माइनॉरिटि कोर्डीनेशन कमेटी अहमदाबाद के कन्वीनर मुजाहिद नफीस ने गुजरात राज्य में धार्मिक असहिष्णुता न फैलाने व कोरोना महामारी पर श्वेत पत्र लाने के संबंध में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के नाम खुला पत्र लिखा है...
सेवा में,
विजय भाई रूपाणी जी
माननीय मुख्यमंत्री, गुजरात
महोदय, आपके द्वारा तारीख 24-4-20 को विडियो संदेश में बताया कि मार्च महीने में विदेश से आए हुए 6000 लोगों को कोरोंटाइन किया गया जिसकी वजह से कोरोना नहीं फैला। परंतु बदकिस्मती से दिल्ली निज़ामुद्दीन से तबलीगी आए जिनकी वजह से कोरोना गुजरात में फैला, इसको अहमदाबाद से प्रकाशित दिव्य भास्कर ने 25-4-20 को पहले पन्ने पर छापा है। महोदय आपके द्वारा उक्त कथन पूर्णतया तथ्यहीन, विभाजनकारी, दो संप्रदायों के बीच वैमनस्यता पैदा करने वाला है। आपको मालूम ही होगा कि चीन में 17 नवम्बर 2019 व अमेरिका में 20 जनवरी 2020 को पहला कोरोना का केस रिपोर्ट हुआ। भारत में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी 2020 को केरल में रिपोर्ट हुआ था। वहीं गुजरात राज्य में पहले 2 केस में से एक आपके गृह जिला राजकोट और दूसरा सूरत में 19 मार्च को रिपोर्ट हुए। आपके द्वारा 20 मार्च 2020 को जारी किए हुए विडियो https://youtu.be/S_x-xMApR0U में आपने बताया है कि 20 मार्च तक 5 कोरोना पॉज़िटिव केस गुजरात में रिपोर्ट हुए है जो विदेश से आए हुए गुजरात के निवासी हैं।
महोदय विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) द्वारा 30 जनवरी 2020 को ही COVID-19 को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया। महोदय विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) द्वारा एक असाधारण घटना की औपचारिक घोषणा है, जो बीमारी के अंतरराष्ट्रीय प्रसार के माध्यम से अन्य राज्यों को सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम का गठन करने की पूर्व तयारियों के लिए होता है।
महोदय हम देखते हैं कि जिस समय स्वास्थ्य संबंधी पूर्व तयारी करनी चाहिए उस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा को नज़रअंदाज़ करते हुए अहमदाबाद में 24 फरवरी 2020 के नमस्ते ट्रूम्प कार्यक्रम का आयोजन को सफ़ल बनाने के लिए गुजरात सरकार का पूरा तंत्र तन, मन, धन, बल से एक पैर पर खड़े होकर 1 महीने तक जुटा रहा। अमेरिका में 20 जनवरी 2020 से कोरोना प्रवेश कर चुका था फिर भी सरकार ने 24 फरवरी को अहमदाबाद में कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में महामारी का ख़तरा होने के बावजूद 1 लाख से अधिक लोग जमा किए गए। जो लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए उनके स्वास्थ्य की जांच हुई कि नहीं? इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए अमेरिका से बहुत से लोग, अधिकारी, सुरक्षाकर्मी, वाहन और कुत्ते भी अहमदाबाद आए जो पूरे अहमदाबाद में घूमे। आपको तबलीगी के नाम पर तथ्यहीन बात नहीं, सरकार की तैयारी को जनता के समक्ष रखना चाहिए। महोदय सत्ता में बैठे लोगों को राजनीति से ऊपर उठकर देखना चाहिए। महोदय आपको इस बात को जनता के समक्ष रखना चाहिए कि जिस शहर में नमस्ते ट्रूम्प आयोजित हुआ उसी शहर में सबसे अधिक केस क्यों हैं? न