बिहार: एंबुलेंस न मिलने पर गई बच्चे की जान, पैदल शव ले जाती बदहवास मां का वीडियो वायरल

Written by Sabrangindia Staff | Published on: April 11, 2020
बिहार के जहानाबाद जिले में समय पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने के कारण शुक्रवार को सदर अस्पताल में एक मासूम सरकारी अस्पताल की व्यवस्था की भेंट चढ़ गया। बताया जाता है कि मासूम को घर से अस्पताल पहुंचने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली और फिर बाद में सदर अस्पताल से पटना जाने के लिए भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो सका। बुखार और सांस लेने में तकलीफ के कारण बच्चे ने बेहतर इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। 



एक पत्रकार उत्कर्ष सिंह ने इस घटना का वीडियो ट्वीट किया है जिसे रीट्वीट करते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर निशाना साधा है। तेजस्वी ने इसे चमकी बुखार की आहट बताया। उत्कर्ष सिंह ने लिखा है.... ''हाथों में 3 साल के बच्चे की लाश लेकर बदहवास भागती ये मां बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली की गवाह है। जहां एम्बुलेंस न मिलने की वजह से मासूम की जान चली गई। बच्चे को पहले अरवल से जहानाबाद रेफर किया, फिर जहानाबाद से पटना।

मरने के बाद शव ले जाने के लिए भी एम्बुलेंस नहीं मिली।''

इसे रीट्वीट करते हुए तेजस्वी यादव ने लिखा है... ''मुज़फ़्फ़रपुर कांड के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार को यूँ ही अमानवीय,असंवेदनशील और बेशर्म नहीं कहा था। चमकी बुखार से विगत वर्ष सैंकड़ों बच्चे मरे थे।इस वर्ष भी चमकी से मौतों की शुरुआत हो चुकी है।बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था ICU में मरणासन्न है।स्वास्थ्य मंत्री नहीं के बराबर है'' 



दरअसल, अरवल जिले के कुर्था थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव निवासी गिरिजेश कुमार अपने 3 साल के पुत्र ऋषि कुमार को लेकर इलाज के लिए शुक्रवार को जहानाबाद सदर अस्पताल पहुंचा। बच्चे को तेज बुखार था और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। बच्चे की हालत गंभीर से जिसके कारण जहानाबाद सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे पटना रेफर कर दिया। लेकिन काफी इंतजार के बाद भी जब उसे एंबुलेंस नहीं मिला तो मासूम की सांस उसका साथ छोड़ने लगी।

स्थानीय लोगों की सूचना पर पीपीएम स्कूल के निदेशक डॉक्टर सुनील कुमार ने अपना प्राइवेट वाहन उसे उपलब्ध कराया लेकिन जब तक वह उक्त वाहन से पटना निकलता उससे पहले ही मासूम की सांस उखड़ गई। बाद में उसी वाहन से मासूम और उसके परिजनों को उसके घर भेजा गया। ज्ञातव्य की जहानाबाद सदर अस्पताल 55 सरकारी एंबुलेंस उपलब्ध है। इसके बावजूद सही समय पर गरीबों को एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाती है। इस कारण उस बच्चे की मौत हो गई।

दोपहर में बुखार से पीड़ित एक बच्चा इलाज के लिए आया था उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी बच्चा काफी सीरियस था। प्राथमिक उपचार के बाद उसको पीएमसीएच रेफर कर दिया था। अब उसे किस कारण एंबुलेंस नहीं मिला। इसकी जांच कराई जाएगी। -डॉ. बीके झा अधीक्षक, सदर अस्पताल 

 

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