हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के जन्मदिन पर कार्यक्रम आयोजित किया। गोडसे का जन्म 19 मई 1910 को पुणे जिले के बारामती में हुआ था। उस समय यह क्षेत्र बंबई प्रेसीडेंसी का हिस्सा था। हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने बताया कि दौलतगंज इलाके में संगठन के कार्यालय में जन्मदिन मनाया गया।
गोडसे को ''देशभक्त'' बताते हुए भारद्वाज ने कहा, ''हमने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनकी तस्वीर के सामने आरती उतारी और मिठाइयां बांटी।'' उन्होंने दावा किया कि भाजपा के कई नेता गोडसे को देशभक्त मानते हैं लेकिन सत्तारुढ़ दल में एक धड़े ने उनकी निंदा की है। इससे पहले 15 नवंबर 2017 को हिंदू महासभा ने ग्वालियर के अपने कार्यालय में गोडसे की 32 इंच की आवक्ष प्रतिमा लगायी थी, जिसे प्रशासन ने हटा दिया था।
भारद्वाज ने कहा, ''अगर जिला प्रशासन ने इस साल 15 नवंबर तक आवक्ष प्रतिमा को नहीं लौटायी तो महासभा ग्वालियर के अपने कार्यालय में दूसरी प्रतिमा लगाएगी।''
बहरहाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र सिंह ने बताया कि महासभा के कार्यक्रम से शांति व्यवस्था नहीं बिगड़ी। पुलिस कड़ी नजर रखे हुए थी। क्या हिंदू महासभा ने इसके लिए इजाजत ली थी, इस पर उन्होंने कहा कि निजी संपत्ति पर बंद कमरे के भीतर कार्यक्रम का आयोजन हुआ इसलिए अनुमति की जरूरत नहीं थी।
गोडसे को ''देशभक्त'' बताते हुए भारद्वाज ने कहा, ''हमने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनकी तस्वीर के सामने आरती उतारी और मिठाइयां बांटी।'' उन्होंने दावा किया कि भाजपा के कई नेता गोडसे को देशभक्त मानते हैं लेकिन सत्तारुढ़ दल में एक धड़े ने उनकी निंदा की है। इससे पहले 15 नवंबर 2017 को हिंदू महासभा ने ग्वालियर के अपने कार्यालय में गोडसे की 32 इंच की आवक्ष प्रतिमा लगायी थी, जिसे प्रशासन ने हटा दिया था।
भारद्वाज ने कहा, ''अगर जिला प्रशासन ने इस साल 15 नवंबर तक आवक्ष प्रतिमा को नहीं लौटायी तो महासभा ग्वालियर के अपने कार्यालय में दूसरी प्रतिमा लगाएगी।''
बहरहाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र सिंह ने बताया कि महासभा के कार्यक्रम से शांति व्यवस्था नहीं बिगड़ी। पुलिस कड़ी नजर रखे हुए थी। क्या हिंदू महासभा ने इसके लिए इजाजत ली थी, इस पर उन्होंने कहा कि निजी संपत्ति पर बंद कमरे के भीतर कार्यक्रम का आयोजन हुआ इसलिए अनुमति की जरूरत नहीं थी।