छत्तीसगढ़ में इस बार तिकोने मुकाबले में फंसी भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। टिकट न मिलने से नाराज नेताओं के पार्टी बदलने का सिलसिला जारी है, जबकि अन्य दलों से जो नेता भाजपा में आ रहे हैं, उनका पार्टी में विरोध हो रहा है।
ताजा झटका सतनामी समाज की तरफ से मिला है, जिसके गुरु बालदास और उनके बेटे कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। पिछले चुनावों में सतनामी समाज ने और उनके गुरु बालदास ने भाजपा का काफी प्रचार किया था और मुख्यमंत्री रमन सिंह ने उनकी अहमियत को समझकर उन्हें हेलीकॉप्टर भी मुहैया कराया था।
इस बार गुरु बालदास ने अपने बेटे खुशवंत साहब के लिए आरंग विधानसभा सीट से टिकट मांगा था लेकिन पार्टी ने उनकी नहीं सुनी। इससे नाराज गुरु बालदास और खुशवंत साहब ने भाजपा छोड़ने का ऐलान करते हुए कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली।
गुरु बालदास ने कहा कि उनकी सतनामी सेना अब भाजपा को सबक सिखाएगी। एससी और ओबीसी बहुल सीटों पर सतनामी समाज के लोगों की तादाद अच्छी खासी है। यही कारण है कि रमन सिंह गुरु बालदास को अपने साथ जोड़े रखते थे, लेकिन रमन सिंह भी उन्हें टिकट नहीं दिला पाए तो गुरु बालदास भड़क गए।
भाजपा के लिए ये झटका दोगुना भी है क्योंकि एक और सतनामी गुरु रुद्र कुमार भी कांग्रेस की तरफ हो चुके हैं। रुद्र कुमार और उनके पिता विजय गुरु का भी छत्तीसगढ़ में काफी असर है।
सतनामी गुरु बालदास की अहमियत इस बात से भी समझी जा सकती है कि 2017 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी 2017 में छत्तीसगढ़ दौरे में उनसे मिले थे।
गुरु बालदास भी अपनी अहमियत को समझ रहे थे इसलिए उन्होंने आरंग विधानसभा सीट से अपने बेटे के लिए टिकट मांगा था, लेकिन आपसी खींचतान में भाजपा ने उनकी मांग पूरी नहीं की।
माना जा रहा है कि सतनामी समाज अब पूरी तरह से भाजपा के खिलाफ हो चुका है और इसका नुकसान उसे कई सीटों पर भुगतना पड़ सकता है।
ताजा झटका सतनामी समाज की तरफ से मिला है, जिसके गुरु बालदास और उनके बेटे कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। पिछले चुनावों में सतनामी समाज ने और उनके गुरु बालदास ने भाजपा का काफी प्रचार किया था और मुख्यमंत्री रमन सिंह ने उनकी अहमियत को समझकर उन्हें हेलीकॉप्टर भी मुहैया कराया था।
इस बार गुरु बालदास ने अपने बेटे खुशवंत साहब के लिए आरंग विधानसभा सीट से टिकट मांगा था लेकिन पार्टी ने उनकी नहीं सुनी। इससे नाराज गुरु बालदास और खुशवंत साहब ने भाजपा छोड़ने का ऐलान करते हुए कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली।
गुरु बालदास ने कहा कि उनकी सतनामी सेना अब भाजपा को सबक सिखाएगी। एससी और ओबीसी बहुल सीटों पर सतनामी समाज के लोगों की तादाद अच्छी खासी है। यही कारण है कि रमन सिंह गुरु बालदास को अपने साथ जोड़े रखते थे, लेकिन रमन सिंह भी उन्हें टिकट नहीं दिला पाए तो गुरु बालदास भड़क गए।
भाजपा के लिए ये झटका दोगुना भी है क्योंकि एक और सतनामी गुरु रुद्र कुमार भी कांग्रेस की तरफ हो चुके हैं। रुद्र कुमार और उनके पिता विजय गुरु का भी छत्तीसगढ़ में काफी असर है।
सतनामी गुरु बालदास की अहमियत इस बात से भी समझी जा सकती है कि 2017 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी 2017 में छत्तीसगढ़ दौरे में उनसे मिले थे।
गुरु बालदास भी अपनी अहमियत को समझ रहे थे इसलिए उन्होंने आरंग विधानसभा सीट से अपने बेटे के लिए टिकट मांगा था, लेकिन आपसी खींचतान में भाजपा ने उनकी मांग पूरी नहीं की।
माना जा रहा है कि सतनामी समाज अब पूरी तरह से भाजपा के खिलाफ हो चुका है और इसका नुकसान उसे कई सीटों पर भुगतना पड़ सकता है।