यूपी सरकार का 16 लाख कर्मचारियों को झटका, 6 भत्ते खत्म

Written by Sabrangindia Staff | Published on: May 14, 2020
कोरोना वायरस के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राइवेट कर्मचारियों के लिए कंपनी मालिकों से अनुरोध किया था कि वे उन्हें नौकरी से न निकालें। लेकिन भाजपा शासित राज्य सरकारें सरकारी कर्मचारियों के वेतन-भत्ता कटौती में लगी हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले 6 तरह के भत्तों को समाप्त करने का फैसला लिया है। मंगलवार को इससे संबंधित आदेश भी जारी कर दिया गया। सरकार के इस फैसले से राज्य के 16 लाख कर्मचारियों को झटका लगा है।



सरकार ने आदेश जारी कर नगर प्रतिकार, सचिवालय भत्ता, पीडब्लूडी के कर्मचारियों को मिलने वाले भत्ते, अवर अभियंताओं को मिलने वाले भत्तों को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया। सरकार के इस फैसले से राज्य के कर्मचारियों में असंतोष का माहौल है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार ने कर्मचारियों के साथ धोखा किया। इन छह प्रकार के भत्तों को खत्म करने से सरकार को एक साल में तकरीबन 1500 करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है।

बता दें कि नगर प्रतिकर भत्ता एक लाख तक या उससे अधिक आबादी वाले नगरों में तैनात सभी राज्य कर्मचारियों और शिक्षकों को दिया जाता है। फिलहाल राज्य कर्मचारियों को नगरों की श्रेणियों के हिसाब से 250 से लेकर 900 रुपये प्रतिमाह तक नगर प्रतिकर भत्ता दिया जा रहा था।

वहीं, सचिवालय भत्ता सचिवालय में तैनात निचले स्तर से लेकर विशेष सचिव स्तर तक के कर्मचारियों को मिलता था, जिसकी अधिकतम सीमा 2500 रुपये थी। सचिवालय में तैनात कर्मियों के अलावा यह भत्ता राजस्व परिषद में अध्यक्ष और सदस्यों को छोड़कर शेष कार्मिकों और इलाहाबाद हाई कोर्ट में एडीशनल रजिस्ट्रार तक के सभी कार्मिकों को मिलता था।

इससे पहले पिछले महीने योगी सरकार ने महंगाई भत्ते पर रोक लगाने का फैसला लिया था। कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को डीए नहीं मिलेगा। कर्मचारियों का 1 जनवरी 2020 से जून 2021 तक का महंगाई भत्ता बंद रहेगा। इस निर्णय के विरोध में कर्मचारियों में आक्रोश है। सचिवालय कर्मचारी संघ प्रदेश के अन्य संगठनों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति पर विचार करेगा।

 

बाकी ख़बरें