की धार्मिक कार्ड के ज़रिये नाकामी छुपाने का प्रयास। सरकार की लापरवाही का भोग अहमदाबाद और गुजरात की जनता बन रही है। सरकार देर से जागी और बिना पूर्व तैयारी के लॉकडाउन किया जिससे लोग तमाम जगहों पर फंस गए, खाद्यान ना मिलने के कारण लोग भूख से परेशान हैं, अपने घर जाने के लिए लोग पैदल ही निकाल पड़े, रोज़ नियम बदले जा रहे हैं, ऐसी परिस्तिथि में भी धार्मिक छुआछूत के चलते मुस्लिम और हिन्दू मरीज़ों के अलग वार्ड बनाने का फैसला किया जाता है।
महोदय आप राज्य के मुख्यमंत्री हैं जो कि एक संवैधानिक पद हैं, आपने जिस तरह से एक समुदाय विशेष पर आरोप लगाने की कोशिश की है वो संविधान के अनुच्छेद 51 का स्पष्ट उल्लंघन है। महोदय राज्य को आप से इस देश के संविधान, सामाजिक तानेबाने को मजबूत करने की अपेक्षा है ना कि किसी दक्षिणपंथी अलगाववादी संगठन के नेता के रूप में जो समाज को विघटित करता है जिससे देश कमज़ोर होता है।
आपसे निवेदन है कि गुजरात में 30 जनवरी 2020 से फ्लाइट रोके जाने तक विदेश से आए सभी लोग जिसमे राजनयिक छूट प्राप्त भी हों के नाम सार्वजनिक करें, उनमे से कितनों की कोरोना जांच की गयी को भी सार्वजनिक करें व गुजरात सरकार की कोरोना से लड़ाई की तैयारी पर श्वेत पत्र जारी करें जिससे राज्य के लोगों को पता चले कि किसके कारण कोरोना अहमदाबाद में आया।
मुझे विश्वास है कि आप संविधान की रक्षा करने की शपथ को याद करते हुए ऐसे निर्णय लेंगे जिनसे राज्य का सामाजिक ताना बाना मजबूत हो व हम सब मिलकर इस महामारी से लड़ें और इस बीमारी को हरा सकें।
जय हिन्द
भवदीय,
मुजाहिद नफीस
कन्वीनर
माइनॉरिटि कोर्डीनेशन कमेटी
बाग़-ए-निशात के आगे, सोनल सिनेमा रोड, जुहापुरा
अहमदाबाद,गुजरात
Email- nafeesmujahid43@gmail.com
सेवा में,
विजय भाई रूपाणी जी
माननीय मुख्यमंत्री, गुजरात
महोदय, आपके द्वारा तारीख 24-4-20 को विडियो संदेश में बताया कि मार्च महीने में विदेश से आए हुए 6000 लोगों को कोरोंटाइन किया गया जिसकी वजह से कोरोना नहीं फैला। परंतु बदकिस्मती से दिल्ली निज़ामुद्दीन से तबलीगी आए जिनकी वजह से कोरोना गुजरात में फैला, इसको अहमदाबाद से प्रकाशित दिव्य भास्कर ने 25-4-20 को पहले पन्ने पर छापा है। महोदय आपके द्वारा उक्त कथन पूर्णतया तथ्यहीन, विभाजनकारी, दो संप्रदायों के बीच वैमनस्यता पैदा करने वाला है। आपको मालूम ही होगा कि चीन में 17 नवम्बर 2019 व अमेरिका में 20 जनवरी 2020 को पहला कोरोना का केस रिपोर्ट हुआ। भारत में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी 2020 को केरल में रिपोर्ट हुआ था। वहीं गुजरात राज्य में पहले 2 केस में से एक आपके गृह जिला राजकोट और दूसरा सूरत में 19 मार्च को रिपोर्ट हुए। आपके द्वारा 20 मार्च 2020 को जारी किए हुए विडियो https://youtu.be/S_x-xMApR0U में आपने बताया है कि 20 मार्च तक 5 कोरोना पॉज़िटिव केस गुजरात में रिपोर्ट हुए है जो विदेश से आए हुए गुजरात के निवासी हैं।
महोदय विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) द्वारा 30 जनवरी 2020 को ही COVID-19 को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया। महोदय विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) द्वारा एक असाधारण घटना की औपचारिक घोषणा है, जो बीमारी के अंतरराष्ट्रीय प्रसार के माध्यम से अन्य राज्यों को सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम का गठन करने की पूर्व तयारियों के लिए होता है।
महोदय हम देखते हैं कि जिस समय स्वास्थ्य संबंधी पूर्व तयारी करनी चाहिए उस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा को नज़रअंदाज़ करते हुए अहमदाबाद में 24 फरवरी 2020 के नमस्ते ट्रूम्प कार्यक्रम का आयोजन को सफ़ल बनाने के लिए गुजरात सरकार का पूरा तंत्र तन, मन, धन, बल से एक पैर पर खड़े होकर 1 महीने तक जुटा रहा। अमेरिका में 20 जनवरी 2020 से कोरोना प्रवेश कर चुका था फिर भी सरकार ने 24 फरवरी को अहमदाबाद में कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में महामारी का ख़तरा होने के बावजूद 1 लाख से अधिक लोग जमा किए गए। जो लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए उनके स्वास्थ्य की जांच हुई कि नहीं? इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए अमेरिका से बहुत से लोग, अधिकारी, सुरक्षाकर्मी, वाहन और कुत्ते भी अहमदाबाद आए जो पूरे अहमदाबाद में घूमे। आपको तबलीगी के नाम पर तथ्यहीन बात नहीं, सरकार की तैयारी को जनता के समक्ष रखना चाहिए। महोदय सत्ता में बैठे लोगों को राजनीति से ऊपर उठकर देखना चाहिए। महोदय आपको इस बात को जनता के समक्ष रखना चाहिए कि जिस शहर में नमस्ते ट्रूम्प आयोजित हुआ उसी शहर में सबसे अधिक केस क्यों हैं? न की धार्मिक कार्ड के ज़रिये नाकामी छुपाने का प्रयास। सरकार की लापरवाही का भोग अहमदाबाद और गुजरात की जनता बन रही है। सरकार देर से जागी और बिना पूर्व तैयारी के लॉकडाउन किया जिससे लोग तमाम जगहों पर फंस गए, खाद्यान ना मिलने के कारण लोग भूख से परेशान हैं, अपने घर जाने के लिए लोग पैदल ही निकाल पड़े, रोज़ नियम बदले जा रहे हैं, ऐसी परिस्तिथि में भी धार्मिक छुआछूत के चलते मुस्लिम और हिन्दू मरीज़ों के अलग वार्ड बनाने का फैसला किया जाता है।
महोदय आप राज्य के मुख्यमंत्री हैं जो कि एक संवैधानिक पद हैं, आपने जिस तरह से एक समुदाय विशेष पर आरोप लगाने की कोशिश की है वो संविधान के अनुच्छेद 51 का स्पष्ट उल्लंघन है। महोदय राज्य को आप से इस देश के संविधान, सामाजिक तानेबाने को मजबूत करने की अपेक्षा है ना कि किसी दक्षिणपंथी अलगाववादी संगठन के नेता के रूप में जो समाज को विघटित करता है जिससे देश कमज़ोर होता है।
आपसे निवेदन है कि गुजरात में 30 जनवरी 2020 से फ्लाइट रोके जाने तक विदेश से आए सभी लोग जिसमे राजनयिक छूट प्राप्त भी हों के नाम सार्वजनिक करें, उनमे से कितनों की कोरोना जांच की गयी को भी सार्वजनिक करें व गुजरात सरकार की कोरोना से लड़ाई की तैयारी पर श्वेत पत्र जारी करें जिससे राज्य के लोगों को पता चले कि किसके कारण कोरोना अहमदाबाद में आया।
मुझे विश्वास है कि आप संविधान की रक्षा करने की शपथ को याद करते हुए ऐसे निर्णय लेंगे जिनसे राज्य का सामाजिक ताना बाना मजबूत हो व हम सब मिलकर इस महामारी से लड़ें और इस बीमारी को हरा सकें।
जय हिन्द
भवदीय,
मुजाहिद नफीस
कन्वीनर
माइनॉरिटि कोर्डीनेशन कमेटी
बाग़-ए-निशात के आगे, सोनल सिनेमा रोड, जुहापुरा
अहमदाबाद,गुजरात
Email- nafeesmujahid43@gmail.com