नई दिल्ली। जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने टूलकिट मामले में गिरफ्तार की गईं कार्यकर्ता दिशा रवि के समर्थन में ट्वीट कर मानवाधिकार का मामला उठाया है।
दिशा रवि भारत में ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया’ कैंपेन के संस्थापकों में से एक हैं। यह स्कूली छात्रों का एक अंतरराष्ट्रीय आंदोलन है, जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता है। इस आंदोलन को उस समय व्यापक लोकप्रियता मिली थी, जब थनबर्ग ने स्वीडन की संसद के बाहर प्रदर्शन किया था। थनबर्ग ने ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया’ के ट्वीट थ्रेड को रिट्वीट कर दिशा रवि के प्रति अपना समर्थन जताया।
दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद यह पहली बार है कि फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया और थनबर्ग ने उनके समर्थन में सार्वजनिक तौर पर आवाज उठाई है। थनबर्ग ने हैशटैग ‘आईस्टैंडविददिशारवि’ के साथ ट्वीट कर कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करना तथा एक साथ जमा होना, निर्विवाद रूप से मानवाधिकार हैं। इसे किसी भी लोकतंत्र का मूलभूत हिस्सा होना चाहिए।’
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले टूलकिट को साझा करने में कथित भूमिका के चलते 13 फरवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस का कहना था कि दिशा रवि ने किसान आंदोलन से जुड़े उस डॉक्यूमेंट को शेयर किया, जिसे अंतरराष्ट्रीय जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था।
पुलिस ने दिशा रवि पर टूलकिट नाम के उस डॉक्यूमेंट को एडिट कर उसमें कुछ चीजें जोड़ने और आगे फॉरवर्ड करने का आरोप लगाया है। दिशा बेंगलुरु के प्रतिष्ठित विमेंस कॉलेज में शामिल माउंट कार्मेल की छात्रा हैं।
दिल्ली की अदालत ने शुक्रवार को टूलकिट मामले में गिरफ्तार दिशा रवि को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कार्यकर्ता शांतनु मुलुक और निकिता जैकब सहित दो अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।
पुलिस का दावा है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा समेत किसान आंदोलन का पूरा घटनाक्रम ट्विटर पर साझा किए गए टूलकिट में बताई गई कथित योजना से मिलता-जुलता है। यह टूलकिट एक दस्तावेज है, जो ट्विटर पर किसानों के लिए समर्थन जुटाने के लिए और भारतीय दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने जैसे कार्यों का सुझाव देता है।
ट्विटर पर किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए ग्रेटा ने इस टूलकिट को साझा किया था। आरोप है कि इस ‘टूलकिट’ में भारत में अस्थिरता फैलाने को लेकर साजिश की योजना थी। किसान आंदोलन पर ट्वीट को लेकर दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था, इसमें आपराधिक साजिश और समूहों में दुश्मनी फैलाने का आरोप लगाया गया था।
दिशा रवि भारत में ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया’ कैंपेन के संस्थापकों में से एक हैं। यह स्कूली छात्रों का एक अंतरराष्ट्रीय आंदोलन है, जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता है। इस आंदोलन को उस समय व्यापक लोकप्रियता मिली थी, जब थनबर्ग ने स्वीडन की संसद के बाहर प्रदर्शन किया था। थनबर्ग ने ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया’ के ट्वीट थ्रेड को रिट्वीट कर दिशा रवि के प्रति अपना समर्थन जताया।
दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद यह पहली बार है कि फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया और थनबर्ग ने उनके समर्थन में सार्वजनिक तौर पर आवाज उठाई है। थनबर्ग ने हैशटैग ‘आईस्टैंडविददिशारवि’ के साथ ट्वीट कर कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करना तथा एक साथ जमा होना, निर्विवाद रूप से मानवाधिकार हैं। इसे किसी भी लोकतंत्र का मूलभूत हिस्सा होना चाहिए।’
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले टूलकिट को साझा करने में कथित भूमिका के चलते 13 फरवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस का कहना था कि दिशा रवि ने किसान आंदोलन से जुड़े उस डॉक्यूमेंट को शेयर किया, जिसे अंतरराष्ट्रीय जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था।
पुलिस ने दिशा रवि पर टूलकिट नाम के उस डॉक्यूमेंट को एडिट कर उसमें कुछ चीजें जोड़ने और आगे फॉरवर्ड करने का आरोप लगाया है। दिशा बेंगलुरु के प्रतिष्ठित विमेंस कॉलेज में शामिल माउंट कार्मेल की छात्रा हैं।
दिल्ली की अदालत ने शुक्रवार को टूलकिट मामले में गिरफ्तार दिशा रवि को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कार्यकर्ता शांतनु मुलुक और निकिता जैकब सहित दो अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।
पुलिस का दावा है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा समेत किसान आंदोलन का पूरा घटनाक्रम ट्विटर पर साझा किए गए टूलकिट में बताई गई कथित योजना से मिलता-जुलता है। यह टूलकिट एक दस्तावेज है, जो ट्विटर पर किसानों के लिए समर्थन जुटाने के लिए और भारतीय दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने जैसे कार्यों का सुझाव देता है।
ट्विटर पर किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए ग्रेटा ने इस टूलकिट को साझा किया था। आरोप है कि इस ‘टूलकिट’ में भारत में अस्थिरता फैलाने को लेकर साजिश की योजना थी। किसान आंदोलन पर ट्वीट को लेकर दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था, इसमें आपराधिक साजिश और समूहों में दुश्मनी फैलाने का आरोप लगाया गया था।