने आतंकी घटना में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों के नाम पर भी वोट मांग लिया लेकिन सेना की समस्या क्या है इस पर कोई बात नहीं हो रही। इस बीच आर्मी ने अपने टैंकों, आर्टिलरी और एयर डिफेंस गन और दूसरे हथियारों में इस्तेमाल घटिया क्वॉलिटी के गोला-बारूद की वजह से लगातार बढ़ते हादसों पर बड़ी जिंता जाहिर की है। सेना को ये गोला-बारूद और हथियार सरकारी ऑर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड की ओर से मुहैया कराया जाता है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, सेना ने रक्षा मंत्रालय से कहा है कि बढ़ते हादसों की वजह से जानमाल के नुकसान के अलावा लोग घायल हो रहे हैं। इसके अलावा, उपकरणों को भी नुकसान पहुंच रहा है। सेना के मुताबिक, ये दुर्घटनाएं चौंकाने वाली दर से बढ़ रही हैं। आशंका जताई गई है कि इन घटनाओं की वजह से सेना का ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) द्वारा मुहैया कराए गए गोला बारूद में भरोसा खत्म हो जाएगा।
द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट में रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि आर्मी ने यह मामला सेक्रेटरी (डिफेंस प्रोडक्शन) अजय कुमार के सामने उठाया है। इसमें ओएफबी द्वारा ‘क्वॉलिटी कंट्रोल में कमी’ को लेकर ‘गंभीर चिंता’ जताई गई।
बता दें कि OFB के अंतर्गत 41 फैक्ट्रियां आती हैं और इसका सालाना टर्नओवर 19 हजार करोड़ रुपये का है। यह 12 लाख जवानों वाली सेना को युद्ध सामग्री मुहैया कराने का प्राथमिक स्रोत है। रिपोर्ट के मुताबिक, अजय कुमार ने सेना से गोला बारूद को लेकर आ रही समस्याओं पर विस्तार से लिखित रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा।

रिपोर्ट के मुताबिक, सेना ने रक्षा मंत्रालय से कहा है कि बढ़ते हादसों की वजह से जानमाल के नुकसान के अलावा लोग घायल हो रहे हैं। इसके अलावा, उपकरणों को भी नुकसान पहुंच रहा है। सेना के मुताबिक, ये दुर्घटनाएं चौंकाने वाली दर से बढ़ रही हैं। आशंका जताई गई है कि इन घटनाओं की वजह से सेना का ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) द्वारा मुहैया कराए गए गोला बारूद में भरोसा खत्म हो जाएगा।
द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट में रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि आर्मी ने यह मामला सेक्रेटरी (डिफेंस प्रोडक्शन) अजय कुमार के सामने उठाया है। इसमें ओएफबी द्वारा ‘क्वॉलिटी कंट्रोल में कमी’ को लेकर ‘गंभीर चिंता’ जताई गई।
बता दें कि OFB के अंतर्गत 41 फैक्ट्रियां आती हैं और इसका सालाना टर्नओवर 19 हजार करोड़ रुपये का है। यह 12 लाख जवानों वाली सेना को युद्ध सामग्री मुहैया कराने का प्राथमिक स्रोत है। रिपोर्ट के मुताबिक, अजय कुमार ने सेना से गोला बारूद को लेकर आ रही समस्याओं पर विस्तार से लिखित रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा।