हाथरस में हाहाकार: सत्संग में भगदड़, 121 की मौत, सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका

Written by sabrang india | Published on: July 3, 2024
उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। जिले के फुलराई गांव में भोलेबाबा का प्रवचन कार्यक्रम चल रहा था। इस दौरान समापन के बाद अचानक भगदड़ मच गई। कार्यक्रम में शामिल होने आए 134 लोगों की इस हादसे में मौत हो गई। हालांकि प्रशासन ने अभी तक 121 लोगों के नाम सार्वजनिक किए हैं। सैकड़ों भक्त भीषण गर्मी से बेहोश हो गए।



उत्तर प्रदेश का हाथरस जिला मंगलवार को उस समय सुर्खियों में आ गया जब सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि इस सत्संग में लगभग ढाई लाख से ज्यादा लोग शामिल थे जबकि 80 हजार लोगों की परमीशन ली गई थी। 

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जब हादसा हुआ उस समय सत्संग खत्म होने की ओर था। अचानक हुई भगदड़ ने लोगों को, खासकर महिलाओं को रौंदना शुरू कर दिया और देखते-देखते वहां घायलों और मरने वालों की कतार लग गई। यह भगदड़ क्यों मची, इसे लेकर कई दावे सामने आ रहे हैं। एक दावा यह है कि इस सत्संग में बाबा के चरणों की धूल लेने की जब होड़ लग गई, तब बाबा के सुरक्षाकर्मियों ने, जिन्हें सेवादार नाम दिया गया है, लाठियां भाजनी शुरू कर दी। सेवादार बाबा की सुरक्षा में लाठियां भांज रहे थे। इन लाठियों से बचने के लिए भीड़ पीछे हटी। इस पीछे हटी भीड़ को जिस गेट से निकलना था, सेवादारों ने उन्हें दूसरी ओर का रास्ता दे दिया, जिससे भगदड़ जानलेने वाली भीड़ में बदल गई।

आज सीएम ने हाथरस पुलिस लाइन में हालात का जायजा लेने के बाद सरकारी अस्पताल में भगदड़ की घटना में घायलों से मुलाकात की। घायलों से मुलाकात के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम योगी ने कहा कि इस पूरे हादसे में 121 भक्तों की मौत हुई है। जो उत्तर प्रदेश के साथ साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश से भी जुड़े हुए थे। वहीं प्रदेश में हाथरस, बदायूं, कासगंज, अलीगढ़, एटा, ललितपुर, फैजाबाद, आगरा जनपद के लोग शामिल हैं। हाथरस के जिला अस्पताल में कई लोगों का इलाज चल रहा है।  
 
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका

हाथरस में 02 जुलाई को हुई भगदड़ की घटना में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।

इसके अलावा, याचिका में कोर्ट से उत्तर प्रदेश राज्य को इस घटना के लिए स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने और व्यक्ति, अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ उनके लापरवाह आचरण के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, यह सुनिश्चित करने के लिए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके, याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने राज्य सरकारों को उन मामलों के लिए दिशा-निर्देश जारी करने के लिए निर्देश देने की प्रार्थना की है, जहां बड़ी संख्या में सार्वजनिक भीड़ होती है।

यह भगदड़ की घटना धार्मिक सभा सत्संग कार्यक्रम में हुई। इसमें 100 से ज्यादा लोग मारे गए।

याचिका में कहा गया,

“ऐसी घटना प्रथम दृष्टया सरकारी अधिकारियों द्वारा जनता के प्रति जिम्मेदारी की चूक, लापरवाही और देखभाल के प्रति बेईमानी की गंभीर स्थिति को दर्शाती है। पिछले एक दशक से हमारे देश में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें कुप्रबंधन, कर्तव्य में चूक, लापरवाह रखरखाव गतिविधियों के कारण बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है, जिन्हें टाला जा सकता था, लेकिन इस तरह की मनमानी और अधूरी कार्रवाइयों के कारण इस तरह के काम हुए हैं।''

इसके समर्थन में धार्मिक उत्सवों, समारोहों और कार्यक्रमों में हुई भगदड़ की इसी तरह की घटनाओं का हवाला दिया गया।


इसके मद्देनजर याचिकाकर्ता ने निम्नलिखित के लिए प्रार्थना की है:

1. 2-7-2024 को हुई हाथरस भगदड़ की घटना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की देखरेख में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त करने के लिए प्रतिवादियों को तत्काल निर्देश/निर्देश जारी करें और सार्वजनिक सुरक्षा के हित में समिति को बड़ी संख्या में सार्वजनिक समारोहों में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए दिशा-निर्देश, सुरक्षा उपाय सुझाने और तैयार करने का निर्देश दें।

2. उत्तर प्रदेश राज्य के प्रतिवादी नंबर 2 को हाथरस में 2-7-2024 को हुई भगदड़ की घटना की स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए परमादेश/निर्देश जारी करें। साथ ही संबंधित व्यक्ति, अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ उनके लापरवाह आचरण के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दें।


3. उत्तरदाताओं/राज्य सरकारों को परमादेश/निर्देश जारी करें कि वे किसी भी धार्मिक आयोजन या अन्य आयोजनों के आयोजन में जनता की सुरक्षा के लिए भगदड़ या अन्य घटनाओं को रोकने के लिए निर्देश और दिशा-निर्देश जारी करें, जहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते है।

4. राज्य सरकारों को भगदड़ और अन्य घटनाओं से निपटने के लिए ब्लॉक/तहसील से लेकर जिला स्तर तक उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति प्रस्तुत करने के लिए परमादेश/निर्देश जारी करें।

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